नसीमुद्दीन बोले बड़ी बात- वोट नहीं मिला तो मायावती ने कहा, गद्दार हैं मुसलमान

बहुजन समाज पार्टी में कभी नंबर दो की हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बर्खास्तगी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने चुनाव नतीजों के बाद मुझे दिल्ली बुलाया और पूछा कि मुसलमानों ने बसपा को वोट क्यों नहीं दिया? बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जो मैं जानना चाहती हूं कि उसे अपने नेता को सही-सही बताना चाहिए.

नसीमुद्दीन बोले बड़ी बात- वोट नहीं मिला तो माया ने कहा, गद्दार हैं मुसलमान
इसके बाद मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनावों में अपर कास्ट, पिछड़े वर्ग के मतदाताओं ने भी बसपा को वोट नहीं दिया. इसके साथ दलितों में धोबी, सोनकर, पासी और कोरी ने भी बसपा को वोट नहीं दिया.

लंबे समय तक मायावती के विश्वास पात्र रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि जब तक गठबंधन नहीं हुआ था. मुसलमान हमारे साथ था, लेकिन गठबंधन होने के बाद मुसलमान कन्फ्यूज हो गया और वोट बंट गया. ऐसा नहीं है कि हमें मुसलमानों को वोट नहीं मिला, लेकिन हां समर्थन कम मिला है.’

उन्होंने कहा, ‘मेरी बात से असहमति जताते हुए बसपा सुप्रीमो ने मुझे गाली दी और कहा कि मैं उन्हें मूर्ख बना रहा हूं. मायावती ने कहा कि मुसलमान धोखेबाज हैं. दाढ़ी वालों ने कभी बसपा का साथ नहीं दिया.’नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि धोबी, पासी, कोहार सभी को बुरा भला कहा.

अपने ऊपर लगे आरोपों पर नसीमुद्दीन ने कहा कि मेरे और बेटे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं और तथ्यों को छुपाया गया है. सिद्दीकी ने मायावती पर पैसे मांगने के भी आरोप लगाए और कहा कि बसपा सुप्रीमो ने मुझसे 50 करोड़ रुपये मांगे. कहा कि जैसे भी हो पैसा लाओ, तभी पार्टी में आगे बढ़ पाओगे. भले ही तुम्हें इसके लिए अपनी संपत्ति ही क्यों न बेचनी पड़े.

उन्होंने कहा, ‘ताज कॉरीडोर मामले में मेरी और मायावती की संपत्ति की जांच हुई. मेरे खिलाफ कोई गड़बड़ी नहीं मिली, जबकि मायावती की संपत्ति के मामले में जालसाजी मिली.’ सिद्दीकी ने कहा कि बीएसपी की बर्बादी के पीछे सतीश मिश्रा का हाथ है.

उन्होंने कहा कि सतीश मिश्रा, मायावती और आनंद कुमार की संपत्ति के बारे में मेरे पास 32 सालों का जानकारी है. अगर खोल दूंगा तो भारत क्या पूरी दुनिया में भूचाल आ जाएगा. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि सुश्री ने क्या-क्या साजिश रची थी.

इससे पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर पलटवार किया था. सिद्दीकी ने मायावती पर भ्रष्टाचार और अवैध लेन-देन के आरोप साबित करने का दावा किया था. साथ ही सिद्दीकी ने मायावती के प्रति अपनी वफादारी को भावुक अंदाज में बयां किया है. प्रेस रिलीज के जरिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. साथ ही उन्होंने दावा किया कि, ‘जो आरोप मेरे ऊपर लगाये गए हैं, वो सभी आरोप मैं सबूत के साथ मायावती एंड कंपनी के खिलाफ साबित कर दूंगा.’

गुरुवार शाम वह एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती के बारे में कुछ खुलासा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इसकी तैयारी कर रखी है और वह अपनी बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूतों के साथ रखेंगे.

उधर बीएसपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को निकालने के बाद जल्द ही विधान परिषद में अपने नए नेता के नाम का ऐलान कर सकती है. माना जा रहा है की पार्टी गुरुवार शाम तक नसीमुद्दीन को विधान परिषद के नेता पद से हटाने का पत्र जारी करेगी और नए नेता का नाम भेजेगी.

स्वाति सिंह मामले में भी नसीमुद्दीन की बढ़ सकती है मुश्किलें
नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ स्वाति सिंह और उनकी बेटी पर अभद्र टिप्पणी मामले में पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है और जल्द ही वो चार्जशीट सौंप सकती है. बसपा नेता राम अचल राजभर और मेवालाल गौतम के खिलाफ भी हज़रतगंज पुलिस ने चार्जशीट तैयार की है. ऐसे में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ना तय है. हालांकि तमाम नजरें नसीमुद्दीन सिद्दीकी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं कि आखिर नसीमुद्दीन, मायावती के खिलाफ कौन-सा सबूत लाते हैं, जिसमें उनके खिलाफ पैसे लेने का आरोप साबित होता है.

‘दिया वफादारी का उदाहरण’
अपनी सफाई में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि, ‘बसपा का साथ थामने के साथ से लेकर अब तक मैंने मायावती के लिए बहुत कुर्बानियां दीं. मायावती के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के नसीमुद्दीन ने एक उदाहरण दिया.

भावुक हुए थे सिद्दीकी
सिद्दीकी ने लिखा, ‘1996 में यूपी विधानसभा के चुनाव थे. मायावती जी बदायूं की बिल्सी सीट से चुनाव लड़ रही थीं. मैं चुनाव प्रभारी था. चुनाव के दौरान मेरी इकलौती बड़ी बेटी गंभीर रूप से बीमार हो गई. वो बांदा में थी. मेरी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था. उसने फोन पर बताया कि बेटी की आखिरी सांस चल रही है, आप आ जाओ. मैंने मायावती जी को ये बताया. उन्होंने चुनाव खराब होने का हवाला देते हुए मुझे जाने से रोक दिया. मैं नहीं गया. मेरी इकलौती बेटी का ईलाज के अभाव में इंतकाल हो गया. मैं अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं गया और मायावती जी का चुनाव लड़ाता रहा. मैं अपनी बेटी की सूरत तक नहीं देख सका.’ ये भावुक अपील करते हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मेरे वफादारी का सिला मुझे पार्टी से बाहर निकालकर दिया गया है.

मुसलमानों के ऊपर लगाए गलत आरोप
नसीमुद्दीन ने चुनाव में बीएसपी की हार का भी जिक्र किया. सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मायावती अपनी गलत नीतियों के कारण 2009 लोकसभा चुनाव, 2012 विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव हारीं. और उन्होंने मुसलमानों के ऊपर गलत आरोप लगाए.

 

 

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