उन्होंने कहा कि केजरीवाल और उनकी सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि शिक्षा कोई प्रचार का विषय नही है कि वे बनावटी कहानी बनाकर उसे अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हेडलाइन बनाने की कोशिश करें। ऐसा करके वह दिल्ली के लाखों छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं।