CM योगी आदित्यनाथ ने अग्निपथ योजना की तारीफ करते हुए कही ये बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अग्निपथ योजना को स्वीकृति दिए जाने का स्वागत किया है। कहा है कि यह योजना सशस्त्र बलों के सामथ्र्य में वृद्धि करेगी। देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी। योगी ने कहा कि अग्निपथ योजना का लक्ष्य सशस्त्र बलों को आधुनिक तकनीक से युक्त युवा शक्ति से जोड़ना है।

इन युवाओं को अग्निवीर की संज्ञा दी गई है। योजना के माध्यम से युवाओं को देश की सेवा करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का अनूठा अवसर मिलेगा। इस वर्ष 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। अग्निवीर बढ़ते भारत की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे। राष्ट्र सेवा की अवधि के दौरान अग्निवीरों को विभिन्न सैन्य कौशल और अनुभव प्राप्त होंगे। उनके अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, साहस और फिटनेस में वृद्धि होगी।

अग्निपथ योजना के तहत कितनी मिलेगी सैलरी: अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को पहले साल 4.76 लाख का सालाना पैकेज मिलेगा। चौथी साल तक बढ़कर ये 6.92 लाख तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा अन्य रिस्क और हार्डशिप भत्ते भी मिलेंगे। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को 11.7 लाख रुपए की सेवा निधि दी जाएगी। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

अग्निवीरों की भर्ती पूरे देश में आयोजित की जाएगी। मेरिट में आए युवाओं को इसमें चुना जाएगा। चुने गए कैंडिडेट्स बतौर अग्निवीर 4 साल तक सेना में सर्विस देंगे। चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर सेना की नौकरी छोड़ देंगे। इसके बाद वह समाज में एक स्कील्ड नागरिक के तौर पर अनुशासित जीवन जी सकते हैं। मेरिट के आधार पर और सेना की जरूरत के हिसाब से सेना 25 फीसद अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में समायोजित कर सकती है। होलोग्राफिक्स, नाइट, फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस होंगे जवान। हैंड हेल्ड टारगेट सिस्टम भी जवानों के हाथ में दिए जाएंगे। इसके लिए 10 हफ्ते लेकर 6 महीने तक ट्रेनिंग दिए जाएंगे। साढ़े 17 से 21 साल उम्र के युवा इसमें नौकरी पा सकते हैं।

चार साल के लिए सेना में शामिल होंगे युवा: अग्निपथ योजना के तहत युवा चार साल के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे। यह रक्षा बलों का खर्च और उम्र घटाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। चार साल के बाद 80 प्रतिशत सैनिकों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा और आगे रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सेना उनकी मदद करेगी। देश की सेवा कर चुके ऐसे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं के लिए नौकरियां आरक्षित करने में विभिन्न कारपोरेशंस को भी रुचि होगी।

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