Fraud: पढि़ए कैसे? गरीबों को मकान दिलाने के नाम पर हुई लाखों की ठगी

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के पीजीआई स्थित डूडा कालोनी में किराये पर रहने वालों लोगों को मकान आवंटित करने के नाम पर जालसाजों ने 19 लाख रुपये की ठगी का अंजाम दिया। रुपये लेने के बाद सभी लोगों को फर्जी आवंटन पत्र थमा दिये गये। मामले तब खुला जब लोगों से आवास खाली करने के लिए कहा गया। तीन दिन तक इस बात को लेकर हंगामा चलता रहा। शुक्रवार को पुलिस ने इस संबंध में डूडा की दो कथित महिला कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।


पीजीआई के डूडा कालोनी में मोहम्मद फहीम अपने परिवार के साथ अपने मामा के घर में किराये पर रहते थे। उनकी पत्नी रानी ने बताया कि कुछ माह पहले डूडा की कुछ अधिकारी, जिसने में कुछ महिलाएं भी शामिल थी, कालोनी पहुंची और किरायेदारों से मकान खाली करने की बात को कहते हुए मकान मालिकों पर कार्रवाई की बात कही।

यह बात सुन रानी व उसका पति सन्न रह गया। मकान छीनने के डर से रानी व उसके पति ने उन लोगोंं से इसका हाल पूछा। इस पर आरोपियों ने उनके नाम से मकान का आवंटन करने की बात कही। पीडि़त रानी ने बताया कि आरोपियों ने मकान आवंटन के नाम पर 80 से 1.1 लाख रुपये की मांग की। रानी ने किसी तरह जमा पूंजी और अपने जेवरात बेचकर उन लोगों को 90 हजार रुपये दिये। इसके बाद आरोपियों ने रानी को मकान का आवंटन पत्र थमा दिया।

रानी ने जब इस बारे मेें कालोनी मेें रहने वाले अन्य किरायेदारों को बताया तो वह लोग भी आरोपियों के पास पहुंचे। आरोप है कि इस बाद जालसाजा ने सभी से लाखों रुपये लेकर मकान का फर्जी आवंटन पत्र थमा दिया। कुछ दिन पहले अचानक आवास विकास के लोग वहां पहुंचे और रानी से मकान खाली करने की बात कही।

इस पर रानी व अन्य लोगों ने अपने आवंटन पत्र दिखाये तो पता चला कि आवंटन पत्र फर्जी है और किसी को मकान अब तक आवंटित नहीं किया गया है। यह बात सुन उन लोगों के पैरों तले जमीन खीसक गयी। रानी ने बताया कि इसके बाद वह लोग शिकायत लेकर डूडा दफ्तर पहुंचे तो वहां भी उनको आवंटन फर्जी होने की बात बतायी गयी। इसके ठगी का शिकार हुए सभी लोग पीजीआई पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे।

तीन दिन तक पुलिस उनको इधर-उधर की बात कहकर टरकाती रही। शुक्रवार को लोगों ने कोतवाली के बाहर जमकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में दो महिला आरोपी ज्योति व अराधना के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज कर ली।

यह लोग हुए ठगी का शिकार
1- कुलदीप- 80 हजार रुपये
2- नीलू- 90 हजार रुपये
3- गुडिय़ा- 90 हजार रुपये
4- मोहम्मद शाहिद- 80 हजार रुपये
5- अखिलेश कुमार- 80 हजार रुपये
6- सिराज अहमद- 80 हजार रुपये
7- रानी- 90 हजार रुपये
8- राइसुन- 90 हजार रुपये
9- पुष्पा- एक लाख रुपये
10- सम्मो- 80 हजार रुपये
11- करीमूल-1.10 लाख रुपये
12- बसंत तिवारी- 1.10 लाख रुपये
13- जीशन अली- 1.10 लाख रुपये
14- कमर जहां-80 हजार रुपये
15- अनीस अहमद-80 हजार रुपये
16- मोहम्मद ताज- 80 हजार रुपये
17- ऊषा देवी- 80 हजार रुपये
18- आशीष कुमार- 80 हजार रुपये
19- श्रीकांत यादव- 80 हजार रुपये
20- लक्ष्मी- 80 हजार रुपये
21- हरीराम- 80 हजार रुपये
22- हरविंदर सिंह- 1.10 लाख रुपये

पुलिस पर लगा आरोपियों को बचाने का आरोप
एफआईआर दर्ज कराने वाली पीडि़़ता रानी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में जमकर लिपापोती का काम किया है। पहले तो तीन दिन तक पुलिस ने उन लोगों को टरकाये रखा। इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने अपनी तहरीर में कई आरोपियों के नाम भी लिखकर दिये। बावजूद इसके पुलिस ने सारे नाम हटाते हुए सिर्फ ज्योति व अराधाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पीडि़ता का कहना है कि इस ठगी में डूडा दफ्तर के एक बाबू, ज्योति के ससुर, पति व जेठ भी शामिल है। तहरीर में उन लोगों को नाम था पर पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की।

किसी ने लिया उधार तो किसी ने बेचे जेवर
पीडि़त रानी का कहना है कि 90 हजार रुपये देने के बाद जब उसको मकान का आवंटन पत्र मिला तो वह बहुत खुश हुई, क्योंकि उसने अपनी पूरी जमा पूंजी व जेवरात बेचकर रुपये जमा किये थे। आवंटन पत्र मिलने के बाद रानी ने अपने घर में मोहल्ले के लोगों की पार्टी भी की थी। इस पार्टी में रानी ने लोगों को आवंटन के बारे में पूरी जानकारी दी थी। इसके बाद लोगों ने भी आरोपियों से सम्पर्क कर लाखों रुपये दे दिये। रानी के अलावा रुपये देने वाले लोगों ने बताया कि वह लोग बेहद गरीब है। बावजूद इसके मकान की लालच में उन लोगों ने रुपये उधार लेकर, जेवरात बेच कर अपना पेट काट कर रुपये जमा किये और आवंटन के लिए दिये। उन लोगों को जब इस बात का पता चला कि आवंटन पत्र फर्जी है तो सभी के होश उड़ गये।

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