उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद हरिद्वार में मंगलवार सुबह 8:00 बजे गंगा नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया। 294.5 मीटर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया है। खतरे का निशान पार करने से पहले ही निचले इलाकों को हाईअलर्ट कर दिया गया था। नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर देखने के बाद बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है। जिला प्रशासन गंगा के बढ़ते जलस्तर पर निगाह बनाए हुए है। लोगों को गंगा की ओर जाने से रोका जा रहा है। इस समय गंगा अपने उफान पर है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश से लोग बेहाल हैं। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से सीमांत की नदियां उफान पर हैं। थल में भी रामगंगा का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है। इससे नदी किनारे रहने वाले लोगो में दहशत है।इधर धारचूला में भी काली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है।गोरी, सरयू का जल स्तर भी तेजी से बढ़ा है। नदियों का विकराल रूप देख लोग डरे हुए हैं।
मौसम विभाग ने प्रदेश में मंगलवार के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पहले जारी चेतावनी में 19 अक्तूबर को भी रेड अलर्ट घोषित किया गया था। बुधवार से प्रदेश में मौसम कुछ सुधार होने की उम्मीद है, लेकिन ठंड बरकरार रहेगी। सोमवार को प्रदेश में कई जिलों में दिन भर बारिश हुई। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार मंगलवार को कुमाऊं मंडल के अधिकांश जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
उत्तराखंड के कई जिलों में मौसम विभाग ने कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में 3500 मीटर से ऊंचे इलाकों में बर्फबारी की भी संभावना है। बीस को भी पिथौरागढ़, नैनीताल, चम्पावत जिलों में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 21 और 22 को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
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