GST: 1 अप्रैल से देश भर में लागू होगा ई-वे बिल, जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन

GST: 1 अप्रैल से देश भर में लागू होगा ई-वे बिल, जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत ई-वे बिल व्यवस्था शुरू होने से महज तीन दिन पहले सरकार ने कारोबारियों एवं ट्रांसपोर्टरों से इसके प्लेटफॉर्म पर जल्द से जल्द पंजीकरण कराने को कहा है। सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था शुरू होने से पहले इस पर अधिक से अधिक कारोबारी पंजीकरण करा लें, ताकि माल के परिवहन में कोई दिक्कत नहीं हो।GST: 1 अप्रैल से देश भर में लागू होगा ई-वे बिल, जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन

 

जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के स्थापना दिवस पर बुधवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कारोबारियों एवं ट्रांसपोर्टरों पर एक तरह से अविश्वास प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा नहीं लगता कि वे ई-वे बिल को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि व्यापारी, डीलर और ट्रांसपोर्टर इसके लिए तैयार हैं। मैं उनसे आग्रह करना चाहता हूं कि  जितनी जल्दी संभव हो वे खुद को ई-वे बिल पोर्टल पर पंजीकृत कराएं। वे हमसे यह नहीं कह सकते हैं कि हमने उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया है।

11 लाख पंजीकरण हुए हैं फिलहाल
जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने बताया कि अभी तक ई-वे बिल प्लेटफॉर्म पर करीब 11 लाख इकाइयां ही पंजीकृत हुई हैं। उल्लेखनीय है कि ई-वे बिल व्यवस्था में व्यवसायियों को किसी राज्य के भीतर या उसके बाहर 50 हजार रुपये से अधिक दाम के माल की ढुलाई के लिए जीएसटी निरीक्षक के सामने ई-वे बिल पेश करना आवश्यक होगा।

इससे एक दिन पहले ही वित्त मंत्रालय की तरफ से मिली सूचना के अनुसार, अभी तक जीएसटी में 1.05 करोड़ कारोबारियों ने ही पंजीकरण कराया है, जबकि करीब 70 लाख कारोबारियों ने रिटर्न दाखिल किया है।

जीएसटीएन पूरी तरह तैयार

वित्त सचिव का कहना है कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का संचालन करने वाली जीएसटी नेटवर्क प्रणाली नई व्यवस्था, ई-वे बिल प्रणाली को एक अप्रैल से शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर माल ढुलाई पर लगने वाला ई-वे बिल, अंतर्राज्यीय परिवहन के लिए ई-वे बिल व्यवस्था शुरू होने के 15 दिन बाद शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रम की घोषणा तुरंत नहीं, बल्कि कम से कम तीन दिन पहले करेंगे, क्योंकि हम यह देखना चाहते हैं कि माल के अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए ई-वे बिल पोर्टल कैसे काम करता है। इसके बाद हम इसे राज्य के भीतर माल के परिवहन के लिए लाने का प्रयास करेंगे।

पहले आ गई थी खामी
जीएसटी प्रणाली के तहत ई-वे बिल प्रावधानों को पहली बार एक फरवरी से लागू किया गया था, लेकिन परमिट जारी करने वाली प्रणाली में खामियां आने के बाद इसके कार्यान्वयन पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने जीएसटीएन को एक फुलप्रूफ प्रणाली तैयार करने को कहा था।

अब इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि रोज करीब 75 लाख अंतर-राज्यीय ई-वे बिल तैयार किया जा सकें। इस कार्यक्रम के दौरान जीएसटीएन के अध्यक्ष अजय भूषण पांडेय ने बताया कि ई-वे बिल प्रणाली का डिजाइन एवं विकास एनआईसी ने किया है और वह निश्चिंत हैं कि इस बार यह ठीक से काम करेगा। 

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