जगन्नाथ रथ यात्रा कल से शुरू होने वाली है। दुनिया भर में यह रथ यात्रा प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए भक्त ओडिसा के पुरी पहुंच चुके हैं और भगवान की इस महायात्रा में भागीदारी करने के लिए तैयार हैं। इस रथ यात्रा के कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनके कारण आज तक रहस्य ही रहे हैं। इन तथ्यों के बारे में हम आपको पहले बता चुके हैं। आज हम आपको रथ यात्रा में बनने वाले प्रसाद के बारे में बताएंगे, जिसे बनाने का तरीका बिल्कुल अलग है। रथयात्रा के इस प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहा जाता है। ऐसे बनता है प्रसाद— प्रसाद बनाने के लिए लकड़ी के चूल्हों का इस्तेमाल होता है। इस प्रसाद को 500 रसोइये और उनके 300 साथी मिलकर बनाते हैं। यह पूरा प्रसाद लकड़ी के घड़ों में बनता है। एक के ऊपर एक सात घड़े रखे जाते हैं और सातों में प्रसाद सामग्री रखी जाती है। सबसे पहले ऊपर के खड़े का प्रसाद तैयार होता है और सबसे अंत में नीचे के घड़े का। ऐसा होने के पीछे क्या रहस्य है यह किसी को नहीं पता, क्योंकि आमतौर पर नीचे के बर्तन का खाना पहले पकता है और सबसे ऊपर के बर्तन का अंत में, लेकिन यहां उलटा होता है। दुनिया की सबसे बड़ा रसाई घर— जगन्नाथ भगवान का प्रसाद जहां बनता है, वह दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है। कहा जाता है कि चाहे ​जितने भी भक्त आ जाएं, प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता और इसीलिए इसे महाप्रसाद कहा जाता है। त्योहारों के समय पर यहां पर करीब 50 हजार लोगों के लिए प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा लोग आ जाएं, तो भी प्रसाद कम नहीं पड़ता।

JAGANNATH RATH YATRA : सबसे पहले पकता है ऊपर के बर्तन का प्रसाद

जगन्नाथ रथ यात्रा कल से शुरू होने वाली है। दुनिया भर में यह रथ यात्रा प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए भक्त ओडिसा के पुरी पहुंच चुके हैं और भगवान की इस  महायात्रा में भागीदारी करने के लिए  तैयार हैं। इस रथ यात्रा के कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनके कारण आज तक रहस्य ही रहे हैं। इन तथ्यों के बारे में हम आपको पहले बता चुके हैं। आज हम आपको रथ यात्रा में बनने वाले प्रसाद के बारे में बताएंगे, जिसे बनाने का तरीका बिल्कुल अलग है। रथयात्रा के इस प्रसाद को ‘महाप्रसाद’ कहा जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा कल से शुरू होने वाली है। दुनिया भर में यह रथ यात्रा प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए भक्त ओडिसा के पुरी पहुंच चुके हैं और भगवान की इस  महायात्रा में भागीदारी करने के लिए  तैयार हैं। इस रथ यात्रा के कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनके कारण आज तक रहस्य ही रहे हैं। इन तथ्यों के बारे में हम आपको पहले बता चुके हैं। आज हम आपको रथ यात्रा में बनने वाले प्रसाद के बारे में बताएंगे, जिसे बनाने का तरीका बिल्कुल अलग है। रथयात्रा के इस प्रसाद को 'महाप्रसाद' कहा जाता है।   ऐसे बनता है प्रसाद— प्रसाद बनाने के लिए लकड़ी के चूल्हों का इस्तेमाल होता है। इस प्रसाद को 500 रसोइये और उनके 300 साथी मिलकर बनाते हैं। यह पूरा प्रसाद लकड़ी के घड़ों में बनता है। एक के ऊपर एक सात घड़े रखे जाते हैं और सातों में प्रसाद सामग्री रखी जाती है। सबसे पहले ऊपर के खड़े का प्रसाद तैयार होता है और सबसे अंत में नीचे के घड़े का। ऐसा होने के पीछे क्या रहस्य है यह किसी को नहीं पता, क्योंकि आमतौर पर नीचे के बर्तन का खाना पहले पकता है और सबसे ऊपर के बर्तन का अंत में, लेकिन यहां उलटा होता है।      दुनिया की सबसे बड़ा रसाई घर— जगन्नाथ भगवान  का प्रसाद जहां बनता है, वह दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है। कहा जाता है कि चाहे ​जितने भी भक्त आ जाएं, प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता और इसीलिए इसे महाप्रसाद कहा जाता है। त्योहारों के समय पर यहां पर करीब 50 हजार लोगों के लिए प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा लोग आ जाएं, तो भी प्रसाद कम नहीं पड़ता।

 बनता है प्रसाद— प्रसाद बनाने के लिए लकड़ी के चूल्हों का इस्तेमाल होता है। इस प्रसाद को 500 रसोइये और उनके 300 साथी मिलकर बनाते हैं। यह पूरा प्रसाद लकड़ी के घड़ों में बनता है। एक के ऊपर एक सात घड़े रखे जाते हैं और सातों में प्रसाद सामग्री रखी जाती है। सबसे पहले ऊपर के खड़े का प्रसाद तैयार होता है और सबसे अंत में नीचे के घड़े का। ऐसा होने के पीछे क्या रहस्य है यह किसी को नहीं पता, क्योंकि आमतौर पर नीचे के बर्तन का खाना पहले पकता है और सबसे ऊपर के बर्तन का अंत में, लेकिन यहां उलटा होता है। 

दुनिया की सबसे बड़ा रसाई घर— जगन्नाथ भगवान  का प्रसाद जहां बनता है, वह दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है। कहा जाता है कि चाहे ​जितने भी भक्त आ जाएं, प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता और इसीलिए इसे महाप्रसाद कहा जाता है। त्योहारों के समय पर यहां पर करीब 50 हजार लोगों के लिए प्रसाद बनाया जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा लोग आ जाएं, तो भी प्रसाद कम नहीं पड़ता। 

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