जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने कुलपति कार्यालय के बाहर अनिवार्य हाजिरी का विरोध किया साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन के अधिकारियों को कक्षाओं में जाने से रोका। विवि कैंपस में दिन भर छात्रों ने हाजिर जनाब नाम से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आपत्ति जताई गई। विरोध जताने के लिए छात्र कक्षाओं से बाहर परीक्षा देते दिखे। बृहस्पतिवार को चीनी भाषा केंद्र के विद्यार्थियों ने जमीन पर बैठकर परीक्षा दी।
वहीं देर रात छात्रों ने विवि के दो अधिकारियों को बंधक बना लिया। इससे पहले छात्रों ने वीडियो वायरल करते हुए पुलिस पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन के दौरान अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया, जबकि कुलपति ने पुलिस को बुलाया ही नहीं था। किसी अन्य मामले की जांच करने पहुंची दिल्ली पुलिस के एसआई को प्रदर्शनकारियों ने घेरते हुए फोटो खींचा और उसे वायरल कर दिया। कुलपति कार्यालय के नीचे हाजिर जनाब कार्यक्रम के माध्यम से विरोध संग विश्वविद्यालय बंद की कॉल दी, जिसमें छात्रों के साथ वामपंथी विचारधारा से प्रभावित शिक्षकों ने भी सहयोग दिया।
करीब डेढ़ महीने से अनिवार्य हाजिरी का विरोध बृहस्पतिवार को उग्र भी दिखाई दिया। इसमें छात्रों ने कुलपति के नाम एक पत्र भी वायरल किया, जिसमें लिखा था हम कुलपति से मिलना चाहते हैं, लेकिन वे हमसे मिलना नहीं चाहते। कुलपति कार्यालय के बाहर हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कुलपति ने पुलिस बुला ली। हमें धमकाया और अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। उनका आरोप है कि पहले तो कुलपति ने ऐसी गैरकानूनी पॉलिसी लागू कर दी जिसे विद्वत परिषद (एसी) में पास नहीं किया गया है। जब छात्रों ने इसे नहीं माना तो उन्हें फेलोशिप रोकने, छात्रावास से बाहर निकालने और पंजीकरण रोकने की धमकी दी गई।
सूत्रों के मुताबिक शाम करीब 4 बजे विश्वविद्यालय के उपकुलपति (रेक्टर-1) प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा अपनी कक्षा लेने के लिए कुलपति कार्यालय से निकले तो प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्र उनके पीछे दौड़े। इसके बाद प्रोफेसर महापात्रा फिर से अपने दफ्तर में ही आ गए।
छात्रों के आरोप व वायरल वीडियो में पुलिस की कहानी बिल्कुल गलत है। क्योंकि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोई पुलिस को नहीं बुलाई थी। छात्र सैकड़ों की तादाद में कुलपति कार्यालय में आते हैं, ऐसे उनकी बात सुनना मुश्किल है। छात्रसंघ का प्रतिनिधिमंडल यदि अपनी मांग लेकर आता है तो उससे बात करेंगे।- प्रमोद कुमार, रजिस्ट्रार, जेएनयू
वसंत कुंज थाने के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कोई पुलिस नहीं बुलाई थी और न ही पुलिस वहां गई थी। छात्रों द्वारा जिस पुलिस कर्मी की फोटो को वायरल किया जा रहा है, असल में वह एसआई वंसत विहार थाने में तैनात है। जेएनयू कैंपस से बाहर सड़क पर किसी घटना की जांच की जा रही है। जेएनयू के गेट पर सीसीटीवी लगा है, जो कि सड़क को भी जांच के घेरे में लेता है। पुलिसकर्मी कुलपति कार्यालय में अकेला सीसीटीवी की फुटेज देखने गया था, न की छात्रों को धमकाने।