सावन मास में महादेव की पूजा होती है। इस दौरान चातुर्मास चल रहा है और भगवान विष्णु योगनिद्रा में है। ऐसे में शिव के परिवार और उनसे जुड़े लोगों की जिम्मेदारी होती है कि वे सृष्टि को संभाले। ऐसे में सावन मास के दौरान महादेव के अलावा उनके गले में रहने वाले सदा नागदेवता की भी पूजा होती है। इसके लिए सावन में एक दिन तय है। यह काफी महत्व के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं नागपंचमी के बारे में।

नागपंचमी पर पूजा करने का फायदा
सावन के महीने में नागपंचमी का त्योहार काफी अच्छे से मनाया जाता है। यह सावन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस बार सावन के सोमवार में पंचमी तिथि सोमवार के दिन ही पड़ी थी। यह दो अगस्त को मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करने पर महादेव की कृपा मिलती है। लखनऊ से थोड़ा आगे बाराबंकी में नागदेवता का एक मंदिर भी है जिसे नरगनदेवता भी कहते हैं। इस दौरान पूजा करने से कुंडली से काल सर्प दोष भी मिटता है। इसलिए पूजा जरूर करनी चाहिए।
कैसे करें नागदेवता की पूजा
दो अगस्त को मंगलवार के दिन नागदेवता की पूजा का मुहुर्त है। इस दिन सुबह छह बजे से लेकर साढ़े आठ बजे तक पूा करना अच्छा होगा। पंचमी तिथि दो अगस्त को सुबह सवा पांच बजे से लेकर तीन अगस्त को सुबह साढ़े पांच बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करने वाले चतुर्थी को पूरा दिन में एक दिन खाना खाएं और उपवास करें। पंचमी के दिन शाम को भोजन करें। आप नागदेवता की पूजा घर पर उनकी फोटो के साथ या फिर शिव मंदिर में कर सकते हैं। उनको दूध चढ़ाना अच्छा होता है। आप चाहें तो बाराबंकी में भी पूजा के लिए जा सकते हैं।
GB Singh
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