कारोबार

पेट्रोल की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं, इस वजह से कल घट सकते हैं दाम

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को फौरी राहत मिलने के बाद बुधवार को इनके दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में आ रही स्थ‍िरता की बदौलत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा है. इंड‍ियन ऑयल कंपनी के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 76.27 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.94 रुपये, कोलकाता में 84.06 और चेन्नई में 79.16 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं, डीजल की बात करें तो दिल्ली में एक लीटर डीजल 67.78 रुपये, कोलकाता में 70.33, मुंबई में 72.13 और चेन्नई में एक लीटर डीजल के लिए आपको 71.54 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों में थोड़ी नरमी आना शुरू हो गई है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर नीचे आएंगी. बुधवार को एक बार फिर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिली है. बुधवार को वैश्व‍िक बाजार में कच्चे तेल का भाव 0.78 फीसदी गिरा है. इसकी बदौलत यह फिलहाल 74.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. पिछले एक महीने के दौरान कच्चा तेल 6 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो चुका है. इसके अलावा 22 जून को ओपेक देशों की बैठक होनी है. जानकारों का मानना है कि इस बैठक में रूस और सउदी अरब प्रोडक्शन बढ़ाने पर सहमति जता सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो कच्चा तेल और सस्ता हो सकता है. जिसका सीधा फायदा घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत के तौर पर मिलेगा.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को फौरी राहत मिलने के बाद बुधवार को इनके दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में आ रही स्थ‍िरता की बदौलत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा है. इंड‍ियन ऑयल कंपनी के मुताबिक बुधवार …

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PNB घोटाले में थी टॉप लेवल पर मिलीभगत, छिपाता रहा बैंक

पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक जांच में खुलासा हुआ है कि हाल में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में बैंक के कुछ नहीं बल्कि कई शाखाओं की मिलीभगत है. आंतरिक जांच के मुताबिक पीएनबी के बैंकिंग ढांचे में कई गंभीर खामियां मौजूद हैं जिसके चलते हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले को पकड़ना बेहद मुश्किल काम था. न्यूज एजेंसी राइटर के मुताबिक पीएनबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में माना है कि इस घोटाले में बैंक के कुल 54 कर्मचारी जिम्मेदार है. इन कर्मचारियों में बैंक क्लर्क से लेकर विदेशी मुद्रा शाखा के अधिकारी और बैंक ऑडिटर से लेकर कई कई क्षेत्रीय शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. हालांकि इससे पहले अप्रैल में बैंक के सीईओ सुनील मेहता ने दावा किया था कि इस घोटाले में शामिल 21 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इस रिपोर्ट के उजागर होने से पहले तक पीएनबी की दलील थी कि यह घोटाला मुंबई की महज एक ब्राडी हाउस ब्रांच के मुट्टी भर कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते संभव हुआ है. पीएनबी की दलील के मुताबिक इस ब्रांच के कुछ कर्मचारी बीते कई वर्षों से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों को फर्जी बैंक गारंटी जारी करने का काम करते थे जिसके आधार पर मोदी और चोकसी विदेश में पीएनबी को हजारों करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचाने का काम करते थे. खास बात यह है कि अभीतक पीएनबी के प्रमुख इस घोटाले को एक छोटी सी घटना बताने का काम कर रहे थे लेकिन राइटर के हाथ लगी पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पीएनबी इस घोटालों की गंभीरता को नकारने में लगी थी. रिपोर्ट में ऐसे कई चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगता है कि कैसे सरकारी बैंक की लचर व्यवस्था को कायम रखते हुए बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारियों ने बड़े स्तर की मिलीभगत के साथ इस घोटाले को अंजाम देने का काम किया है. इसे पढ़ें: रद्द पासपोर्ट पर घूम रहा नीरव मोदी, 7 पॉइंट में जानें किसकी चूक? गौरतलब है कि बैंक की यह आंतरिक रिपोर्ट 5 अप्रैल तक तैयार हो गई थी और इस रिपोर्ट के साथ-साथ बैंक रिकॉर्ड से मिले दर्जनों संवेदनशील दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास बतौर सुबूत मौजूद है. लेकिन इस रिपोर्ट की खास खुलासों का जिक्र फिलहाल आम नहीं किया गया और मौजूदा समय तक पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारी इस घोटाले को एक छोटी घटना करार देते रहे. पीएनबी की इस रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि जनवरी में घोटाले के खुलासे के बाद भी बैंक की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं. न तो बैंक क ऊपर किसी तरह की पेनाल्टी लगाई गई है और न ही इसकी जिम्मेदारी किसी वरिष्ठ अधिकारी पर तय की गई है जबकि आंतरिक जांच में यह साफ पता चला है कि इस मामले में बैंक के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी भी लिप्त हैं. इसे पढ़ें: नीरव का CBI को जवाब-बिजी हूं, जांच में नहीं हो सकता शामिल आंतरिक रिपोर्ट ने यह भी माना है कि पीएनबी के नई दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर में क्रेडिट रिव्यू और इंटरनेशनल बैंकिंग शाखा में कई सुरक्षा खामियों के चलते भी इस घोटाले को इतने लंबे समय तक नहीं पकड़ा जा सका. इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है बैंक की अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग शाखा और आईटी डिपार्टमेंट ने लंबे समय तक बैंक के आंतरिक सूचना संचार के काम को पूरा नहीं किया जिसके चलते मुबंई की शाखा से लगातार जारी हो रहे बैंक गारंटी की सूचना दबी रहती थी और किसी को इस घोटाले की भनक नहीं लगी. हालांकि 2016 में बैंक ने एक एडवाइजरी भी जारी करते हुए कहा था कि सूचार संचार के काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. इसके अलावा एक खास बात और इस रिपोर्ट से उजागर हो रही है कि मुंबई की ब्राडी हाउस ब्रांच पीएनबी की सबसे टॉप परफॉर्मिंग ब्रांच थी और यह तमगा उसे मोदी और चोकसी के अकाउंट के चलते ही मिला था. लिहाजा, यह भी साफ है कि बैंक के शीर्ष स्तर तक यह जानकारी थी कि बीते कुछ वर्षों से मुंबई की इस ब्रांच में बड़े स्तर पर कर्ज देने का काम हो रहा है लेकिन किसी ने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश नहीं की.

पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक जांच में खुलासा हुआ है कि हाल में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में बैंक के कुछ नहीं बल्कि कई शाखाओं की मिलीभगत है. आंतरिक जांच के मुताबिक पीएनबी के बैंकिंग ढांचे में कई गंभीर खामियां मौजूद हैं जिसके चलते हजारों करोड़ रुपये के इस …

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जेटली की दो टूक- पेट्रोल, डीजल सस्ता किया तो कांग्रेस की तरह विदेश से लेना पड़ेगा कर्ज

वरिष्ठ बीजेपी नेता और केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली (फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश पर) ने एक लेख लिखते हुए दो टूक कहा है कि देश में सस्ता पेट्रोल-डीजल देना सरकार के बस में नहीं है. वित्त मंत्री के मुताबिक मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यदि सरकार अपने राजस्व को कम करते हुए पेट्रोल-डीजल पर आम आदमी को राहत देने का काम करती है तो उसके सामने कांग्रेस सरकार वाली परिस्थिति पैदा हो जाएगी जहां विकास कार्यों के लिए उसे विदेशी बैंकों से कर्ज का सहारा लेना पड़ेगा. जेटली ने कहा कि बीते चार साल में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान केन्द्र सरकार के राजस्व और जीडीपी के अनुपात में अच्छा सुधार दर्ज हुआ है. जहां कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह औसत 10 फीसदी था वहीं मोदी सरकार में यह 11.5 फीसदी दर्ज हुआ है. जेटली के मुताबिक इस वृद्धि का आधा इजाफा यदि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की कमाई से दर्ज हुआ है तो वहीं दूसरा आधा गैर पेट्रोल-डीजल पर एकत्र हुए राजस्व के कारण है. इनमें इनकम टैक्स और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के जरिए राजस्व में इजाफा अहम है. इसे पढ़ें: न ड्यूटी घटेगी-न वैट होगा कम, पेट्रोल के बढ़ते दाम से आपको ऐसे राहत देगी सरकार? हालांकि गैर पेट्रोल-डीजल राजस्व केन्द्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. बीते चार साल के दौरान देश में राजस्व की स्थिति को देखते हुए यह दावा नहीं किया जा सकता है कि भारत में लोग इमानदारी से अपना टैक्स अदा करते हैं. ऐसा वित्त मंत्री का कहना है. जेटली ने कहा कि देश में सैलरी पाने वाले लोग टैक्स अदा करने में सबसे आगे हैं. इनके अलावा अन्य वर्गों को अब टैक्स अदा करने में इमानदारी दिखाने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि जिस तरह सरकार ने बीते चार साल के दौरान जीडीपी की तुलना में अपने राजस्व में 1.5 फीसदी का इजाफा किया है उसी तर्ज पर वह अगले चार साल में एक बार फिर टैक्स-डीजीपी अनुपात में 1.5 फीसदी का इजाफा करना चाहती है. हालांकि इसके लिए वह गैर पेट्रोल-डीजल राजस्व पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी. इसका साफ मतलब है कि जेटली संकेत दे रहे हैं कि अगले कुछ वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार की कवायद गैर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से राजस्व में इजाफा करने की है. यह स्वाभाविक भी है कि केन्द्र सरकार के पास पेट्रोल-डीजल पर और टैक्स लगाने की गुंजाइश नहीं बची है. इसे पढ़ें: ऑडी के CEO जर्मनी में गिरफ्तार, कबूला- सॉफ्टवेयर से छिपाते थे प्रदूषण लिहाजा, अरुण जेटली ने दलील दी कि देश में लोगों को देशभक्ति की भावना के साथ अपना टैक्स अदा करने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि फिलहाल देश में कुछ इमानदार लोग ही टैक्स अदा करते हैं. इन इमानदार टैक्स पेयर्स के ऊपर टैक्स की चोरी करने वालों का खामियाजा अदा करने का भी दबाव रहता है. इस सच्चाई का बयान करते हुए जेटली ने देश की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की कि वह देश में टैक्स की चोरी को पूरी तरह से खत्म करने में मदद करें जिससे सरकार के राजस्व को बढ़ा जा सके. जेटली ने कहा कि जबतक केन्द्र सरकार के राजस्व में गैर-पेट्रोल-डीजल टैक्स से अच्छी कमाई नहीं होगी, किसी भी केन्द्र सरकार के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत पहुंचाने का फैसला लेना असंभव है. अपने लेख में अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने की सलाह को गलत ठहराते हुए कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस कार्यकाल की गलतियों को नहीं दोहराएगी.

वरिष्ठ बीजेपी नेता और केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली (फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश पर) ने एक लेख लिखते हुए दो टूक कहा है कि देश में सस्ता पेट्रोल-डीजल देना सरकार के बस में नहीं है. वित्त मंत्री के मुताबिक मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यदि सरकार अपने …

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स्टील कारोबार में दस लाख करोड़ का निवेश संभव

भारत देश में स्टील धातु की बढ़ती मांग कि पूर्ति करने के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुपए निवेश की जरूरत पड़ेगी. इस मामले में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह ने कहा है कि वर्ष 2030 तक देश में 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य बनाया गया है. …

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UK की कोर्ट का माल्या को झटका, भारतीय बैंकों का पैसा देने को कहा

ब्रिटेन में बैठे विजय माल्या को यूके कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. यूके की कोर्ट ने कानूनी खर्च के एवज में भारत के 13 बैंकों को 1 करोड़ 80 लाख रुपए चुकाने का आदेश दिया है. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. न्यायाधीश एंड्रयू हेनशॉ पिछले महीने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने के एक विश्वव्यापी आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय अदालत की इस व्यवस्था को सही ठहराया कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाला 13 भारतीय बैंकों का समूह माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का हकदार है. इस आदेश के तहत अदालत ने माल्या से कहा कि वह ब्रिटेन में विश्वव्यापी कुर्की आदेश तथा कर्नाटक के कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के फैसले के पंजीकरण मद में लागत का भुगतान करे. मामले की जानकारी रखने वाले एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि अदालत ने माल्या को आदेश दिया कि बैंक की लागत का भुगतान किया जाए. मानक आदेश है कि अगर सम्बद्ध पक्ष भुगतान की जाने वाली राशि को लेकर सहमत नहीं हुए तो अदालत इसका आकलन करेंगे. अदालत द्वारा आकलन के लागत की एक अलग प्रक्रिया है, जो कि विशेष जज (लागत) के समक्ष अन्य अदालती सुनवाई के साथ समाप्त होगी. इसी बीच माल्या को कानूनी लागत जवाबदेही के मद में 2,00,000 पौंड का भुगतान करना ही होगा. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, कारपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया व जेएम फिनांशल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है. उल्लेखनीय है कि भारत से भागे माल्या पर भारतीय बैंकों को लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. वह खुद को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ एक अलग मामला लड़ रहे हैं. इस मामले में लंदन की एक अदालत में अंतिम सुनवाई अगले महीने होगी.

ब्रिटेन में बैठे विजय माल्या को यूके कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. यूके की कोर्ट ने कानूनी खर्च के एवज में भारत के 13 बैंकों को 1 करोड़ 80 लाख रुपए चुकाने का आदेश दिया है. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई …

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सूरत: 24 करोड़ की इस अंगूठी में जड़े हैं 6690 हीरे, गिनीज बुक में शामिल

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये है. सूरत के हीरा कारोबारी विशाल अग्रवाल की मानें तो मेक इन इंडिया को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के मुख्य मकसद से यह अंगूठी बनाई गई है. इसकी डिजाइन विशाल की पत्नी खुशबु अग्रवाल ने की है. इस लोटस अंगूठी को तैयार करने में 20 कारीगर लगे थे. हीरे में कमल के फूल का डिजाइन को बानाने के लिए सबसे पहले कम्प्यूटर मॉडल बनाया गया. इसके बाद रिंग का कॉन्सेप्टयुलाइजेशन किया गया. फिर फाइनल डिजाइन तैयार होने पर इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई. पूरे एक साल बाद यह अंगूठी बन कर तैयार हुई. इसमें खास बात यह है कि ये 18 कैरेट रोज गोल्ड और 24 फीसदी अलॉय से बनाई गई है. यह 58.176 ग्राम वजन की यानी अंदाजन 6 तोला सोने की बनी है. इस अंगूठी को बनाने वाले व्यापारी विशाल अग्रवाल का कहना है कि जब वह विदेश जाते थे तो वहां वह आउट ऑफ द बॉक्स डिजाइन ज्वैलरी को देखते थे, तब ही ख्याल आया कि मेड इन इंडिया डिजाइन भी कुछ ऐसा होना चाहिए. जिसके बाद इस पर काम करना शुरू किया गया.

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये है. सूरत के हीरा कारोबारी विशाल अग्रवाल की मानें तो …

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पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ, डीजल की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले दो दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि शुक्रवार को ईंधन की कीमतों से राहत तो मिली है, लेक‍िन वो भी ना के बराबर है. आज पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ है. लेक‍िन डीजल की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक दिल्ली में शुक्रवार को एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 76.35 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. डीजल की कीमत मंगलवार के स्तर पर ही बनी हुई है. यहां डीजल 67.85 रुपए प्रति लीटर पर है. बता दें कि 29 मई से लेकर अब तक पेट्रोल 2.08 रुपये और डीजल 1.46 रुपये सस्ता हो चुका है. बता दें क‍ि कच्चे तेल की कीमतों में स्थ‍िरता आने की वजह से पिछले दो दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. दोनों ही दिन इनकी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी रहीं. कच्चे तेल को लेकर बढ़ी चिंता कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर बदलाव होना शुरू हो गया है. अमेरिका में सप्लाई पर असर पड़ने की वजह से एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती नजर आ रही है. हालांकि बेहतर घरेलू प्रोडक्शन से कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं आया है. ओपेक देशों की जल्द बैठक होने वाली है. उससे पहले कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में फिर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले दो दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि शुक्रवार को ईंधन की कीमतों से राहत तो मिली है, लेक‍िन वो भी ना के बराबर है. आज पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ है. लेक‍िन डीजल की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं …

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फिर 68 के पार रुपया, पेट्रोल-डीजल समेत ये चीजें हो सकती हैं महंगी

रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 68 के स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 40 पैसे की भारी गिरावट देखने को मिल रही है. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68.02 के स्तर पर बना हुआ है. डॉलर में तेजी आने के लिए अमेर‍िका में बढ़ाई गई ब्याज दरों को माना जा रहा है. बता दें कि बुधवार को अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इसके चलते डॉलर में मजबूती दिख रही है. डॉलर इंडेक्स बढ़कर 95.10 के स्तर तक पहुंच गया है. यह प‍िछले 7 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. डॉलर में आ रही मजबूती ही रुपये में कमजोरी की वजह बन रहा है. इसकी वजह से रुपये की वैल्यू पर दबाव है. रुपये में कमजोर से नुकसान रुपये के कमजोर होने से तेल कंपनियों के लिए कच्चा तेल आयात करना महंगा साबित होगा. इससे प्रति लीटर पेट्रोल तैयार करने के लिए उनकी लागत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी. इससे देश में एकबार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ना शुरू हो सकती हैं. पेट्रोल और डीजल के अलावा विदेशों से आयात होने वाले सामान जैसे कि मोबाइल फोन, टेलीविजन और इलेक्ट्रोनिक्स का अन्य सामान भी महंगा हो सकता है. क्योंकि इन सामान को आयात करने पर लागत बढ़ने से कंपनियां इनकी कीमतें बढ़ा सकती हैं. रुपये में गिरावट का फायदा सिर्फ इतना मिलेगा कि भारत से विदेश भेजे जाने वाले सामान के लिए अच्छे दाम मिलेंगे. बता दें क‍ि भारत से ज्यादातर इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स एंड ज्वैलरी और टेक्सटाइल समेत अन्य उत्पादों का निर्यात होता है.

रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 68 के स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 40 पैसे की भारी गिरावट देखने को मिल रही है. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68.02 के स्तर पर बना हुआ है. …

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ट्रंप ने छेड़ा ट्रेड वॉर, चीनी सामान पर 50 अरब डॉलर के टैरिफ लगाने को दी मंजूरी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ एक बार फिर ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है. ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान के आयात पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के व्यापार मंत्री इस संबंध में आज औपचारिक घोषणा कर सकते हैं. ट्रंप के इस फैसले से एक बार फिर चीन और यूएस के बीच तनातनी बढ़ना तय है. एनबीसी न्यूज ने एक अध‍िकारी के हवाले से लिखा है कि ट्रंप ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसकी घोषणा होने के बाद आने वाले हफ्ते में इसे संघीय लेखा-जोखा में भी अध‍िसूचित किया जा सकता है. अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद ये तय माना जा रहा है कि चीन भी जवाबी कार्रवाई करेगा. वह भी अपने देश में अमेर‍िकी सामान पर टैरिफ बढ़ा सकता है. इससे एक बार फिर ट्रेड वॉर की स्थ‍िति पैदा हो जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने गुरुवार को अपने कैबिनेट मंत्र‍ियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने टैरिफ लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. ट्रंप के मुताबिक वह यह टैर‍िफ चीन की तरफ से गलत व्यापार नीतियों पर रोक लगाने के लिए लगाते हैं. हालांकि 50 अरब डॉलर का टैरिफ स्थ‍िति को बिगाड़ सकता है. हाल ही में ट्रंप उत्तर कोर‍िया के शासन क‍िम जोंग उन के साथ बैठक कर लौट आए हैं. हालांकि चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू होने से किम के साथ समझौते की राह भी मुश्क‍िल हो सकती है. बता दें यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने चीनी सामान पर टैरिफ लगाया हो. इससे पहले वह चीन से आने वाले एल्युमीनियम और स्टील पर टैक्स बढ़ा चुके हैं. उस समय भी चीन ने जवाब देने की बात कही थी. माना जा रहा है कि अगर यह 50 अरब डॉलर का टैर‍िफ शुल्क लगाने के फैसले को पूरी तरह लागू कर दिया जाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच गंभीर ट्रेड वॉर छ‍िड़ सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ एक बार फिर ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है. ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान के आयात पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के व्यापार मंत्री इस …

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लगातार दूसरे दिन नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, इस वजह से थमी राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 दिन तक कटौती के बाद एक बार फिर विराम लग गया है. बुधवार को ईंधन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ. गुरुवार को भी यही हाल रहा. आज भी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 76.43 रुपये का मिल रहा है. कोलकाता में यह 79.10 रुपये पर बना हुआ है. मुंबई में 84.26 रुपये और चेन्नई में यह 79.33 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. डीजल भी मंगलवार के स्तर पर बना हुआ है. गुरुवार को दिल्ली में यह आपको 67.85 रुपये में मिल रहा है. वहीं, कोलकाता की बात करें तो, यहां आपको इसके लिए 70.40 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. मुंबई में 72.24 और चेन्नई में 71.62 रुपये प्रति लीटर है. कच्चे तेल की कीमतें स्थिर: पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में कटौती पर ब्रेक लग गया है. इसकी कीमतें स्थिर हो गई हैं. यही वजह है कि घरेलू स्तर पर भी पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही कटौती पर ब्रेक लग गया है. सउदी और रूस की मीटिंग पर नजर: सउदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और रूस के राष्ट्रपत‍ि व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होनी है. ऐसे में इन दोनों नेताओं की बैठक में लिए जाने वाले फैसले का असर कच्चे तेल पर दिखना तय माना जा रहा है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 दिन तक कटौती के बाद एक बार फिर विराम लग गया है. बुधवार को ईंधन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ. गुरुवार को भी यही हाल रहा. आज भी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर …

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