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वृंदावन जहां कण-कण में हैं श्याम

वृंदावन का नाम सुनते ही हमारे मन में अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगती है क्योंकि यह राधा-कृष्ण के प्रेम की भूमि है। इसकी गलियां राधे-राधे के उद्घोष से गुंजायमान रहती हैं क्योंकि यहां के लोगों का यही अभिवादन है। एक कहावत भी है-जहां कण-कण में बसे हों श्याम, वो ही है-वृंदावन धाम। ब्रज धाम सभी तीर्थों में श्रेष्ठ है। इसकी महिमा के विषय में एक बहुत रोचक प्रसंग भी है-भगवान नारायण ने प्रयागराज को सभी तीर्थों का राजा बना दिया। अत: सभी तीर्थ प्रयागराज को कर देने आते थे। एक बार नारद जी ने प्रयागराज से पूछा 'क्या वृंदावन भी आपको कर देने आते हैं? इस पर तीर्थराज ने नकारात्मक उत्तर दिया तो नारद जी बोले 'फिर आप तीर्थराज कैसे हुए? इस बात से दुखी होकर तीर्थराज भगवान विष्णु के पास गए, भगवान ने उनके आने का कारण पूछा। तीर्थराज बोले, 'प्रभु! आपने मुझे सभी तीर्थों का राजा बनाया है लेकिन दूसरों की तरह वृंदावन मुझे कर देने क्यों नहीं आते?Ó भगवान ने मुस्कुराते हुए प्रयागराज से कहा, 'मैंने तुम्हें सभी तीर्थों का राजा बनाया है, अपने घर का नहीं। वृंदावन मेरा घर है और किशोरी जी (राधा) की विहार स्थली। मैं सदा वहीं निवास करता हूं। वृंदावन का अर्थ है- 'तुलसीवन' पौराणिक कथानुसार देवी वृंदा ने श्रीहरि विष्णु की तपस्या से अपने पति के अमर रहने का वरदान मांगा। वृंदा का पति जलन्धर राक्षस था, श्रीहरि ने वृंदा को वरदान दिया कि जब तक तुम पतिव्रता धर्म का पालन करोगी, तुम्हारे पति पर कोई आंच नहीं आएगी। जलन्धर ने अमर होते ही देवताओं के साथ युद्ध कर उन्हें भी पराजित कर दिया। तब भगवान विष्णु ने छल पूर्वक जलन्धर का रूप धारण पर पतिव्रता वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग कर दिया और राक्षस जलंधर मृत्यु को प्राप्त हो गया। इस छल से दुखी वृंदा ने विष्णु जी को श्राप देकर शालिग्राम शिला बना दिया। सभी देवताओं के अनुनय-विनय करने पर वृंदा ने विष्णु जी को श्राप मुक्त कर दिया। भगवान श्रीहरि ने वृंदा को वरदान दिया कि तुलसी के पौधे के रूप में हर घर में तुम्हारी पूजा होगी। इसी वृंदा देवी के नाम पर यह तीर्थ वृंदावन धाम, कहलाता है। जहां चारों ओर तुलसी के पौधों का वन दिखाई देता है। –– ADVERTISEMENT –– श्री कृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में जन्माष्टमी में सबसे अदभुद होता वातावरण यह भी पढ़ें बांके बिहारी की स्थली वैसे तो वृंदावन में कई मंदिर हैं पर बांके बिहारी जी के मंदिर की महिमा न्यारी है। यह मंदिर गौतम पाड़ा के पास स्थित है। श्रीबांके बिहारी जी का मंदिर विश्वप्रसिद्ध है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। सावन माह में हरियाली तीज के दिन श्री बांके बिहारी जी सोने-चांदी के हिंडोले में विराजते हैं। भगवान की अलौकिक छवि के दर्शन साल में सि$र्फ एक बार ही होते हैं। मूलत: इस प्राचीन मंदिर की स्थापना स्वामी हरिदास जी द्वारा की गई थी। बाद में इसका जीर्णोद्धार किया गया। सावन के माह में यहां के सभी मंदिरों में ठाकुर जी को झूले में झुलाया जाता है। जन्माष्टमी पर यहां दूर-दूर से दर्शन करने लोग आते हैं। अन्य दर्शनीय स्थल वृंदावन में अंग्रेजों द्वारा निर्मित भव्य इस्कॉन मंदिर भी है, जहां 'हरे कृष्णा, हरे रामाÓ की धुन गाई जाती हैं। यहां अनेक वट, घाट और मंदिर हैं पर इनमें प्रमुख बांके बिहारी, राधावल्लभ, गोपीनाथ, राधा-दामोदर, श्यामसुंदर, राधा-रमण, गोपेश्वर महादेव मां कात्यायनी, निधिवन, सेवाकुंज, इमलीतला, शृंगारवट, श्रीरंगजी का मंदिर, मीराबाई मंदिर, अष्ट सखी मंदिर...ऐसे कई मंदिर हैं, जिनकी अपनी एक कहानी है। दिल्ली से बस, टैक्सी द्वारा मथुरा पहुंचने के बाद वहां से मात्र 15 कि.मी. की दूरी पर ही वृंदावन है, जहां आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा से भी जा सकते हैं। वृंदावन के चारों ओर प्रेम, भक्ति, संगीत, कला और नृत्य की झलकियां देखने को मिलती हैं। वृंदावन उत्सव की नगरी है, इसलिए यहां पूरे साल रौनक रहती है।

वृंदावन का नाम सुनते ही हमारे मन में अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगती है क्योंकि यह राधा-कृष्ण के प्रेम की भूमि है। इसकी गलियां राधे-राधे के उद्घोष से गुंजायमान रहती हैं क्योंकि यहां के लोगों का यही अभिवादन है। एक कहावत भी है-जहां कण-कण में बसे हों श्याम, वो …

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हैदराबाद जाएं तो इन 10 मशहूर जायके को जरूर ट्राय करें

हैदराबाद को सिर्फ रामोजी फिटी सिटी के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि जगह-जगह घूमकर खाने-पीने के शौकिनों की लिस्ट में भी ये शहर टॉप पर है। काम के सिलसिले में गए हों या फिर फ्रेंड्स और फैमिली के साथ वेकेशन पर मौज-मस्ती से अलग थोड़ा समय निकालकर यहां के इन अलग-अलग जायकों को ट्राय करना न भूलें। बिरयानी से लेकर हलीम और सालन को देखते ही जहां मुंह से पानी आ जाता है वहीं फिरनी और खुबानी का हलवा आपके लंच और डिनर की रही-सही कसर पूरी कर देगा। हैदराबाद आएं तो इन डिशेज को जरूर चखें गोश्त पासिंदा ये रमदान पर बनने वाली खास डिशेज़ में से एक है। बकरे की टांग को जीरे, मीर्च और इलायची के खुशबूदार मसाले में मिक्स किया जाता है। बादाम और टमाटर के छोटे-छोटे टुकड़ों से सजाकर इसे नान और चावल के साथ परोसा जाता है। कीमा समोसा शाम की चाय के साथ समोसे का कॉम्बिनेशन शायद ही किसी को पसंद नहीं होगा। लेकिन जहां ज्यादातर जगहों पर आलू वाले समोसे मिलते हैं वहीं हैदराबाद में कीमा समोसा लोगों के मुंह में पानी ला देता है। मीट के बारिक टुकड़ों को चीखे-चटपटे मसालों के साथ मिक्स कर समोसे में भरा जाता है। और गरमा गरम ईरानी चाय के साथ लोग इसे खाना पसंद करते हैं।

हैदराबाद को सिर्फ रामोजी फिटी सिटी के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि जगह-जगह घूमकर खाने-पीने के शौकिनों की लिस्ट में भी ये शहर टॉप पर है। काम के सिलसिले में गए हों या फिर फ्रेंड्स और फैमिली के साथ वेकेशन पर मौज-मस्ती से अलग थोड़ा समय निकालकर यहां के …

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ग्वालियर : युवक की पत्थरों से कुचली लाश मिली, हत्या की आशंका

ग्वालियर में एक युवक की लाश मिली है। युवक का शव पत्थरों से कुचला हुआ है और संदेह जताया जा रहा है कि युवक की हत्या पत्थरों से कुचलकर की गई है। मृतक युवक का नाम सन्नी कुशवाह था और वह पिछले दो दिनों से लापता था। युवक की हत्या के बाद लाश को जलाने का प्रयास भी किया गया और आरोपी अधजली लाश को छोड़कर फरार हो गए। मृतक के परिजनों ने उसके दो दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। हत्या का यह मामला बहोड़पुर थाना इलाके का है।

ग्वालियर में एक युवक की लाश मिली है। युवक का शव पत्थरों से कुचला हुआ है और संदेह जताया जा रहा है कि युवक की हत्या पत्थरों से कुचलकर की गई है। मृतक युवक का नाम सन्नी कुशवाह था और वह पिछले दो दिनों से लापता था। युवक की हत्या …

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अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल ने अपनी वसीयत में लिखी ये बात

गुजरात में आमरण अनशन कर रहे हार्दिक पटेल के समर्थन में पहली बार राज्य के मंत्री कुंवर जी बावलिया सामने आए हैं। उन्होंने पाटीदार नेता की मांगों को जायज और संवेदनशील बताते हुए इस मामले में मध्यस्थता की इच्छा जताई है। पाटीदार आरक्षण और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग को लेकर नौ दिन से अनशन कर रहे हार्दिक ने रविवार को अपनी वसीयत सार्वजनिक की। इसमें उन्होंने मौत होने पर नेत्रदान की इच्छा प्रकट की है। हार्दिक ने अपनी संपत्ति माता-पिता और बहन में बांटने के साथ आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवकों के परिजनों को भी देने की बात कही है। गुजरात सरकार के कैबिनेट मंत्री कुंवर जी बावलिया ने हार्दिक की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए। हालांकि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने उनके बयान को राजनीतिक बताते हुए कहा कि बावलिया के क्षेत्र में उपचुनाव के चलते उन्हें हार्दिक याद आए हैं। वे मांगों का समर्थन करते हैं तो उनसे मिलने आ सकते हैं। हार्दिक के उपवास स्थल पर उनके समर्थकों को आने से रोकने के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दायर होने के बाद रविवार को पुलिस ने मिलने आए युवाओं को पुलिस रजिस्टर में नाम मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद जाने दिया। उधर, नेता विपक्ष परेश धनाणी ने हार्दिक के उपवास आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन होने की बात दोहराई है। –– ADVERTISEMENT –– मांझी भी मिलने पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अहमदाबाद में हार्दिक पटेल से मिलने पहुंचे। उन्होंने पाटीदार आरक्षण की मांग को जायज बताते हुए कहा कि देश में आरक्षण की सीमा 70 फीसद होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और रामदास अठावले पर निशाना साधते हुए मांझी बोले कि दोनों नेता सरकार की नौकरी कर रहे हैं।

गुजरात में आमरण अनशन कर रहे हार्दिक पटेल के समर्थन में पहली बार राज्य के मंत्री कुंवर जी बावलिया सामने आए हैं। उन्होंने पाटीदार नेता की मांगों को जायज और संवेदनशील बताते हुए इस मामले में मध्यस्थता की इच्छा जताई है। पाटीदार आरक्षण और किसानों का कर्ज माफ करने की …

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मुंबई में दही हांडी उत्‍सव में 36 गोविंदा घायल

कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर मुंबई में दही-हांडी उत्‍सव के दौरान दोपहर दो बजे तक 36 गोविंदा घायल हो गए हैं। लड़कों का ग्रुप मैदान, सड़क या कम्पाउंड में इकट्ठा होता है और एक पिरामिड बनाकर जमीन से 20-30 फुट ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की मटकी को तोड़ते हैं। महाराष्‍ट्र, गुजरात और द्वारका में दही हांडी की प्रथा काफी प्रसिद्ध है, जहां मटकी को दही, घी, बादाम और सूखे मेवे से भरकर लटकाया जाता है। लड़के ऊपर लटकी मटकी को फोड़ते हैं और अन्य लोग लोकगीतों और भजनों पर नाचते-गाते हैं। 9 लेयर में नीचे-ऊपर तक एक पिरामिड बनाते हैं और हांडी को तोड़ने के लिए 3 मौके दिए जाते हैं। पुरस्कार के रूप में प्रतिभागियों को रुपए दिये जाते हैं।

कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर मुंबई में दही-हांडी उत्‍सव के दौरान दोपहर दो बजे तक 36 गोविंदा घायल हो गए हैं। लड़कों का ग्रुप मैदान, सड़क या कम्पाउंड में इकट्ठा होता है और एक पिरामिड बनाकर जमीन से 20-30 फुट ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की मटकी को तोड़ते हैं। महाराष्‍ट्र, गुजरात और …

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आतंकवाद पीडि़त गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया, सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया

आतंकवाद से पीडि़त रहे राजौरी जिले के एक किसान परिवार में जन्म लेने वाला बच्चा अपनी मेहनत से न सिर्फ 'शिक्षक श्री' बनने में सफल रहा बल्कि उसने उन गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया जहां शिक्षक जाने से कतराते थे। सरकार ने उनके इस जज्बे को सलाम किया और उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया। सुंदरबनी के रहने वाले गोविंद शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूलों में ही हुई। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए जम्मू आ गए। ग्रेजुएशन, गणित विषय में एमएससी और बीएड करने के बाद गोविंद की वर्ष 2002 में शिक्षा विभाग में नियुक्ति हुई। उनकी पहली नियुक्ति ही आतंकवाद ग्रस्त बुद्धल क्षेत्र में हुई। उस समय इस क्षेत्र में बहुत कम शिक्षक जाना पसंद करते थे, लेकिन गोविंद घबराए नहीं और पहले हाई स्कूल तरेडृ़ और फिर मिडिल स्कूल डलेरी में नियुक्त हुए। डलेरी स्कूल को उस समय आतंकियों ने निशाना बनाया था। लोग भी अपने बच्चों को स्कूलों में नहीं भेजते थे। उन्होंने क्षेत्र में जाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और लोगों में नया विश्वास पैदा किया। इससे क्षेत्र में रहने वालों में उम्मीद बंधी और उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया। –– ADVERTISEMENT –– आतंकवाद पीडि़त गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया, सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया यह भी पढ़ें बुद्धल शिक्षा विभाग की हार्ड जोन में आता है और यहां पर एक शिक्षक को अधिकतम एक से दो साल तक ही नियुक्त किया जाता है, लेकिन गोविंद पूरे सात साल तक इस क्षेत्र में रहे। उन्होंने क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस दौरान हिजबुल मुजाहिदीन ने गोविंद शर्मा को एक धमकी भरा पत्र लिखा। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट पर उन्हें जम्मू भेज दिया गया। जम्मू में उनकी नियुक्ति हरि सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई। उनका कहना है कि सात साल आतंकवादग्रस्त क्षेत्र में रहना एक चुनौती थी। मगर उनका सपना था कि वह शिक्षक बनें। सपना पूरा हुआ और उस समय ऐसे स्थान पर पहली नियुक्ति हुई, जहां बच्चों को उनकी सख्त जरूरत थी। बस यही जुनून उन्हें वहां ले गया। कश्मीर घाटी में नारको टेररिज्म से आतंकवाद को मिल रहा है बढ़ावा यह भी पढ़ें एनसीसी में अव्वल वर्ष 2009 में गोविंद शर्मा नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के टीचर बने। अपने समय के ए ग्रेड के साथ सी सर्टिफिकेट लेने वाले गोविंद ने हरि सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने यहां के एनसीसी कैडेटों के साथ मेहनत की और वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री रैली में जम्मू के कैडेटों को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान दिलाया। यह रैली गणतंत्र दिवस के दो दिन बाद होती है। इसमें प्रधानमंत्री के अलावा थल सेना, वायु सेना और जल सेना तीनों के प्रमुख आते हैं। इस समय एनसीसी में गोविंद थर्ड ऑफिसर के रैंक पर हैं। सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बना रही कला अकादमी यह भी पढ़ें शिक्षक दिवस पर मिलेगा सम्मान वर्ष 2016 में शिक्षक दिवस पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने के बाद गोविंद शर्मा को वर्ष 2017 में राष्ट्रीय शिक्षा रत्न अवार्ड मिला। इस साल शिक्षक दिवस पर दिल्ली में आयोजित हो रहे शिक्षक सम्मेलन में उन्हें शिक्षक श्री सम्मान मिलेगा। देशभर से 131 शिक्षकों को यह सम्मान दिया जा रहा है। इस पुरस्कार के लिए देशभर से 10 हजार शिक्षकों के आवेदन आए थे, मगर सिर्फ 131 को ही चुना गया है। गोविंद शर्मा का कहना है कि अभी उन्हें शिक्षक के तौर पर 16 साल का अनुभव है। उनका प्रयास रहता है कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक समय दिया जाए

आतंकवाद से पीडि़त रहे राजौरी जिले के एक किसान परिवार में जन्म लेने वाला बच्चा अपनी मेहनत से न सिर्फ ‘शिक्षक श्री’ बनने में सफल रहा बल्कि उसने उन गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया जहां शिक्षक जाने से कतराते थे। सरकार ने उनके इस जज्बे को सलाम किया और …

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दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में कासो के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोग जख्मी

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षबलों द्वारा आतंंकियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए कासो के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोग जख्मी हुए हैं। इनमें से एक गोली लगने से घायल है। सबसे ज्यादा हिंसक झढ़पें गुस्सु पुलवामा में हो रही हैं, जहां हिज्ब कमांडर मन्नान वानी के घेराबंदी में फंसे होने का दावा किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों को कई आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली है। आतंकियों की धरपकड़ के लिए सुरक्षाबलों ने आज सुबह से ही सर्च ऑपरेशन चला रखा है। सेना, पुलिस, सीआरपीएफ के जवान पुलवामा के कई गांवों में तलाशी ले रहे हैं। इससे पहले रविवार को शोपियां में भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। शोपियां में कई आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके अलावा बांदीपोरा जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीन आतंकियों को मार गिराया। हालांकि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हो गया। इसके साथ ही बांदीपोरा के जंगल में छिपे आतंकियों के खिलाफ चलाया गया तलाशी अभियान लगभग एक सप्ताह बाद समाप्त हो गया। इस अभियान में दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। –– ADVERTISEMENT –– आतंकवाद पीडि़त गांवों में जाकर बच्चों को पढ़ाया, सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया यह भी पढ़ें जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकियों ने पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों को निशाना बनाया है। अब भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। सोमवार सुबह घाटी में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से एक बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान पुलवामा और शोपियां जिले के कुल 20 गांवों में एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुरक्षाबल यहां पर आतंकियों की तलाश में कोना-कोना छान रही है। सर्च ऑपरेशन के दौरान लोगों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई। इस दौरान 1 प्रदर्शनकारी फयाज़ अहमद के सिर में गोली लगी है, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कश्मीर घाटी में नारको टेररिज्म से आतंकवाद को मिल रहा है बढ़ावा यह भी पढ़ें बता दें कि पिछले सप्ताह ही आतंकियों ने सुरक्षाबलों के परिवार को निशाना बनाया था। इस दौरान आतंकियों ने अलग-अलग पुलिसकर्मियों के कुल 10 परिजनों को बंदी बना लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। सेना ने भी आंतकियों पर कार्रवाई करना नहीं छोड़ा और बीते शनिवार को ही बांदीपोरा में तीन आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान साफ है कि घाटी में आतंक की कमर तोड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने ये बड़ा ऑपरेशन चलाया है।

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षबलों द्वारा आतंंकियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए कासो के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोग जख्मी हुए हैं। इनमें से एक गोली लगने से घायल है। सबसे ज्यादा हिंसक झढ़पें गुस्सु पुलवामा में हो रही हैं, जहां हिज्ब कमांडर मन्नान वानी के घेराबंदी …

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बिहार के ADG ने बताया-अापराधिक और नक्सली घटनाओं में आई है कमी

बिहार के एडीजी मुख्यालय, एसके सिंघल ने कहा है कि प्रदेेश में आपराधिक और नक्सली घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि नक्सली घटनाओं में बिहार पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, जुलाई-अगस्त माह में आपराधिक घटनाओं में भी कमी आयी है। सोमवार को मीडिया से मुखातिब एडीजी पुलिस मुख्यालय एसके सिंघल ने बताया कि इस दौरान एक ओर जहां पुलिस ने बड़ी संख्या में हथियार बरामद करने के साथ 1.7 लाख आरोपितों की गिरफ्तारी की है, वहीं दूसरी ओर 41 पुलिस कर्मियों को कर्तव्यहीनता के आरोप में बर्खास्त किया गया है। एंटी नक्सल अभियान पर उन्होंने कहा कि नक्सली घटनाओं में बिहार पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2016 से वर्ष 2018 के बीच बिहार में नक्सली घटनाओं में कमी आयी है। इस दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में हथियार बरामद किये हैं। बिहार में विधि-व्यवस्था का रिपोर्टकार्ड पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त माह में लूट, डकैती, दुष्कर्म की घटनाओं में काफी कमी आयी है. वहीं, जनवरी से लेकर जुलाई के बीच करीब 3630 अपराधी दोषी करार दिये गये हैं। तो वहीं जुलाई माह में 11 हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई है। पहाड़ी क्षेत्रों व उत्तर प्रदेश में बारिश से बिहार में उफनाईं नदियां, डूबने से 11 की मौत यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2017 से लेकर अगस्त 2018 के बीच 1.70 लाख आरोपितों की गिरफ्तारी की गयी है। वहीं, उन्होंने बताया कि इस दौरान 41 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया है। मालूम हो कि सूबे में लगातार बढ़ रहे अपराध को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साधती रही है। एडीजी ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चार सितंबर को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है।

बिहार के एडीजी मुख्यालय, एसके सिंघल ने कहा है कि प्रदेेश में आपराधिक और नक्सली घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि नक्सली घटनाओं में बिहार पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं, जुलाई-अगस्त माह में आपराधिक घटनाओं में भी कमी आयी है। सोमवार को मीडिया से मुखातिब एडीजी …

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ऑटो चालक की तीन बेटियों ने बनाया मुकाम, एक इंटरनेशनल और दो नेशनल खिलाड़ी

सरदार सरबंत सिंह कहने को तो ऑटो चालक हैं, लेकिन आज उनकी पहचान एक ऐसे पिता के तौर पर है, जिसने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तीनों बेटियों को एक मुकाम तक पहुंचाया। आज उनकी तीनों बेटियों में से एक इंटरनेशन हॉकी प्लेयर है तो दो में से एक नेशनल लेवल की हॉकी खिलाड़ी और दूसरी रेसलर है। उन्होंने बेटियों को बोझ नहीं समझा और उन्हें काबिल बनाकर देशवासियों के सामने मिसाल पेश की है। आर्थिक तौर पर उतना सक्षम न होने के बावजूद आज सरबंत सिंह की बड़ी बेटी राजविंदर कौर हॉकी की इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। वहीं मनदीप कौर हॉकी की नेशनल खिलाड़ी हैं और वीरपाल कौर नेशनल स्तर की रेसलर हैं। दो बेटियां अभी इंडिया कैंप में –– ADVERTISEMENT –– तरनतारन के मुगलचक्क पनमां गांव में रहने वाले सरदार सरबंत सिंह की दो बेटियां अभी इंडिया कैंप में कोचिंग ले रही हैं। राजविंदर कौर मौजूदा समय में बेंगलरू में चल रहे हॉकी सीनियर इंडिया कैंप में हैं। 20 वर्षीय राजविंदर कौर इससे पहले बैंकाक और थाईलैंड में आयोजित जूनियर एशिया कप में खेल चुकी हैं और वह अभी टीम इंडिया में आने की तैयारी कर रही हैं। वहीं, वीरपाल कौर लखनऊ में खेलो इंडिया कैंप में रेसलिंग की कोचिंग ले रही हैं। वीरपाल साल 2017 में जूनियर नेशनल में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। खेलो इंडिया में भी वीरपाल ने मेडल जीता था। वहीं मनदीप फिलहाल चोटिल हैं और डीएवी बठिंडा कॉलेज में हैं। मिनर्वा पंजाब एफसी ने केहर स्पोर्टिग क्लब को 4-0 से हराया यह भी पढ़ें बेटियों पर पिता को नाज सरदार सरबंत सिंह का कहना है कि उन्होंने सिर्फ बेटियों की जिद के चलते उन्हें खेलने दिया, उन्हें नहीं पता था कि एक दिन उनकी बेटी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने जाएंगी। आज बेटियां इंटरनेशनल और नेशनल स्तर पर खेलती हैं, बड़े-बड़े लोग उनकी प्रशंसा करते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। यह सब देखकर खुशी होती है कि मेरी बेटियां आज देश के लिए खेलती हैं और मेडल जीतकर तिरंगे की शान बढ़ाती हैं। अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन करेगा खैहरा गुट, पार्टी उम्मीदवारों का विरोध नहीं यह भी पढ़ें दिखाया हुनर तो मिली मदद अतिक्रमण करने वालों को दिसंबर तक राहत, उसके बाद कटेंगे चालान यह भी पढ़ें मां बलविंदर कौर ने बताया कि घर के हालात ठीक नहीं थे, लेकिन हमने बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। बेटियों को घर से 10 किमी. दूर श्री गुरु अर्जन देव हॉकी एकेडमी में रोज ले जाकर हॉकी की कोचिंग दिलाई। कोच शरणजीत सिंह ने उनकी बेटियों को काबिल बनाया, तो पूर्व ओलंपियन दलजीत ढिल्लों ने हर स्तर पर उनके परिवार की मदद की। डीएवी कॉलेज बठिंडा के हॉकी कोच राजवंत सिंह ने भी उनकी बेटियों को प्रोत्साहित किया।

सरदार सरबंत सिंह कहने को तो ऑटो चालक हैं, लेकिन आज उनकी पहचान एक ऐसे पिता के तौर पर है, जिसने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तीनों बेटियों को एक मुकाम तक पहुंचाया। आज उनकी तीनों बेटियों में से एक इंटरनेशन हॉकी प्लेयर है तो दो में से एक नेशनल लेवल …

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मौसम की तरह जारी होगा पर्यावरण पूर्वानुमान, प्रदूषण का सटीक पता चलेगा

मौसम विभाग अब केवल मौसम का ही नहीं बल्कि वायु गुणवत्ता का भी पूर्वानुमान जारी करेगा। यह पूर्वानुमान तीन से सात दिन के लिए होगा एवं आइआइटी, दिल्ली के तकनीकी सहयोग से जारी किया जाएगा। इसकी शुरुआत एक अक्टूबर से की जाएगी। दरअसल, सर्दियों के दौरान पिछले दो सालों से दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जा रही है। हालांकि, 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) भी लागू रहता है और केंद्रीय भूविज्ञान, वन एवं पर्यावरण मंत्रलय के अधीन सफर इंडिया भी वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान जारी करता है। हालांकि इसमें बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) काफी समय से मौसम विभाग से सहयोग की मांग कर रहे थे। मौसम विभाग और आइआइटी, दिल्ली के वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र के बीच इस आशय का पूर्वानुमान जारी करने के लिए तकनीकी सहयोग पर सहमति बन गई है। आइआइटी, दिल्ली और मौसम विभाग संयुक्त रूप से वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान जारी करेंगे, जो अपेक्षाकृत अधिक प्रामाणिक होगा। जैन मुनि तरुण सागर की अंतिम यात्रा में उमड़ी भारी भीड़, अंतिम संस्कार कराने पहुंचे सौरभ सागर यह भी पढ़ें मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान तीन से सात दिन तक का होगा। इसमें पहले तीन दिन का सटीक एवं विस्तृत पूर्वानुमान होगा कि हवा में धूल का स्तर क्या होगा। हवा की गति क्या रहेगी। हवा किस दिशा से चलेगी तथा राजस्थान अथवा कहीं विदेश से तो धूल भरी आंधी आने के आसार नहीं हैं। इसके बाद के चार दिनों का मोटा-मोटा अनुमान रहेगा कि दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा उन दिनों में कैसी रहेगी। यह पूर्वानुमान नियमित तौर पर सीपीसीबी, ईपीसीए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान सरकार को भेजा जाएगा। पूर्वानुमान के साथ ही एडवाइजरी जारी होगी कि इस दौरान स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ केजे रमेश ने बताया कि वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान जारी करने के लिए लगभग सारी तैयारी कर ली गई है। फिलहाल इसका ट्रायल करके देखा जा रहा है। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि इसके जरिये दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बेहतर बनाए रखने में अधिक से अधिक मदद मिल सके।

मौसम विभाग अब केवल मौसम का ही नहीं बल्कि वायु गुणवत्ता का भी पूर्वानुमान जारी करेगा। यह पूर्वानुमान तीन से सात दिन के लिए होगा एवं आइआइटी, दिल्ली के तकनीकी सहयोग से जारी किया जाएगा। इसकी शुरुआत एक अक्टूबर से की जाएगी। दरअसल, सर्दियों के दौरान पिछले दो सालों से …

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