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महबूबा का विवादित बयान, पुलिस व आतंकियों को एक ही कसौटी पर रखा

पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पुलिसकर्मियों के अगवा परिजनों की घटनाओं पर विवादित बयान दिया है। महबूबा ने पुलिस और आतंकियों को एक ही कसौटी पर रखते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, आतंकियों और पुलिस का एक दूसरे के परिजनों को तंग करना गलत है। इससे हालात और खराब हो रहे हैं। परिवारों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। परिवार वालों का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। दोनों गुटों के परिजन बेकसूर हैं और उन्हें केवल इस कारण कि वह पुलिस या आतंकी के परिजन हैं, तंग करना मानवता के विपरीत है। हमें ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना कर रही हैं कि अगवा करने वालों को बुद्धि आए।वहीं आतंकी संगठन युनाइटेड जेहाद काउंसिल ने सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों के परिजनों को परेशान करने की कड़ी निंदा की। आतंकी संगठन के महासचिव शेख जमीलुल रहमान ने अपने एक बयान में कहा कि ऐसा करने से यदि सुरक्षाबल यह समझते हैं कि इससे उनके हौसले पस्त होंगे तो यह उनकी भूल हैं। –– ADVERTISEMENT –– दो सितंबर को कश्मीर के लोग शांति के लिए दौड़ेंगे यह भी पढ़ें उमर ने अलगाववादियों को लताड़ा : पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 11 युवाओं को आतंकियों द्वारा अगवा करने पर घाटी की स्थिति को चिंताजनक करार दिया। उमर ने ट्वीट कर अलगाववादियों का नाम लिए बिना कहा कि ऐसी घटनाओं पर लोगों को अपना रहनुमा कहलाने वाले लोग क्यों खामोश हैं। रुपये के लेन-देन में दो लोगों को बंधक बना कर पीटा यह भी पढ़ें उमर ने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा की गई किसी भी गलती पर यह कथित रहनुमा हो-हल्ला मचाते हैं, लेकिन आतंकियों द्वारा पुलिस व उनके परिजनों को अगवा करने पर इन्होंने चुपी साध रखी है।

पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पुलिसकर्मियों के अगवा परिजनों की घटनाओं पर विवादित बयान दिया है। महबूबा ने पुलिस और आतंकियों को एक ही कसौटी पर रखते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, आतंकियों और पुलिस का एक दूसरे के परिजनों को तंग करना गलत है। इससे हालात …

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इस रूट पर सबसे पहले चल सकती है बुलेट ट्रेन

भारत की पहली महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के देरी से चलने के संकेत हैं। सूत्रों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में रेलवे 50 किलोमीटर मार्ग पर सूरत और बिल्लीमोरा के बीच इस हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत करने की कोशिश कर रहा है। परियोजना पूरी होने का ज्यादा यथार्थवादी समय सीमा 2023 हो सकती है। परियोजना पर अमल कर रही एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लि. (एनएचएसआरसीएल) के सूत्रों ने बताया है कि 508 किलोमीटर लंबी यह परियोजना यदि 75वें स्वाधीनता दिवस, 15 अगस्त, 2022 तक पूरी नहीं होती तो गुजरात में सूरत से बिल्लीमोरा के बीच 50 किलोमीटर के मार्ग को चालू कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि परियोजना पूरी होने का ज्यादा यथार्थवादी समय सीमा 2023 हो सकती है। एनएचएसआरसीएल के सूत्र ने बताया- "बुलेट ट्रेन परियोजना की बाधा सिर्फ जमीन अधिग्रहण ही नहीं है। इसकी प्रक्रिया और विस्तृत योजना भी अभी बन रही है। हमारा आकलन है कि लक्ष्य एक साल से चुकेगा। कुल 508 किलोमीटर की यह परियोजना 2023 के तक पूरी हो पाएगी।" –– ADVERTISEMENT –– डॉ राजीव देंगे 200 करोड़ का तलाक, किसी महिला के चलते टूटा परिवार यह भी पढ़ें बुलेट ट्रेन की पटरी में दरार का तुरंत पता चलेगा देश में पहली बार रेल पटरियों में दरार का पता लगाने वाला ऑटोमैटिक सिस्टम बुलेट ट्रेन मार्ग पर लगेगा। अहमदाबाद-मुंबई के बीच 508 किमी लंबे मार्ग पर चलने वाली बुलेट ट्रेन को हादसों से बचाने के लिए यह सिस्टम लगेगा। बुलेट ट्रेनों में अत्याधुनिक फायर डिटेक्शन सिस्टम व एंटी डिरेलमेंट सिस्टम लगेगा। यह भूकंप संबंधी हादसों से बचाव के काम आएगा।

भारत की पहली महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के देरी से चलने के संकेत हैं। सूत्रों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में रेलवे 50 किलोमीटर मार्ग पर सूरत और बिल्लीमोरा के बीच इस हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत करने की कोशिश कर रहा है। परियोजना पूरी होने का ज्यादा यथार्थवादी समय सीमा …

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कॉमरेड्स पर फंदा कसने के लिए पर्याप्त हैं उन्हीं की लिखी चिट्ठियां!

भीमा-कोरेगांव साजिश मामले में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार माओवादी विचारकों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से कुछ समय के लिए भले राहत मिल गई हो, लेकिन महाराष्ट्र पुलिस के हाथ लगे उनके पत्र ही भविष्य में उन पर फंदा कसने के लिए पर्याप्त हैं। इन पत्रों से वाकई ऐसी साजिश का पर्दाफाश होता है, जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पुणे पुलिस को ये पत्र गिरफ्तार ‘कॉमरेडों’ के पास से बरामद उनके लैपटॉप, हार्ड डिस्क एवं पेन ड्राइव इत्यादि को डी-कोड करने से प्राप्त हुए हैं। ऐसे ही एक पत्र में फरीदाबाद से गिरफ्तार की गईं सुधा भारद्वाज सेंट्रल कमेटी के कॉमरेड भारद्वाज को लिखती हैं – “बहुत पैसा खर्च हो रहा है। आपके बताए अनुसार जेएनयू एवं टिस्स के छात्रों को अंदरूनी हिस्सों में भेजने के लिए हमें आर्थिक सहायता की तुरंत आवश्यकता है” सुधा आगे लिखती हैं – “प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद मुझे पैसा मिलना बंद हो गया है। नागपुर की मीटिंग में सुरेंद्र रेड्डी ने पैसा देने से इंकार कर दिया। कॉमरेड प्रशांत द्वारा पीपीएस के काम के लिए नियुक्त किए गए कॉमरेड स्टेन स्वामी से भी मैंने बात की। लेकिन उन्होंने भी पैसा देने का कोई निश्चित वायदा नहीं किया”।

भीमा-कोरेगांव साजिश मामले में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार माओवादी विचारकों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से कुछ समय के लिए भले राहत मिल गई हो, लेकिन महाराष्ट्र पुलिस के हाथ लगे उनके पत्र ही भविष्य में उन पर फंदा कसने के लिए पर्याप्त हैं। इन पत्रों से वाकई ऐसी साजिश …

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गाड़ी चलाने की इजाजत मिली तो कार चुराने लगी सऊदी अरब की महिला

कुछ अर्सा पहले तक सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग करने की इजाजत नहीं थी। पिछले साल सितंबर में किंग सलमान के बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ उदारवादी कानून बना कर सुधारों को लागू करवाया। इसके बाद महिलाओं के ड्राइविंग पर लगे बैन को हटाने का आदेश …

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हिमाचल के इस गांव में देखने को मिलेगा कला और खूबसूरती का अनोखा संगम

अंडरेट्टा खासतौर से नोरा सेंटर फॉर आर्ट, अंडरेट्टा पॉटरी एंड क्रॉफ्ट सोसाइटी, नोरा मड हाउस और सर शोभा सिंह आर्ट गैलरी के लिए जाना जाता है। एक्साइटिंग और खतरनाक दोनों तरह के एक्सपीरियंस के लिए यहां का रोड ट्रिप करें प्लान यह भी पढ़ें अंडरेट्टा के आसपास घूमने वाली जगहें पालमपुर ट्रैवलिंग के दौरान प्लास्टिक से फैलने वाली गंदगी को ऐसे कर सकते हैं कम यह भी पढ़ें अंडरेट्टा के पास ही बसा पालमपुर शहर, जो दुनियाभर में अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है। यहां कई सारी छोटी-छोटी नदियां हैं। पहाड़ों और नदियों की वजह से ही यहां का मौसम हमेशा ही ठंडा रहता है। जो चाय बागानों के अनुकूल है। कामाख्या देवी का मंदिर, जहां प्रसाद में मिलता है रक्त से भीगा हुआ कपड़ा यह भी पढ़ें बैजनाथ मंदिर नार्थ इंडिया के सबसे पुराने शिव मंदिर में से एक है बैजनाथ मंदिर। आम दिनों के अलावा शिव रात्रि और भी दूसरे उत्सवों के दौरान यहां भक्तों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। एडवेंचर के साथ बर्फबारी का मजा लेना हो तो साच पास है बहुत ही खूबसूरत जगह यह भी पढ़ें व्रजेश्वरी मंदिर इतिहास के पन्नों में ये मंदिर अपने विशाल वैभव के लिए मशहूर है जिसे मोहम्मद गजनी ने लूटने की भी कोशिश की थी। ज्वालामुखी मंदिर इंडिया के 51 शक्तिपीठों में से एक है यहां का ज्वालामुखी मंदिर। जहां आकर सुख और शांति का एहसास होता है। बिरनी माता मंदिर अंडरेट्टा आएं तो इस मंदिर जरूर आएं जहां से पूरी घाटी देखने का मौका मिलता है। जंगलों से ट्रैक करते हुए इस मंदिर तक पहुंचते हैं। नदी के किनारे पर बना है न्युगल कैफे, इससे अच्छी रिलैक्सिंग की जगह हो ही नहीं सकती। कांगडा फोर्ट पालमपुर के नजदीक ही है कंगड़ा फोर्ट, जिसे कटोच वंश ने बनाया था। जो भारत का सबसे पुराना किला है।एडवेंचर स्पोर्ट्स भी है यहां अगर आप रोमांचक खेल में रुचि रखते हैं तो आपको यहां से 180 किलोमीटर दूर बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन जरूर जाना चाहिए। यहां पर हाई एल्टीट्यूड क्रॉस कंट्री पैराग्लाइडिंग कराई जाती है। यहां पूरे विश्व से लोग आते हैं। कैसे पहुंचें सड़क मार्ग: अंडरेट्टा, पालमपुर से 13 किलोमीटर दूर है। कंगड़ा और पालमपुर में 40 किमी की दूरी है। दिल्ली और चंडीगढ़ से रोजाना यहां तक जाने के लिए आपको बसें मिल जाएंगी। रेल मार्ग : यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है। हवाई मार्ग : सबसे नजदीकी गग्गल हवाई अड्डा है, जो 15 किमी की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए बेहतर है कि आप एक प्राइवेट गाड़ी हायर करें, जिससे आप सफर को एन्जॉय कर सकें।

9 टू 5 जॉब करते हुए घूमने-फिरने का शौक पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है लेकिन नामुमकिन नहीं। और दो दिनों की छुट्टी में उत्तराखंड और हिमाचल को ही एक्सप्लोर करना आसान है। जहां आप नेचर के साथ-साथ एडवेंचर और रिलैक्सिंग हर एक चीज़ के लिए ऑप्शन्स मौजूद …

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राजस्थान और मथुरा की ये मिठाई विदेशी सैलानियों तक को है भाती

मिठाई की दुकानों पर खासतौर से बारिश के मौसम में गोल छोटे तवे के साइज जितनी एक अलग ही तरह की मिठाई देखने को मिलती है जिसे घेवर कहा जाता है। राजस्थान में तो ये बारिश के मौसम में ही देखने को मिलती है। जिसे तीज़, त्योहारों में बड़े चाव के साथ खाया और खिलाया जाता है। घेवर के असली स्वाद से रूबरू हुए लोगों को कहीं और का स्वाद पसंद ही नहीं आता। इसलिए यहां इस मिठाई को लोग पैक कराके भी ले जाते हैं। कहां से आया है घेवर वैसे तो घेवर का अलग से कोई इतिहास है। लेकिन इसे राजस्थान की ही उत्पत्ति मानते हैं। राजस्थान खानपान के मामले में बहुत ही अलग है। मसालों से लेकर मिठाईयों तक का स्वाद जल्द कोई भूलता नहीं। इसकी जितनी वैराइटी आपको राजस्थान में मिलेगी उतनी ही ब्रज भूमि मथुरा में भी। रेस्टोरेंट्स में गोल जालीदार वाली इस मिठाई को हनीकॉम्ब डेज़र्ट के नाम से भी ऑर्डर किया जा सकता है। राजस्थान और मथुरा की ये मिठाई विदेशी सैलानियों तक को है भाती यह भी पढ़ें त्योहार का दूसरा नाम है घेवर राजस्थान में तो तीज का उत्सव घेवर के बिना अधूरा है। यहां इस त्योहार को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है और उसमें घेवर की मिठास जरूरी है। इसके अलावा रक्षा बंधन के मौके पर मथुरा, बुलंदशहर यहां तक कि दिल्ली, नोएडा में भी घेवर का जायका चखने को मिल जाएगा। और तो और इस जगहों पर रक्षा-बंधन में लोग लड्डू-पेड़े और बर्फी की जगह घेवर ले जाना पसंद करते हैं। एक्साइटिंग और खतरनाक दोनों तरह के एक्सपीरियंस के लिए यहां का रोड ट्रिप करें प्लान यह भी पढ़ें ऐसे तैयार करते हैं घेवर ट्रेडिशनली घेवर तैयार करने के लिए मैदे और अरारोट के घोल वाले मिक्सचर को सांचों में डाला जाता है। फिर इसे शुद्ध घी और चाशनी में भीगाया जाता है जो इसके स्वाद को दोगुना करते हैं। वैसे तो एक्सपर्ट्स ने घेवर बनाने, सजाने और परोसने के कई सारे तरीके ईजाद किए हैं जिसमें मावा घेवर, मलाई घेवर और पनीर घेवर खास हैं। समय बदलने के साथ ही घेवर को बनाने, सजाने और परोसने में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिले लेकिन मिठास आज भी वैसे ही बरकरार है। चाशनी में डूबे घेवर पर रबड़ी और सूखे मेवों का वर्क हर एक को पसंद आएगा जिसे मीठाई हो।

मिठाई की दुकानों पर खासतौर से बारिश के मौसम में गोल छोटे तवे के साइज जितनी एक अलग ही तरह की मिठाई देखने को मिलती है जिसे घेवर कहा जाता है। राजस्थान में तो ये बारिश के मौसम में ही देखने को मिलती है। जिसे तीज़, त्योहारों में बड़े चाव …

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उत्‍तराखंड में बदला मौसम, देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

उत्‍तराखंड में बदला मौसम, देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

दून समेत प्रदेश के सात जिलों में शनिवार से भारी बारिश परीक्षा लेगी। दून में पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही मूसलाधार बारिश और तेज हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विशेषकर देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, …

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अतिक्रमण पर लगाए लाल निशान, फड़ और ठेलियों के खिलाफ भी चला अभियान

अतिक्रमण पर लगाए लाल निशान, फड़ और ठेलियों के खिलाफ भी चला अभियान

दून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। टास्क फोर्स ने 161 अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए, वहीं, नगर निगम ने अवैध ठेलियों के खिलाफ अभियान चलाया।  शहर में अवैध ठेलियों और फूड वैन के खिलाफ अभियान में नगर निगम की चेकिंग टीम ने तीन फूड वैन और …

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छात्र संगठनों को लिंगदोह की नई सिफारिशें चुनौती, ईवीएम से चुनाव के मंसूबे अधूरे

छात्र संगठनों को लिंगदोह की नई सिफारिशें चुनौती, ईवीएम से चुनाव के मंसूबे अधूरे

प्रदेश के दो सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून और एमबी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी में पहली बार छात्रसंघ चुनाव ईवीएम के जरिये कराने के सरकारके मंसूबे परवान नहीं चढ़ पाए। ईवीएम मशीन की सही हालत में उपलब्धता एवं तकनीकी संचालक नहीं होने के कारण दोनों महाविद्यालयों में इस …

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मसूरी गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग

मसूरी गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान दो सितंबर 1994 को मसूरी के झूलाघर में हुए गोलीकांड को याद कर आज भी मसूरीवासियों के तन में सिरहन दौड़ जाती है। मसूरी की शांत वादियों के इतिहास में दो सितंबर एक ऐसे काले दिन के रूप में दर्ज है, जिसे कभी भुलाया नहीं …

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