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हिमाचल के इस गांव में देखने को मिलेगा कला और खूबसूरती का अनोखा संगम

अंडरेट्टा खासतौर से नोरा सेंटर फॉर आर्ट, अंडरेट्टा पॉटरी एंड क्रॉफ्ट सोसाइटी, नोरा मड हाउस और सर शोभा सिंह आर्ट गैलरी के लिए जाना जाता है। एक्साइटिंग और खतरनाक दोनों तरह के एक्सपीरियंस के लिए यहां का रोड ट्रिप करें प्लान यह भी पढ़ें अंडरेट्टा के आसपास घूमने वाली जगहें पालमपुर ट्रैवलिंग के दौरान प्लास्टिक से फैलने वाली गंदगी को ऐसे कर सकते हैं कम यह भी पढ़ें अंडरेट्टा के पास ही बसा पालमपुर शहर, जो दुनियाभर में अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है। यहां कई सारी छोटी-छोटी नदियां हैं। पहाड़ों और नदियों की वजह से ही यहां का मौसम हमेशा ही ठंडा रहता है। जो चाय बागानों के अनुकूल है। कामाख्या देवी का मंदिर, जहां प्रसाद में मिलता है रक्त से भीगा हुआ कपड़ा यह भी पढ़ें बैजनाथ मंदिर नार्थ इंडिया के सबसे पुराने शिव मंदिर में से एक है बैजनाथ मंदिर। आम दिनों के अलावा शिव रात्रि और भी दूसरे उत्सवों के दौरान यहां भक्तों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। एडवेंचर के साथ बर्फबारी का मजा लेना हो तो साच पास है बहुत ही खूबसूरत जगह यह भी पढ़ें व्रजेश्वरी मंदिर इतिहास के पन्नों में ये मंदिर अपने विशाल वैभव के लिए मशहूर है जिसे मोहम्मद गजनी ने लूटने की भी कोशिश की थी। ज्वालामुखी मंदिर इंडिया के 51 शक्तिपीठों में से एक है यहां का ज्वालामुखी मंदिर। जहां आकर सुख और शांति का एहसास होता है। बिरनी माता मंदिर अंडरेट्टा आएं तो इस मंदिर जरूर आएं जहां से पूरी घाटी देखने का मौका मिलता है। जंगलों से ट्रैक करते हुए इस मंदिर तक पहुंचते हैं। नदी के किनारे पर बना है न्युगल कैफे, इससे अच्छी रिलैक्सिंग की जगह हो ही नहीं सकती। कांगडा फोर्ट पालमपुर के नजदीक ही है कंगड़ा फोर्ट, जिसे कटोच वंश ने बनाया था। जो भारत का सबसे पुराना किला है।एडवेंचर स्पोर्ट्स भी है यहां अगर आप रोमांचक खेल में रुचि रखते हैं तो आपको यहां से 180 किलोमीटर दूर बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन जरूर जाना चाहिए। यहां पर हाई एल्टीट्यूड क्रॉस कंट्री पैराग्लाइडिंग कराई जाती है। यहां पूरे विश्व से लोग आते हैं। कैसे पहुंचें सड़क मार्ग: अंडरेट्टा, पालमपुर से 13 किलोमीटर दूर है। कंगड़ा और पालमपुर में 40 किमी की दूरी है। दिल्ली और चंडीगढ़ से रोजाना यहां तक जाने के लिए आपको बसें मिल जाएंगी। रेल मार्ग : यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है। हवाई मार्ग : सबसे नजदीकी गग्गल हवाई अड्डा है, जो 15 किमी की दूरी पर है। यहां पहुंचने के लिए बेहतर है कि आप एक प्राइवेट गाड़ी हायर करें, जिससे आप सफर को एन्जॉय कर सकें।

9 टू 5 जॉब करते हुए घूमने-फिरने का शौक पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है लेकिन नामुमकिन नहीं। और दो दिनों की छुट्टी में उत्तराखंड और हिमाचल को ही एक्सप्लोर करना आसान है। जहां आप नेचर के साथ-साथ एडवेंचर और रिलैक्सिंग हर एक चीज़ के लिए ऑप्शन्स मौजूद …

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राजस्थान और मथुरा की ये मिठाई विदेशी सैलानियों तक को है भाती

मिठाई की दुकानों पर खासतौर से बारिश के मौसम में गोल छोटे तवे के साइज जितनी एक अलग ही तरह की मिठाई देखने को मिलती है जिसे घेवर कहा जाता है। राजस्थान में तो ये बारिश के मौसम में ही देखने को मिलती है। जिसे तीज़, त्योहारों में बड़े चाव के साथ खाया और खिलाया जाता है। घेवर के असली स्वाद से रूबरू हुए लोगों को कहीं और का स्वाद पसंद ही नहीं आता। इसलिए यहां इस मिठाई को लोग पैक कराके भी ले जाते हैं। कहां से आया है घेवर वैसे तो घेवर का अलग से कोई इतिहास है। लेकिन इसे राजस्थान की ही उत्पत्ति मानते हैं। राजस्थान खानपान के मामले में बहुत ही अलग है। मसालों से लेकर मिठाईयों तक का स्वाद जल्द कोई भूलता नहीं। इसकी जितनी वैराइटी आपको राजस्थान में मिलेगी उतनी ही ब्रज भूमि मथुरा में भी। रेस्टोरेंट्स में गोल जालीदार वाली इस मिठाई को हनीकॉम्ब डेज़र्ट के नाम से भी ऑर्डर किया जा सकता है। राजस्थान और मथुरा की ये मिठाई विदेशी सैलानियों तक को है भाती यह भी पढ़ें त्योहार का दूसरा नाम है घेवर राजस्थान में तो तीज का उत्सव घेवर के बिना अधूरा है। यहां इस त्योहार को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है और उसमें घेवर की मिठास जरूरी है। इसके अलावा रक्षा बंधन के मौके पर मथुरा, बुलंदशहर यहां तक कि दिल्ली, नोएडा में भी घेवर का जायका चखने को मिल जाएगा। और तो और इस जगहों पर रक्षा-बंधन में लोग लड्डू-पेड़े और बर्फी की जगह घेवर ले जाना पसंद करते हैं। एक्साइटिंग और खतरनाक दोनों तरह के एक्सपीरियंस के लिए यहां का रोड ट्रिप करें प्लान यह भी पढ़ें ऐसे तैयार करते हैं घेवर ट्रेडिशनली घेवर तैयार करने के लिए मैदे और अरारोट के घोल वाले मिक्सचर को सांचों में डाला जाता है। फिर इसे शुद्ध घी और चाशनी में भीगाया जाता है जो इसके स्वाद को दोगुना करते हैं। वैसे तो एक्सपर्ट्स ने घेवर बनाने, सजाने और परोसने के कई सारे तरीके ईजाद किए हैं जिसमें मावा घेवर, मलाई घेवर और पनीर घेवर खास हैं। समय बदलने के साथ ही घेवर को बनाने, सजाने और परोसने में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिले लेकिन मिठास आज भी वैसे ही बरकरार है। चाशनी में डूबे घेवर पर रबड़ी और सूखे मेवों का वर्क हर एक को पसंद आएगा जिसे मीठाई हो।

मिठाई की दुकानों पर खासतौर से बारिश के मौसम में गोल छोटे तवे के साइज जितनी एक अलग ही तरह की मिठाई देखने को मिलती है जिसे घेवर कहा जाता है। राजस्थान में तो ये बारिश के मौसम में ही देखने को मिलती है। जिसे तीज़, त्योहारों में बड़े चाव …

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उत्‍तराखंड में बदला मौसम, देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

उत्‍तराखंड में बदला मौसम, देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

दून समेत प्रदेश के सात जिलों में शनिवार से भारी बारिश परीक्षा लेगी। दून में पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही मूसलाधार बारिश और तेज हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विशेषकर देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, …

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अतिक्रमण पर लगाए लाल निशान, फड़ और ठेलियों के खिलाफ भी चला अभियान

अतिक्रमण पर लगाए लाल निशान, फड़ और ठेलियों के खिलाफ भी चला अभियान

दून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। टास्क फोर्स ने 161 अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए, वहीं, नगर निगम ने अवैध ठेलियों के खिलाफ अभियान चलाया।  शहर में अवैध ठेलियों और फूड वैन के खिलाफ अभियान में नगर निगम की चेकिंग टीम ने तीन फूड वैन और …

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छात्र संगठनों को लिंगदोह की नई सिफारिशें चुनौती, ईवीएम से चुनाव के मंसूबे अधूरे

छात्र संगठनों को लिंगदोह की नई सिफारिशें चुनौती, ईवीएम से चुनाव के मंसूबे अधूरे

प्रदेश के दो सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून और एमबी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी में पहली बार छात्रसंघ चुनाव ईवीएम के जरिये कराने के सरकारके मंसूबे परवान नहीं चढ़ पाए। ईवीएम मशीन की सही हालत में उपलब्धता एवं तकनीकी संचालक नहीं होने के कारण दोनों महाविद्यालयों में इस …

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मसूरी गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग

मसूरी गोलीकांड को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान दो सितंबर 1994 को मसूरी के झूलाघर में हुए गोलीकांड को याद कर आज भी मसूरीवासियों के तन में सिरहन दौड़ जाती है। मसूरी की शांत वादियों के इतिहास में दो सितंबर एक ऐसे काले दिन के रूप में दर्ज है, जिसे कभी भुलाया नहीं …

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इस बाल कलाकार के गाने ने यू-ट्यूब पर मचाया धमाल, जानिए

इस बाल कलाकार के गाने ने यू-ट्यूब पर मचाया धमाल, जानिए

जौनसार के एक बाल कलाकार का गीत यू-ट्यूब पर इन दिनों धमाल मचा रहा है। एकता फिल्म के सहयोग से बनी जौनसारी एलबम ‘छोरी कुनावरी’ के सुपरहिट गीत सूने की जंजीरा, गांव-गांव मंदिरा को अपनी आवाज देने वाले लाखामंडल के बाल कलाकार रोहन शर्मा और साक्षी की जोड़ी के शानदार …

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भारतीय सेना में 1694 पदों पर नौकरी की अपार संभावना, 10वीं पास करें आवेदन

भारतीय सेना में 1694 पदों पर नौकरी की अपार संभावना, 10वीं पास करें आवेदन

सीमा सुरक्षा बल ने कुल 1694 कॉन्स्टेबल के खाली पड़े पदो को भरने के लिए युवा और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की है. यदि आपने 10वीं पास कर ली है और आप सरकारी नौकरी की तलाश भी कर रहे है तो आप इन पदों के लिए आज हे …

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तेलंगाना में 9355 पदों पर सरकारी नौकरी, आज ही करना होगा आवेदन

तेलंगाना में 9355 पदों पर सरकारी नौकरी, आज ही करना होगा आवेदन

पंचायत राज और ग्रामीण रोजगार आयुक्त, तेलंगाना सरकार ने 9355 जूनियर पंचायत सेक्रेट्ररी की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके लिए 18 से 39 वर्ष के उम्मीदवार आज ही आवेदन कर सकते है. तेलंगाना सरकार भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 सितंबर 2018 है. …

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400 पदों पर बिजली विभाग में नौकरियों की बहार, सैलरी होंगी 22 हजार

400 पदों पर बिजली विभाग में नौकरियों की बहार, सैलरी होंगी 22 हजार

महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा ग्रेजुएट और डिप्लोमा ट्रेनी पदो पर युवा उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की गई है. जिन युवाओं ने डिप्लोमा और बी.टेक पास कर ली है वे युवा इन पदो के लिए जल्द से जल्द आवेदन कर दें. बता दें कि संस्था द्वारा कुल  …

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