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PCS भर्ती 2018 : शिक्षक पद पर नौकरी के लिए आज ही करें आवेदन, जानें आवेदन की अंतिम तिथि

जम्मू और कश्मीर लोक सेवा आयोग (JKPSC) ने व्याख्याता के खाली पड़े पदो को भरने के लिए अनुभवी उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की है. यदि आपके पास भी संबधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री है और टीचिंग में अनुभव है तो आप इन पदो के लिए आज ही आवेदन कर सकते है. बता दें कि उम्मीदवारों को इसके लिए अधिकतम वेतन 34000 रु प्रतिमाह तक मिलेगा. नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी इस प्रकार हैं... जेपीओ के कुल 62 पदों पर वैकेंसी, 42000 मिलेगा वेतन इतना मिलेगा वेतन व्याख्याता- 9300-34800+5400/- महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं - पद का नाम- व्याख्याता कुल पद - 20 अंतिम तिथि - 20-9-2018 स्थान- श्रीनगर जम्मू और कश्मीर लोक सेवा आयोग पद भर्ती विवरण 2018 आयु सीमा- उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट दी जाएगी. सहायक प्रोफेसर पद पर नौकरी का सुनहरा मौका, 40000 मिलेगा वेतन वेतन- जिन उम्मीदवारों का चयन इन पदों के लिए किया जाएगा उन्हें 9300-34800+5400/- वेतन दिया जाएगा. योग्यता उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से संबधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त हो और अनुभव प्राप्त हो. आवेदन शुल्क: 1000/- रुपए सामान्य, ओबीसी जाति के और 500/- रुपए अनुसूचित जनजाति के लिए. चयन प्रक्रिया : उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होगा. आप इस प्रकार कर सकते हैं आवेदन योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आवेदन के निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन आवेदन करते हैं, साथ ही शिक्षा और अन्य योग्यता, जन्मतिथि की तारीख और अन्य आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों को स्वयं की प्रतियां के साथ और नियत तारीख से पहले भेजने के बारे में पूरी जानकारी के साथ.

जम्मू और कश्मीर लोक सेवा आयोग (JKPSC) ने व्याख्याता के खाली पड़े  पदो को भरने के लिए अनुभवी उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की है. यदि आपके पास भी संबधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री है और टीचिंग में अनुभव है तो आप इन पदो के लिए आज ही आवेदन कर सकते …

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पुलिस विभाग ने 10वीं पास के लिए निकाली 500 से अधिक पदों पर वैकेंसी

झारखंड पुलिस ने ग्रुप डी (स्विपर, वॉशरमैन, बारबर, कुक) के रिक्त पदो पर युवा और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की है. यदि आपने 10वीं पास कर ली है और आप सरकारी नौकरी की तलाश कर रहें है तो आपके लिए यह एक सुनहरा मौका हो सकता है. आप जल्द ही इन पदो के लिए आवेदन कर सकते है. बता दें कि पुलिस विभाग द्वारा कुल 530 पदों पर भर्ती निकाली गई है. नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी इस प्रकार हैं... सहायक प्रोफेसर पद पर नौकरी का सुनहरा मौका, 40000 मिलेगा वेतन महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं - पद का नाम- स्विपर, वॉशरमैन, बारबर, कुक कुल पद - 530 अंतिम तिथि - 24-9-2018 स्थान- रांची झारखंड पुलिस पद भर्ती विवरण 2018 आयु सीमा उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 25 वर्ष मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट प्रदान की जाएगी. वेतन जिन उम्मीदवारों का चयन पद के लिए होगा उन्हें योग्यता और अनुभव के आधार पर वेतन दिया जाएगा. DRDO भर्ती : 400 पदों पर निकली वैकेंसी, 50000 होगा वेतन योग्यता उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 10वीं पास हो और संबधित विषय में अनुभव भी हो. आवेदन शुल्क: नौकरी के लिए कोई आवेदन शुल्क नही है. चयन प्रक्रिया: उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा. आप इस प्रकार से कर सकते हैं आवेदन उम्मीदवार आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप पर दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां और आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ आज ही आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवारों को आवेदन पत्र भरते समय सभी सूचनाओं और विवरणों को ध्यान से भरने का अनुरोध है.

झारखंड पुलिस ने ग्रुप डी (स्विपर, वॉशरमैन, बारबर, कुक) के रिक्त पदो पर युवा और योग्य उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की है. यदि आपने 10वीं पास कर ली है और आप सरकारी नौकरी की तलाश कर रहें है तो आपके लिए यह एक सुनहरा मौका हो सकता है. आप जल्द …

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टेस्टी मैंगो मफिन रेसिपी

मैदा- 200 ग्राम, बेकिंग पाउडर- 1,1/2 छोटा चम्मच, शक्कर- 175 ग्राम, आम का गूदा- 1/2 कप, पीला रंग- 2 बूंद, पिघला बटर- 120 ग्राम, दूध- 250 मिली लीटर, मैंगो एसेंस- 2 बूंद। विधि : एक बर्तन में मैदा, बेकिंग पाउडर व पीला रंग मिलाकर छान लें। इसमें शक्कर व आम का गूदा मिलाएं। मिक्सचर के बीच में बटर, दूध और मैंगो एसेंस डालें और मिला लें। ज़्यादा देर न चलाएं। अब इसे ग्रीस किए मफिन टिन के 3/4 भाग तक भरें। प्री-हीटेड अवन में 180 डिग्री पर 25 मिनट तक बेक करें। तैयार हैं आपके मैंगो मफिन्स।

मैदा- 200 ग्राम, बेकिंग पाउडर- 1,1/2 छोटा चम्मच, शक्कर- 175 ग्राम, आम का गूदा- 1/2 कप, पीला रंग- 2 बूंद, पिघला बटर- 120 ग्राम, दूध- 250 मिली लीटर, मैंगो एसेंस- 2 बूंद। विधि : एक बर्तन में मैदा, बेकिंग पाउडर व पीला रंग मिलाकर छान लें। इसमें शक्कर व आम …

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ऐसे बनाएं कश्मीरी राजमा

राजमा- डेढ़ कप, सोडा-1टीस्पून, घी-1/2 कप, हींग-1/8 टीस्पून, जीरा-1टीस्पून, सोंठ-1 टीस्पून, दही-1/2कप, कश्मीरी गरम मसाला-1 टीस्पून, अदरक का पेस्ट-1टीस्पून, नमक स्वादानुसार, कश्मीरी मिर्च पाउडर-1 टीस्पून, धनिया पाउडर-2 टीस्पून। विधि : राजमा में पानी और सोडा डालकर पूरी रात के लिए भिगोकर रख दें. सुबह राजमा से पानी निकालकर और उसमें साफ पानी डालकर कुकर में डालें और चार-पांच सीटी आने तक उबाल लें. अब राजमा से पानी निकाल दें. अब एक पैन में घी गर्म करें और इसमें हींग और जीरा डालें. फिर इसमें सोंठ, दही और अदरक डालकर एक या दो मिनट तक भून लें. फिर इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, हरी मिर्च, धनिया पाउडर और राजमा डालें और एक मिनट तक भून लें. अब इसमें एक कप पानी डालें और आठ से 10 मिनट तक धीमी आंच पर पका लें. इसके बाद इसमें गरम मसाला डालें और दो मिनट तक पका लें. ऊपर से हरा धनिया डालकर सर्व करें.

राजमा- डेढ़ कप, सोडा-1टीस्पून, घी-1/2 कप, हींग-1/8 टीस्पून, जीरा-1टीस्पून, सोंठ-1 टीस्पून, दही-1/2कप, कश्मीरी गरम मसाला-1 टीस्पून, अदरक का पेस्ट-1टीस्पून, नमक स्वादानुसार, कश्मीरी मिर्च पाउडर-1 टीस्पून, धनिया पाउडर-2 टीस्पून। विधि : राजमा में पानी और सोडा डालकर पूरी रात के लिए भिगोकर रख दें. सुबह राजमा से पानी निकालकर और उसमें …

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कोलंबिया में मनाया जाता है आलसियों का दिन सड़कों पर सो कर बिताते हैं वक्त

आपने कभी सोचा है कि अगर आप रास्ते से गुजर रहे हों आैर आपको बीच में सड़क पर बिस्तर लगा कर सोते लोग दिखार्इ देने लगें। आप कहेंगे क्या फिजूल बात है पर नहीं कोलंबिया के एक इलाके में साल में कम से कम एक बार ये नजारा देखा जा सकता है। यहां एक दिन ऐसा आता है जब दुनियाभर के अलग-अलग देशों से आये लोग वाकर्इ बिस्तर लेकर सड़क पर सोते हैं। ये दिन होता है 'वर्ल्ड लेजिनेस डे'। इस दिन का मजा लेने के लिए यहां पूरी दुनियाभर के आलसी आते हैं और इस फेस्टिवल का हिस्सा बनते हैं। सजे संवरे बिस्तर सड़कों पर नजर आये –– ADVERTISEMENT –– समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार बीते रविवार को कोलंबिया के इतागुई शहर में इस साल का 'वर्ल्ड लेजिनेस डे' मनाया गया। इस अवसर पर लोग अपने साथ गद्दे आैर बिस्तर लेकर आए आैर सड़क पर सोते हुए वक्त गुजारा। खास बात ये थी कि इस खेल में शामिल लोग ना सिर्फ अपने बिस्तर लाये थे बल्कि उसे रंगबिरंगी लड़ियों आैर अन्य डेकोरेशन के समान से सजाये हुए भी थे। हर साल इस दिन इतागुई शहर आलसियों से भर जाता है। एक बिल के चलते दुल्‍हन ने शादी के दिन ही रिश्‍ता तोड़ कर हनीमून डेस्‍टिनेशन पर की पार्टी यह भी पढ़ें उत्सव से जुड़ी है एक कहानी खबरों के मुताबिक इस अनोखे उत्सव को मनाने के पीछे एक खास कहानी भी है। ये बेहद रोचक है। बताते हैं कि कोलंबिया के लोग तनाव से लड़ने के लिए हर साल आलस का दिन मनाते हैं, ताकि लोग अपनी परेशानियों से बाहर आकर सुकून से वक्त बिता सकें। ये परंपरा 1985 से शुरू हुर्इ थी, जब मारियो मोंटोया नाम के एक इतागुई के निवासी के मन में ये विचार आया था कि लोगों के पास सिर्फ आराम का भी एक दिन होना चाहिए। वर्ल्ड लेजिनेस डे पर कुछ अजब गजब प्रतियोगिताएं भी होती हैं, जैसे किसका पजामा सबसे अच्छा दिख रहा है और कौन सबसे तेजी से अपने बिस्तर पर पहुंचता है।

आपने कभी सोचा है  कि अगर आप रास्ते से गुजर रहे हों आैर आपको बीच में सड़क पर बिस्तर लगा कर सोते लोग दिखार्इ देने लगें। आप कहेंगे क्या फिजूल बात है पर नहीं कोलंबिया के एक इलाके में साल में कम से कम एक बार ये नजारा देखा जा …

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पार्सल में मिला सांप देख कर पहले डरे पुलिस वाले आैर फिर नाम रख कर बना लिया पालतू

द सन की एक खबर के मुताबिक इंग्लैंड के एक पुलिस स्टेशन में जब दो महिलायें एक बड़ा सा पार्सल लेकर पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ हैरान रह गया। उसके बाद जब गत्ते के उस डिब्बे को खोला गया तो अचानक सारे पुलिसकर्मी दहशत में आ गए। वजह थी पार्सल में मौजूद एक लंबा सा सांप। महिलाआें के अनुसार वो उन्हें एक मार्केटिंग कांप्लेक्स के पास मिला था आैर वो किसी तरह उसे डिब्बे में बंद करके वहां लार्इ हैं। कुछ देर बाद थाने में मौजूद पुलिसवाले सहज हुए तो उन्हें लगा कि सांप तो बेहद खूबसूरत है आैर उनका डर दूर हो गया। कुछ एेसा था मामला बुधवार की बतार्इ जा रही ये घटना इंग्लैंड के न्‍यूकैशल इलाके में स्थित फोर्थ बैंक्‍स पुलिस स्‍टेशन की है। यहां उस समय सब लोग डर गए जब दो महिलायें एक गत्ते के डिब्बे से बना पार्सल लेकर पहुंची। हांलाकि पार्सल में कोर्इ खतरनाक बम या हथियार नहीं था, लेकिन एक तकरीबन 6 फीट लंबा सांप मौजूद था। इसे लाने वाली महिलाओं के अनुसार उन्‍हें यह सांप न्‍यूकैशल के सिटी सेंटर के मार्केटिंग कांप्लेक्स के बाहर सड़क पर मिला था। जहां वे उसे मुश्किल से बॉक्‍स में डालने में कामयाब हो पार्इं। जब उन्हें ये समझ नहीं आया कि वे सांप को कहां ले जाए तो वे उसे फोर्थ बैंक्‍स पुलिस स्‍टेशन लेकर आ गईं। सांप पर भारी पड़ गया एक चूहा! यह भी पढ़ें पुलिस वालों ने किया नामकरण पहले अचानक सांप देख कर घबराये पुलिस वाले कुछ सामान्य हुए तो उन्होंने देखा कि ये सांप बेहद ही खूबसूरत था। उन्हें उस पर खासा प्यार आ गया आैर उन्होंने उसे रख लिया। इसके बाद उन्होंने सांप को एक नाम भी दिया शेंद्रा । हालांकि बाद में शेंद्रा को इंग्लैंड की सबसे बड़ी पशु कल्याण संस्था राॅयल सोसायटी फाॅर द प्रिवेंशन आॅफ क्रुअल्टी टू एनिमल्स को सौंप दिया गया। अब आरएसपीसीए इस सांप की तब तक देखभाल करेगी जब तक कि कोई इस पर अपना हक जताने नहीं आयेगा। अगर आपके गैराज में हाे जहरीला सांप को आप भी कांप उठेंगे यह भी पढ़ें पालतू होता है ये सांप शेंद्रा के बारे में पुलिसस्टेशन के स्टाफ का कहना है कि हांलाकि उन्‍हें अजीबोगरीब पार्सल मिलते रहते हैं, लेकिन यह अबतक का सबसे अजीब पार्सल था, इसीलिए शुरूआत वे घबरा गए थे। हांलाकि बाद में इन्हें इस सांप पर प्यार आ गया आैर ये काफी स्वाभविक भी है, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार यह एलबिनो कॉर्न सांप था जो दुनिया का सबसे गोरा सांप कहलाता है। ये सामान्‍यत: उत्‍तर अमेर‍िका में पाया जाता है आैर इसके शरीर का रंग पूरी तरह से सफेद होता है। यह सांप आमतौर पर चूहों को शिकार बनाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि जहर की जगह अपने श‍िकार को लपेटकर उनका दम घोंटकर मारता है। लोग इसे पालतू बना कर रखते हैं क्‍योंकि यह इंसानों के लिए ज्‍यादा खतरनाक नहीं माना जाता। इनकी जिंदगी 10 से 15 साल के बीच होती है।

द सन की एक खबर के मुताबिक इंग्लैंड के एक पुलिस स्टेशन में जब दो महिलायें एक बड़ा सा पार्सल लेकर पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ हैरान रह गया। उसके बाद जब गत्ते के उस डिब्बे को खोला गया तो अचानक सारे पुलिसकर्मी दहशत में आ गए। वजह थी पार्सल …

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राष्ट्रपति ने लांच की बौद्ध टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई वेबसाइट

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने अंतरर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2018 के मौके पर बौद्ध टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए एक नई वेबसाइट indiathelandofbuddha.in लांच की है। 23 अगस्त शुरू हुआ ये सम्मेलन 26 अगस्त तक चलेगा। इस मौके पर देशभर में मौजूद बौद्ध स्थलों पर बनी फिल्म भी दिखाई जाएगी। सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकारों के सहयोग से हो रहा है। जिसका मकसद टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही देशभर में बौद्ध धर्म मानने वालों और उनके समुदायों के बीच फ्रेंडली कल्चर बनाना है। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, कम्बोडिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, लाओ पीडीआर, मलेशिया, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, नार्वे, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्लोवाक गणराज्य, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, थाइलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम सहित 29 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में इनके अलावा पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध धर्म से जुड़े सीनियर लीडर्स, स्कॉलर्स, नेताओं, पत्रकारों और इंटरनेशनल एंड डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स को भी आमंत्रित किया है। ट्रिप के साथ भारत की इन जगहों पर ले सकते हैं योग का अनुभव, योग डेस्टिनेशन नाम से भी हैं मशहूर यह भी पढ़ें सम्मेलन में पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारें अपनी-अपनी प्रस्तुति देंगी। विद्वानों, भिक्षुओं, विचारकों और इंटरनेशनल एंड डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स की बैठकें होंगी। विश्व स्तर के बौद्ध स्थलों के निर्माण के लिए इनवेस्टर्स की भी मीटिंग होगी। पर्यटन मंत्रालय का कहना है कि, भारत में काफी अच्छे और पुराने बौद्ध स्थल हैं और दुनियाभर में इसे मानने वाले लोगों की संख्या भी अच्छी-खासी है लेकिन इनमें से ज्यादातर पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी देशों में रहते हैं जिससे भारत में बौद्ध स्थलों को देखने आने वालों की संख्या न के बराबर रह गई है। इस सम्मेलन को आयोजित करने का उद्देश्य ही है ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट को यहां के प्राचीन बौद्ध स्थलों के बारे में बताना और टूरिज्म को बढ़ाना। पर्यटन मंत्रालय हर 2 साल में एक बार इस सम्मेलन का आयोजन करता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने अंतरर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2018 के मौके पर बौद्ध टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए एक नई वेबसाइट indiathelandofbuddha.in लांच की है। 23 अगस्त शुरू हुआ ये सम्मेलन 26 अगस्त तक चलेगा। इस मौके पर देशभर में मौजूद बौद्ध स्थलों पर बनी फिल्म भी दिखाई जाएगी। सम्मेलन …

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अमृतसर का मीठा पानी बनाता है यहां के हर एक स्वाद को निराला

आध्यात्मिक नगरी अमृतसर का कण-कण वीरता, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान का प्रतीक है। समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक धरोहरों और विश्र्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब के इस पावन शहर को गुरु साहिबान की मेहर प्राप्त है। संभवत: ऐसा विरला ही होगा जो इस ऐतिहासिक शहर की महत्ता से परिचित न हो। पर्यटन की दृष्टि से पूरी तरह डेवलप अमृतसर शहर में श्री हरिमंदिर साहिब, श्री दुग्र्याणा तीर्थ, शहीद स्थली जलियांवाला बाग, अटारी सीमा, किला गोबिंदगढ़ जैसे ऐतिहासिक जगहों को देखने देश-विदेश से रोजाना लगभग एक लाख टूरिस्ट आते हैं। टूरिस्ट को इन जगहों के अलावा जो चीज सबसे ज्यादा आकर्षित करती है, वह है अमृतसर का खानपान। अंबरसरी कुलचा वैसे तो आलू का कुलचा देश में ज्यादातर जगहों पर मिलता है, लेकिन जो स्वाद अमृतसर में बने कुचले का है, वैसा कहीं नहीं। आपने अपने शहर में फूड कॉर्नर पर अक्सर 'अंबरसरी' कुलचा लिखा देखा होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अंबरसरी कुल्चे का अपना अलग ही स्वाद है। अमृतसर में कुलचे की सैकड़ों दुकानें हैं। यहां तक कि कई दुकानदार रेहडि़यों पर तंदूर लगाकर भी कुलचे तैयार करते हैं। अंबरसरी कुलचा बनाने वाले 'कुलचा लैंड' के संचालक सिमरजीत सिंह बताते हैं कि उनकी चौथी पीढ़ी इस काम में जुटी है। उनके दादाजी हुक्म सिंह ने कुलचे का कारोबार शुरू किया था। वह कहते हैं, 'उनके बाद मेरे पिता दीवान सिंह और अब मैं व मेरे बच्चे कुलचे बनाते हैं। आलू, पनीर, गोभी व प्याज से बनने वाले कुलचों की खुशबू ही लोगों को आकर्षित करती है। उसके साथ सफेद चने, मूली व प्याज की चटनी इसे और जायकेदार करती है। अमृतसर में बनने वाला कुलचा इसलिए टेस्टी होता है, क्योंकि यहां का पानी मीठा है। असल में कुलचे का असली जायका अमृतसर में ही मिलता है। वीकेंड पर अमृतसर ट्रिप पर जाएं तो मिस न करें स्ट्रीट फूड, खास है यहां के जायके यह भी पढ़ें केसर दा ढाबा हर जगह के जायके का स्वाद मिलता है इंदौर की इन गलियों में यह भी पढ़ें लाहौर (अब पाकिस्तान) के शेखुपुरा इलाके में 102 साल पहले स्थापित किया गया केसर दा ढाबा आज भी अमृतसर में अपने जायके की खुशबू बिखेर रहा है। चौक पासियां क्षेत्र में स्थित केसर दा ढाबा में माह की दाल और लच्छेदार परांठा व‌र्ल्ड फेमस है। 10 से 12 घंटे तक तांबे की तेग में पकने वाली दाल और तंदूर में सिंकने वाले लच्छेदार परांठे की खुशबू से चौक पासिया क्षेत्र महकता रहता है। सन् 1916 ईस्वी में लाला केसर मल ने लाहौर के शेखुपुरा में केसर दा ढाबा खोला था। लाला केसर मल और उनकी पत्नी पार्वती के हाथ में इतनी शफा थी कि ढाबे में पकने वाली माह की दाल पाकिस्तान के बाशिंदे अंगुलियां चाट- चाट कर खाते थे। सिर्फ एक लच्छेदार परांठा ही लोगों की भूख शांत करने के लिए काफी था। बंटवारे के बाद केसर मल परिवार सहित अमृतसर आ बसे। 'केसर दा ढाबा' पाकिस्तान में छूट गया, लेकिन केसर मल ने चौक पासियां में केसर दा ढाबा खोल दिया। अमृतसर के मीठे पानी में माह की दाल का स्वाद और लाजवाब हो गया। लच्छेदार परांठा भी और खिल उठा। केसरमल के देहावसान के बाद पुत्र शोरी मल ने कामकाज संभाला। एक वक्त ऐसा भी आया जब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के लिए यहां से खाना पैक करवाकर भेजा गया। शोरी मल के देहांत के बाद उनके पुत्र विजय कुमार केसर दा ढाबा चला रहे हैं। असल में इस ढाबे को चौथी पीढ़ा संभाल रही है। विश्र्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब के निकट स्थित केसर दा ढाबा में देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन ज्यादा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे बड़े देशों से आने वाले पर्यटक इस ढाबे की दाल और परांठे का स्वाद जरूर चखते हैं। यहां हर रोज ढाई क्विंटल आटे से लच्छेदार परांठे बनाए जाते हैं। माह की दाल 1.20 क्विंटल लगती है। तांबे की बड़ी देग में चालीस किलो दाल 12 घंटे तक धीमी आंच में पकती है। खाने-पीने के हैं शौकीन हैं तो बार्सिलोना शहर में चखने को मिलेगा बहुत कुछ यह भी पढ़ें मक्खन फिश कॉर्नर भारत की इन 5 जगहों की खास बिरयानी जानते हैं आप? एक बार जरूर चखें यह भी पढ़ें वेज के साथ ही नॉनवेज डिशेज भी पर्यटकों को लुभाते हैं। अंबरसरी फिश, फ्राई फिश, तंदुरी फिश, अंबरसरी तंदूरी चिकेन, मटन टिक्का, चिल्ली चिकेन, बटन चिकेन, मलाई चिकेन आदि देशी-विदेशी पर्यटकों को बहुत पंसद आते हैं। मजीठा रोड स्थित मक्खन फिश कॉर्नर में अंबरसरी फिश के दूर-दूर तक चर्चे हैं। असल में अंबरसरी फिश की रेसिपी ईजाद करने वाले मक्खन फिश कॉर्नर के मालिक सुच्चा सिंह थे। 1962 में सुच्चा सिंह ने अंबरसरी फिश तैयार की थी। निसंदेह, यह डिश कम समय में लोगों को भा गई। मस्टर्ड ऑयल में पकने वाली अंबरसरी फिश आज देश के कोने-कोने में पहुंच चुकी है। सुच्चा सिंह के बाद उनके पुत्र मलकीत सिंह और मलकीत के पुत्र हरजीत सिंह तथा सिमरनदीप सिंह स्वाद के इस कारोबार को चला रहे हैं। मलकीत सिंह बताते हैं कि वह तंदूरी फिश भी बनाते हैं। यह देश में कहीं और बनती भी होगी तो ऐसा स्वाद नहीं मिलेगा, क्योंकि इसे धीमी आंच में पकाया जाता है और अपने हाथों से तैयार किए गए मसाले डाले जाते हैं। सभी नॉनवेज वेरायटीज में मक्खन और देसी घी का प्रयोग किया जाता है। अमृतसरी कबाब और चिकन टिक्का के बिना लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। स्वाद और गुणवत्ता की वजह से सिने सितारे, राजनीतिज्ञ और देश के बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी यहां आते हैं। रेल कोच में रेस्त्रां रेल के डिब्बे की तरह दिखने वाला यह केबिन असल में रेस्टोरेंट है। अमृतसर के लॉरेंस रोड पर स्थित छोटी सी जगह में बनाए गए इस रेस्टोरेंट को 'ईट एंड टेस्ट' नाम दिया गया है। अमृतसर में फूड कॉर्नर की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन कोच में रेस्टोरेंट का कॉन्सेप्ट बिल्कुल अलग है। 40 सीटर यह कोच नुमा रेस्टोरेंट पूरी तरह से एयरकंडीशन्ड है। यहां लोगों को इंडियन, कांटीनेंटल, चाइनीज व इटेलियन फूड परोसे जाते हैं। इसे दिल्ली के एक आर्किटेक्ट ने बनाया था। लोग यहां आकर खाना भी खाते हैं और रेल कोच में बैठने का आनंद भी उठाते हैं। खाने के बाद लस्सी भी जरूरी है कहानियों में आपने सुना होगा कि पंजाब में दूध की नदियां बहती हैं। खाने-पीने की लाजवाब और बेशुमार वेराइटी के साथ 'अंबरसरी लस्सी' भी अपना अलग रुतबा रखती है। इसका मीठा जादू हर किसी पर चलता है। शहर में आने वाला कोई भी शख्स मक्खन और मलाई वाली लस्सी जरूर पीता है। जिस किसी ने भी अमृतसर की लस्सी पी, वह इसका कायल बन गया। ढाब खटिकां बाजार में स्थित आहूजा लस्सी भंडार में पर्यटकों की खासी भीड़ रोजाना लगती है। सन् 1957 में तरुण आहूजा के दादा किशन लाल ने ढाब खटीकां में लस्सी की दुकान शुरू की। 61 साल बाद भी लस्सी का वही स्वाद बरकरार है। दादा के बाद पिता, चाचा और अब वो लस्सी बनाते हैं। शुद्ध दूध व दही से बनी लस्सी में मलाई व मक्खन इसका टेस्ट बढ़ाते हैं। क्रिकेटर कपिल देव, बॉलीवुड स्टार गोविंदा और पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा देश-विदेश की जानी-मानी हस्तियां लस्सी का स्वाद चख चुकी हैं। सच तो यह है कि अमृतसर खाने की बात निराली है। शहर के सभी रेस्त्रां, ढाबे या होटल में पंजाब के परंपरागत पकवान आसानी से मिल जाते हैं। देश विदेश से आने वाले पर्यटक छोले-कुलचे, जलेबी, कड़ाही दूध, आलू टिक्की, छोले-भठूरे, चाट-पापड़ी, मटका कुल्फी, मट्ठी-छोले जैसी डिशेज गली-गली में दुकानों पर वाजिब दाम पर मिल जाती है। 12 दरवाजों पर आधारित इस अंदरूनी शहर में अगर दस रुपये भी जेब में हों तो इंसान पेट-पूजा कर सकता है।

आध्यात्मिक नगरी अमृतसर का कण-कण वीरता, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान का प्रतीक है। समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक धरोहरों और विश्र्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरिमंदिर साहिब के इस पावन शहर को गुरु साहिबान की मेहर प्राप्त है। संभवत: ऐसा विरला ही होगा जो इस ऐतिहासिक शहर की महत्ता से परिचित न …

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रक्षाबंधन पर दिल्ली मेट्रो ने बढ़ाए फेरे, रेलवे चलाएगी छह महिला स्पेशल ट्रेनें

वीकेंड पर रक्षाबंधन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने ट्रेनों के फेरे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मेट्रो ने शुक्रवार को घोषणा की है कि यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में शनिवार और रविवार (25 व 26 अगस्त) को ट्रेनों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। रेलवे ने भी बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन के मौके पर महिला स्पेशल ट्रेने चलाने की घोषणा की है। इसके अलावा जिन रूट पर मेट्रो सेवा सुबह आठ बजे शुरू होती है, वहां रविवार को रक्षाबंधन के मौके पर सुबह छह बजे से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। दिल्ली मेट्रो ने आम वीकेंड की अपेक्षा शनिवार को रक्षाबंधन से एक दिन पहले 253 एक्स्ट्रा ट्रेन ट्रिप की घोषणा की है। इसके अलावा रविवार को मेट्रो 598 एक्सट्रा ट्रेन ट्रिप पूरा करेगी। मेट्रो के फेरे हर रूट पर बढ़ाए जाएंगे। फेरे बढ़ाने के साथ यात्रियों की सुविधा और सहायता के लिए मेट्रो ने त्योहारी वीकेंड पर बड़े स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड और कस्टमर फेसिलिटेशन एजेंट्स (सीएफए) तैनात करने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा मेट्रो स्टेशनों के टिकट विंडो पर भी अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। जानिए क्या है, महिलाओं के लिए रक्षाबंधन पर रेलवे का खास तोहफा यह भी पढ़ें इन लाइन पर रविवार को सुबह 8 बजे की जगह 6 बजे शुरू होगी सेवा CISF ओर मेट्रो स्टाफ के झगड़े में फंसे यात्री, दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंचा मामला यह भी पढ़ें लाइन-2 (जहांगीरपुरी – श्यामपुर बादली) लाइन-5 (मुंडका – सिटी पार्क) लाइन-6 (बदरपुर बार्डर – एस्कॉर्ट्स मुजेसर) VIDEO देखते ही ट्रेन यात्रियों की नाराजगी हो जाएगी दूर, कई अहम कदम उठाने जा रहा रेलवे यह भी पढ़ें लाइन-7 (मजलिस पार्क – लाजपत नगर) लाइन-8 (जनकपुरी वेस्ट – बॉटनिकल गार्डन नोएडा) साउथ कैंपस-लाजपत नगर कॉरिडोर पर सुरक्षा मानकों की जांच पूरी, मेट्रो परिचालन का रास्ता साफ यह भी पढ़ें छह महिला स्पेशल ट्रेनें चलाएगी रेलवे रेलवे ने भी रविवार को रक्षाबंधन के मौके पर छह महिला स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। रेलवे के अनुसार ये फैसला रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को विशेष सुविधा देने के लिए लिया गया है, ताकि उन्हें सफर में किसी तरह की परेशानी न हो। भारतीय रलवे की दिल्ली डिवीजन ने जो छह महिला स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है, सभी स्थानीय हैं। इनमें एक ट्रेन 64491 (पलवल-नई दिल्ली) पलवल से सुबह 8:20 बजे चलकर करीब 10:00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। इसके बाद 64492 (नई दिल्ली-पलवल) नई दिल्ली से शाम 5:50 बजे चलकर शाम करीब 7:20 बजे पलवल पहुंचेगी। 64449 (गाजियाबाद-नई दिल्ली) गाजियाबाद से सुबह 8:30 बजे चलकर करीब 9:20 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। 64450 (नई दिल्ली-गाजियाबाद) नई दिल्ली से शाम 5:50 बजे चलकर शाम करीब 6:40 बजे गाजियाबाद पहुंचेगी। 64470 (पानीपत-नई दिल्ली) सुबह 6:40 बजे पानीपत से चलकर 8:55 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। 64469 (नई दिल्ली-पानीपत) नई दिल्ली से शाम 5:50 बजे चलकर शाम करीब 8:05 बजे पानीपत पहुंचेगी

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लखनऊ कचहरी ब्लास्ट में दो आतंकी दोषी करार, 27 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा

लखनऊ कचहरी ब्लास्ट में दो आतंकी दोषी करार, 27 अगस्त को सुनाई जाएगी सजा

वर्ष 2007 में लखनऊ, बनारस व फैजाबाद की कचहरी में हुए बम विस्फोटों में लखनऊ कचहरी में ब्लास्ट करने के आरोपी तारिक काजमी को विशेष न्यायाधीश बबिता रानी ने दोषी ठहराया है। दोषी को 27 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। जेल में लगी अदालत में सरकारी वकील पी.के. श्रीवास्तव ने …

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