पाटीदार आरक्षण आंदोलन गुजरात में एक बार फिर जोर पकडने लगा है, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, रेशमा पटेल, लालजी पटेल आदि एकजुट होकर आरक्षण की मांग को बुलंद करने के साथ किसानों की समस्याओं को भी जगह-जगह उठा रहे हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति पास ने एक शाम शहीदों के नाम पर शनिवार को पाटण में शक्तिप्रदर्शन की जोरदार तैयारी की है।CM केजरीवाल ने डेरा हिंसा भड़कने के बाद लोगो से शांति बनाये रखने की अपील…
गुजरात में तीन माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के साथ सामाजिक आंदोलन से जुडे नेता भी शक्ति प्रदर्शन में जुट गए हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन को दो साल से अधिक समय हो गया है लेकिन फिलहाल इसका समाधान नजर नहीं आ रहा है, भाजपा सरकार सीधे आंदोलनकारियों से चर्चा करने के बजाए सरकार समर्थक लोगों को आगे कर रही है लेकिन आरक्षण की मांग कर रहा पाटीदार समुदाय व किसान उनकी एक सुनने को तैयार नहीं है।
नौ माह जेल रहने तथा छह माह तक गुजरात से बाहर रहकर सशर्त गुजरात में प्रवेश पाने वाले हार्दिक पटेल अदालत से मेहसाणा जाने की गुहार लगा चुके हैं। पास प्रवक्ता वरुण पटेल के अनुसार पाटण में 50 हजार पाटीदारों के आने की संभावना है, समाज की सभी संस्था व नेताओं को बुलाया गया है। इसको लकर पुलिस व प्रशासन भी सतर्क है। इससे पहले पुलिस ने अहमदाबाद में क्रांतिकारी सम्मेलन को मंजूरी नहीं दी थी लेकिन हार्दिक ने बताया कि इस बार कार्यक्रम की मंजूरी मिल गई है। समारोह में हार्दिक के अलावा पास की महिला मोर्चा प्रमुख रेशमा पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल आदि भी शामिल होंगे।
युवा किसान संघर्ष समिति के बैनर तले रेशमा गुरुवार को किसानों के फसल बीमा, मुआवजा, खेत की फेंसन्सिंग व बैंकों की धोखाधडी के खिलाफ जूनागढ में रैली निकाल कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंची लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने सौ से अधिक समर्थकों के साथ उनकी धरपकड कर ली। चुनाव से पहले पाटीदार व किसान आंदोलन एक बार फिर जोरों पर है, हालांकि सरकार इन मुददों पर लगातार समाधान का प्रयास कर रही है लेकिन फिलहाल कोई फार्मूला नजर नहीं आ रहा है।