PM मोदी से हुई PK की मुलाकात, लेकिन तय नहीं है 2019 के लिए साथ

PM मोदी से हुई PK की मुलाकात, लेकिन तय नहीं है 2019 के लिए साथ

2014 में नरेंद्र मोदी के रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर की घर वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं. यानी एक बार फिर से वो 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए काम करेंगे. इसी कड़ी में कहा जा रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. पर जिस वक्त पीएम से उनकी मुलाकात की बात कही जा रही है. उस दौरान प्रशांत किशोर ने मोदी से कहीं ज्यादा मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से की है. ऐसे में मोदी के साथ वो दोबारा से काम करेंगे, इस बात में दम कम नजर आ रही है.PM मोदी से हुई PK की मुलाकात, लेकिन तय नहीं है 2019 के लिए साथ

प्रशांत किशोर के करीबी ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि किसी से मुलाकात का ये मतलब ये नहीं है कि प्रशांत उनका प्रचार संभालने जा रहे हैं. पीएम से मुलाकात को तूल दिया जा रहा है, जबकि राहुल-प्रियंका                                                                               से प्रशांत किशोर कई बार मिले हैं.

उन्होंने बताया कि अगस्त में कैंसर के चलते प्रशांत की मां का निधन हो गया, जबकि उनके पिता काफी बीमार चल रहे हैं, इसलिए वो इन दिनों किसी पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे. बस, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस का काम में पहले से उनके पास है, जो उनकी टीम देख रही है.

करीबी का कहना है कि पीएम, राहुल या प्रियंका मिलने के लिए प्रशांत को बुलाएंगे तो कोई कैसे मना कर देगा. पीएम मोदी, राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी हो, ये सभी प्रशांत किशोर से सियासी हालत और भविष्य की रणनीति पर राय मांगते हैं तो अपनी बात कह देंते हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि वो उनके साथ 2019 के लिए जुड़ गए हैं. 

प्रशांत के करीबी के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस जीत रही है. 2014 के लिहाज से बीजेपी 2019 में बीजेपी अच्छा नहीं करने जा रही. हालांकि, प्रशांत के करीबी ये भी कहते हैं कि, कर्नाटक चुनाव के बाद ही 2019 की असली तस्वीर साफ होना शुरू होगी.

उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में राममंदिर बनने का मुद्दा और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भरे माहौल का फायदा बीजेपी को नहीं मिलेगा. क्योंकि 2014 में मोदी को वोट युवा ने रोजगार और किसानों व गरीबी ने अपने बेहतर भविष्य के लिए दिया था. ऐसे में राममंदिर और पाकिस्तान के मुद्दे पर लोग मोदी को वोट नहीं देंगे.

बीजेपी के साथ 2019 के लिए काम करने की खबरों को प्रशांत के करीबियों ने पूरी तरह भ्रामक बताया. साथ ही कहा कि, मुलाकात को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. इसका मतलब साफ है कि प्रशांत किशोर की पीएम मोदी के साथ मुलाकात हुई है, जिसे लेकर वो मना नहीं कर रहे हैं. पर 2019 में बीजेपी के संग काम करेंगे इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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