राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जनरल सेक्रेटरी भैय्याजी जोशी ने राम मंदिर पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनकर रहेगा, उस जगह पर और कुछ नहीं बन सकता। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए साधारण प्रक्रिया से जाना पड़ेगा।
भैय्याजी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू किया जायेगा। राम मंदिर पर आम सहमति बनना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी प्रयास किये जा रहे हैं उसका वो स्वागत करते हैं।
वहीं लिंगायत के मुद्दे भैय्याजी जोशी ने कहा कि हम इसको स्वीकार नहीं करते। भारत में संप्रदाय अलग हो सकते हैं जिनको हमने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत में निर्माण हुए सभी पंथ और संप्रदाय की मूलभूत बातें सम्मान हैं जिनके आधार पर ऊपर के भेदभाव को दूर करना चाहिए।
कार्यकारिणी के शेष सदस्यों का चुनाव रविवार को होगा। संघ के सूत्रों ने पहले संकेत दिए थे कि 9 साल से लगातार सरकार्यवाह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे भैय्याजी ने अवकाश लेने की इच्छा जताई थी। उनकी जगह सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले लेने वाले थे। प्रतिनिधि सभा के 1500 में से अधिकतर सदस्यों ने शनिवार को यही राय दी कि चुनाव से ठीक पहले इतने महत्वपूर्ण पद पर बदलाव करना उचित नहीं होगा।
ऐसे होता है सरकार्यवाह का चयन
यह आरएसएस में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली बॉडी होती है। इसकी मीटिंग हर साल मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में होती है। यह मीटिंग महीने के दूसरे और तीसरे रविवार को होती है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में 1300 सदस्य होते हैं। इनमें एक बड़ा हिस्सा अखिल भारतीय प्रतिनिधि का भी होता है। जो सक्रिय स्वयंसेवकों का है।
इसमें शामिल करीब 50 सक्रिय स्वयंसेवकों का प्रतिनिधित्व एक प्रान्त प्रतिनिधि (राज्य प्रतिनिधि) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक अखिल भारतीय प्रतिनिधि 20 राज्य प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करता है।