Ruskin Bond: लाइब्रेरी में बैठकर कुछ सोचा और ऐसे बन गए लेखक

Ruskin Bond: लाइब्रेरी में बैठकर कुछ सोचा और ऐसे बन गए लेखक

आज वो 83 साल के हो चुके हैं और आज से तकरीबन 60 से भी ज्यादा साल पहले उन्होंने अपनी पहली नॉवेल लिखी थी। नॉवेल का नाम था  ‘द रूम ऑन द रूफ’। ये कहानी है एक 16 साल के लड़के की जो देहरादून में रहता है और उसे अब खुद की तलाश है।Ruskin Bond: लाइब्रेरी में बैठकर कुछ सोचा और ऐसे बन गए लेखक

यह भी पढ़े: 1100 से अधिक पदों पर होगी शिक्षकों की भर्ती के लिए जल्दी ही करे आवेदन..

तकरीबन 22 साल की उम्र में एक 16 साल के लड़के की सेल्फ इंट्रोस्पेक्शन की कहानी और कोई नहीं सिर्फ रस्किन बॉन्ड ही लिख सकते थे। आज उनका जन्मदिन है। हिन्दुस्तान के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के एक लय में पसंदीदा लेखक रस्किन बॉन्ड को आखिर कहानियां लिखने की प्रेरणा कहां से मिली, आइए हम आपको बताते हैं।

1. रस्किन बताते हैं कि स्कूल लाइफ कुछ ऐसा बहुत ही मजेदार नहीं था बल्कि स्कूल नहीं जाना और भी खुशगवार होता था लेकिन पिता ने शिमला के ऑक स्कूल में दाखिला दिलवा दिया था जिस स्कूल में रस्किन को दाखिला मिला था वहां की लाइब्रेरी बेहद ही खूबसूरती से सजाई गई थी और ये जगह उन्हें बेहद ही पसंद थी। यहीं बैठकर उन्हें बहुत कुछ लिखने का मन करता था।

2. अपने जीवन में उन्होंने यात्राएं बहुत की हैं। मसलन एक छोटी सी उम्र में गुजरात के कच्छ से होकर शिमला के एक कॉन्वेंट स्कूल तक और  फिर 10 साल की बेहद ही छोटी उम्र में अपने पिता को खोने के बाद अपने सौतेले पिता के साथ देहरादून आकर रहना। इस बीच कुछ वक्त यूके में भी गुजरा। जगह-जगह घूमने ने उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया।

3. रस्किन का कहना है कि हम जब काम कर रहे हों तो इसे इस बात से फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि आप कहां है। लेकिन जब आप किसी कमरे में रह रहे हों तो वो जगह खुशनुमा होनी चाहिए। एक बार रस्किन ने कहा था कि मैं उस तरह का आदमी हूं कि जिसे लगता है कि एक लेखक के कमरे पर एक खिड़की नहीं बल्कि दो खिड़कियां होनी चाहिए। कुछ इस तरह की बातें उन्हें लेखक बनने के लिए प्रेरणा देती थीं।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com