भाद्रपद में सूर्य पूजा का विशेष महत्व, जानिए इस माह क्या वर्जित

भाद्रपद का महीना शुरू हो चुका है और सावन का महीना समाप्त हो गया। हालांकि बारिश का सिलसिला अभी चलेगा। पंचांग के अनुसार 13 अगस्त से भाद्रपद लगा है और यह सितंबर तक चलेगा। इस महीने में श्री कृष्ण का जन्मोत्सव एक बड़ा त्योहार है। साथ ही गणेश उत्सव भी आएगा। लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद में कुछ चीजें वर्जित तो कुछ चीजें करना अच्छी मानी गई है। सूर्य पूजा को इस माह करना अच्छा माना गया है। आइए जानते हैं।

सूर्य पूजा का महत्व
भाद्रपद के महीने में कहा जाता है कि सूर्य का महत्व है। कहा जाता है कि इस महीने अगर सूर्य की उपासना की जाए तो यह आपके आत्मविश्वास में न केवल वृद्धि करता है बल्कि आपके कार्यों को भी सफल बनाने में मदद करता है। इसलिए भाद्रपद में अच्छा कार्य माना जाता है कि रविवार के दिन सूर्य पर जल चढ़ाया जाए। इस दिन हो सके तो नमक का सेवन बिल्कुल न करें और न ही अपने बालों को कटवाएं। हो सके तो दानपुण्य करें। सूर्य उपासना को करने से ऊर्जा में भी वृद्धि होती है।

भाद्रपद में यह न करें
भाद्रपद के महीने में दान पुण्य के काम को जहां अच्छा माना गया है। वहीं दूसरों की चूजों को मांगने से परहेज करना चाहिए। इससे समस्याओं से दूर रहा जा सकता है। इस महीने में दूसरों का चावनल नहीं खाना चाहए। यह अच्छा नहीं माना जाता है। भाद्रपद के महीने में गुड़ और दही भी नहीं खानी चाहिए। इससे भी दिक्कत होती है। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा नहीं माना जाता है। इससे बीमारियों से बच सकते हैं। भाद्रपद के महीने में लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा तामसिक चीजों का सेवन करना भी आपके लिए अच्छा नहीं होगा। यह दिक्कत करता है। इस माह में सादा जीवन जीना अच्छा होता है।

GB Singh

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