अमेरिका के कनेक्टिकट में डॉक्टरों ने 38 वर्षीय महिला के पेट से 60 किलोग्राम वजन का एक ट्यूमर निकाला है। यह ट्यूमर महिला की बायीं ओवरी (अंडाशय) में पनपा था। डेनबरी अस्पताल में इस साल 14 फरवरी को पांच घंटे तक चले ऑपरेशन में 12 सर्जनों की टीम ने ट्यूमर को पूरी तरह निकालने में सफलता हासिल की। पेशे से शिक्षक यह महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है और फिर से स्कूल जाने लगी है। डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल नवंबर में मरीज का ट्यूमर प्रति सप्ताह करीब 10 पौंड (साढ़े चार किलो) की गति से बढ़ने लगा था। देखते ही देखते यह करीब तीन फीट बड़ा हो गया। उन्हें चलने-फिरने के लिए ह्वील चेयर का सहारा लेना पड़ा। महिला की सर्जरी करने वाले प्रमुख डॉक्टर वागन अंदिकयान ने कहा, "ओवरी के ट्यूमर आमतौर पर बड़े होते हैं लेकिन इतना बड़ा ट्यूमर अनोखा मामला है।" सर्जरी से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए अंदिकयान ने कहा, "जब वह महिला हमारे पास आई थी तो काफी कमजोर थी क्योंकि ट्यूमर ने उनके पाचन तंत्र को ब्लॉक कर दिया था। इस ट्यूमर को हटाते वक्त हमें सावधानी बरतनी थी क्योंकि मरीज अपने जननांग सुरक्षित रखना चाहती थी। हमें खुशी है कि हम इसमें सफल रहे।"

US महिला के पेट से निकाला गया 60 किलो का ट्यूमर

अमेरिका के कनेक्टिकट में डॉक्टरों ने 38 वर्षीय महिला के पेट से 60 किलोग्राम वजन का एक ट्यूमर निकाला है। यह ट्यूमर महिला की बायीं ओवरी (अंडाशय) में पनपा था। डेनबरी अस्पताल में इस साल 14 फरवरी को पांच घंटे तक चले ऑपरेशन में 12 सर्जनों की टीम ने ट्यूमर को पूरी तरह निकालने में सफलता हासिल की। पेशे से शिक्षक यह महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है और फिर से स्कूल जाने लगी है।अमेरिका के कनेक्टिकट में डॉक्टरों ने 38 वर्षीय महिला के पेट से 60 किलोग्राम वजन का एक ट्यूमर निकाला है। यह ट्यूमर महिला की बायीं ओवरी (अंडाशय) में पनपा था। डेनबरी अस्पताल में इस साल 14 फरवरी को पांच घंटे तक चले ऑपरेशन में 12 सर्जनों की टीम ने ट्यूमर को पूरी तरह निकालने में सफलता हासिल की। पेशे से शिक्षक यह महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है और फिर से स्कूल जाने लगी है।  डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल नवंबर में मरीज का ट्यूमर प्रति सप्ताह करीब 10 पौंड (साढ़े चार किलो) की गति से बढ़ने लगा था। देखते ही देखते यह करीब तीन फीट बड़ा हो गया। उन्हें चलने-फिरने के लिए ह्वील चेयर का सहारा लेना पड़ा। महिला की सर्जरी करने वाले प्रमुख डॉक्टर वागन अंदिकयान ने कहा, "ओवरी के ट्यूमर आमतौर पर बड़े होते हैं लेकिन इतना बड़ा ट्यूमर अनोखा मामला है।"  सर्जरी से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए अंदिकयान ने कहा, "जब वह महिला हमारे पास आई थी तो काफी कमजोर थी क्योंकि ट्यूमर ने उनके पाचन तंत्र को ब्लॉक कर दिया था। इस ट्यूमर को हटाते वक्त हमें सावधानी बरतनी थी क्योंकि मरीज अपने जननांग सुरक्षित रखना चाहती थी। हमें खुशी है कि हम इसमें सफल रहे।"

डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल नवंबर में मरीज का ट्यूमर प्रति सप्ताह करीब 10 पौंड (साढ़े चार किलो) की गति से बढ़ने लगा था। देखते ही देखते यह करीब तीन फीट बड़ा हो गया। उन्हें चलने-फिरने के लिए ह्वील चेयर का सहारा लेना पड़ा। महिला की सर्जरी करने वाले प्रमुख डॉक्टर वागन अंदिकयान ने कहा, “ओवरी के ट्यूमर आमतौर पर बड़े होते हैं लेकिन इतना बड़ा ट्यूमर अनोखा मामला है।”

सर्जरी से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए अंदिकयान ने कहा, “जब वह महिला हमारे पास आई थी तो काफी कमजोर थी क्योंकि ट्यूमर ने उनके पाचन तंत्र को ब्लॉक कर दिया था। इस ट्यूमर को हटाते वक्त हमें सावधानी बरतनी थी क्योंकि मरीज अपने जननांग सुरक्षित रखना चाहती थी। हमें खुशी है कि हम इसमें सफल रहे।”

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com