जाने-माने समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर जन लोकपाल और किसान मुद्दों पर 23 मार्च से होने वाले उनके आंदोलन के लिए जगह मुहैया कराने को कहा है. हजारे ने बताया कि वह पिछले साल नवंबर से आयोजन स्थल की मांग को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली की पुलिस और नगर निगम अधिकारियों को कई पत्र लिख चुके हैं. हालांकि उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अब तक43 पत्र लिख कर लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक लागू करने और कृषि संकट हल करने की मांग की है लेकिन उनकी तरफ से इस पर किसी तरह का जवाब नहीं मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार कानून को कमजोर कर दिया है.
अन्ना 23 मार्च 2018 से दिल्ली के रामलीला मैदान में तीन सूत्रीय आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं. इसमें लोकपाल की नियुक्ति, किसानों की समस्या और चुनाव सुधार को लेकर जनता में जागरूकता पैदा जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे.
अन्ना कह चुके हैं कि अब जो भी कार्यकर्ता आंदोलन के दौरान उनसे मिलेंगे, वह स्टाम्प पेपर पर लिखकर देंगे कि वह कोई पार्टी नहीं बनाएंगे. साथ ही अन्ना ने घोषणा की थी कि वह न तो किसी पार्टी का समर्थन करेंगे और न ही किसी पार्टी से किसी को चुनाव लड़वाएंगे.
अन्ना हजारे ने 23 मार्च को दिल्ली में आयोजित आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को आह्वान किया था कि अगर जेल में जाने को तैयार हों तो दिल्ली में आंदोलन में आएं. अन्ना ने दिसंबर 2017 में यूपी के संभल में किसान सम्मेलन में ऐलान किया था कि दिल्ली में आंदोलन अंतिम होगा. इसमें सरकार को सभी मांगें पूरी करनी होगी नहीं तो आंदोलन में बैठे-बैठे प्राण त्याग दूंगा.