हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने 1191 पदों पर की जारी रही कंप्यूटर शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल ने पिछले दो दिनों से पीजीटी आईपी के पदों के लिए हो रहे साक्षात्कार का परिणाम भी रोक दिया है। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा और प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को भर्ती पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।#बड़ी खुशखबरी: AIIMS Fellowship Programme 2018: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू….
मामले पर सुनवाई अब 10 अक्तूबर को होगी। ट्रिब्यूनल ने बीते दिन भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को सरकार ने ट्रिब्यूनल में बताया कि भर्ती नियमों के अनुसार की जा रही है। इसके लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
प्रदेश हाईकोर्ट ने भी कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए पॉलिसी बनाने की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे। ट्रिब्यूनल ने सरकार के इस जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए भर्ती पर रोक लगाने के आदेश दिए। याचिका दायर करने वाले प्रार्थी रविंद्र कुमार ने ट्रिब्यूनल से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई थी।
याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नियमों को दरकिनार कर की जा रही है। शिक्षकों की भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही आधार बनाया गया है जबकि प्रदेश सरकार ने स्वयं ही साक्षात्कार व्यवस्था खत्म कर दी है। इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है जो कि तर्कसंगत नहीं है।
कंपनी के तहत होने के चलते कंप्यूटर शिक्षकों को अनुबंध में लाने में पेच आड़े आ रहा था। मंत्रिमंडल में हंगामे के बाद शिक्षा निदेशालय कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए नए नियम बनाने को तैयार हुआ। पीजीटी आईपी के 1191 पदों को इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई।
दो दिन में 500 शिक्षकों के हुए इंटरव्यू
पीजीटी आईपी के 1191 पदों के लिए 11 सितंबर से उच्च शिक्षा निदेशालय में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। बीते पांच दिनों के दौरान विभिन्न जिलों के 1757 आवेदकों ने इन पदों के लिए पंजीकरण कराया है।
14 सितंबर से इन पदों के लिए इंटरव्यू शुरू हुए हैं। दो दिन में 500 से अधिक आवेदकों के इंटरव्यू हो चुके हैं। अब पंजीकरण और इंटरव्यू प्रक्रिया पर अगले आदेशों तक रोक रहेगी।