सैंट से भी कर सकते हैं किसी को भी अपने वश में, ये हैं मंत्र

साथियों से इत्र द्वारा लोगों को आकर्षित किया जा सकता है इत्र एक प्रबल वशीकरण सम्मोहन पदार्थ है। इसका प्रयोग पूर्व काल में राजा महाराजा अपने ऊपर लगाकर लोगों को आकर्षित करने के लिए करते थे और रानियां अपने राजाओं को जैसा कि आजकल हम देखते हैं इत्र की खुशबू से हम आकर्षित हो जाते हैं और इसी तरह महिलाओं की इत्र की खुशबू से आकर्षित होने लगते हैं|

सैंट से भी कर सकते हैं किसी को भी अपने वश में, ये हैं मंत्र

१-  एक पति पत्नी में  प्रेम कम है और घर में इसी कारण शांति बनी रहती है  या किसी अन्य स्त्री  के बस में  आपके पति हो गए हैं  तो प्रेम को पुनः प्राप्त करने के लिए और अपने प्रेम को बढ़ाने के लिए पत्नी को चाहिए  की बुधवार के दिन  3 घंटे मौन रखें  और  शुक्रवार को अपने हाथ से साबूदाना की खीर बनाकर उसमें मिश्री डालकर अपने पति और घर के अन्य सदस्यों को दे  और उसी दिन किसी मंदिर में जाकर  किसी व्यक्ति को प्रदान करें  और उसी तरह का इत्र लेकर स्वयं के कक्ष में रखें  इस उपाय को करने से पति-पत्नी के मध्य प्रेम की वृद्धि होगी  और  ग्रह कलेश समाप्त हो जाएगी .
२- अपने पति की लंबी आयु के लिए  आपको किसी दिन स्वच्छ होकर स्नान कर  लाल सिंदूर की डिब्बी  और इत्र की शीशी  को  चने की दाल और केसर को  एक साथ ले कर दान कर दे  ऐसा करने से आपके पति की आयु में वृद्धि होगी  और आपका सुहाग आजीवन सुरक्षित रहेगा .
३- यदि दीपावली के दिन आप पूजन के समय तेज सुगंध का इत्र प्रयोग करते हैं तो आपके घर में लक्ष्मी जी की कृपया हमेशा बनी रहती है तथा घर में सुख शांति धन की वर्षा सदैव होती रहती है और कभी भी धन से संबंधित समस्याएं नहीं उत्पन्न होती हैं
४- मंगलवार के दिन  यदि हनुमान जी पर  शोला और चमेली का तेल चढ़ाते हैं और उनके समक्ष एक घी का दीपक  के स्थान पर  चमेली के तेल से दीपक जलाते हैं तो भगवान  अति प्रसन्न होते हैं  और  आपकी सभी  मनो इच्छाओं को पूर्ण करते हैं
५- यदि हनुमान जी पर चोला चढ़ाते हैं  और उसके बाद  गुलाब के फूल की माला  पहनाकर केवड़े के इत्र से हनुमान जी के दोनों कंधो पर थोड़ा थोड़ा  इत्र लगाते हैं और उसके बाद एक पान के पत्ते में थोड़ा गुड़ चना लेकर हनुमान जी का भोग लगाकर लगाकर तुलसी की माला से पांच माला  हनुमान जी के इस मंत्र जपने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और  हनुमान जी पर चढ़ा हुआ गुलाब को लाल कपड़े में  लपेट कर  तिजोरी पर में रखने से आपके धन में वृद्धि होगी  व्यापार में वृद्धि होगी तथा आप अपने को सुख सुविधाओं का भोग कर पाएंगे
मंत्र-
राम् रामेति रामेति रमेहः रामेहः मनोरमहः
सहस्त्र नामः तत्तुन्यं रामः नाम वराननेहः
६- अपनी कुंडली में शुक्र ग्रह को  जगाने के लिए और उस  शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए अत्यंत शुद्ध  इत्र का प्रयोग करना चाहिए  इत्र के प्रयोग से  आपका शुक्र ग्रह मजबूत होगा और शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को  यदि माता लक्ष्मी को  इत्र  और सिंगार की वस्तुएं भेंट करते हैं  तो घर में  धन का  संचार होता है  एवं ग्रह शांति  हमेशा बनी रहती है
७- यदि किसी व्यक्ति का बुध कमजोर है या किसी व्यक्ति का जन्म बुद्ध नक्षत्र में हुआ है  तो उससे  बुधवार के दिन  स्वच्छ होकर स्नान कर पीपल के पेड़ में चमेली का इत्र  अर्पित करना चाहिए  इससे लाभ होता है और घर में धन ऐश्वर्य विद्या  का संचार होता है
८- दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा के समय रात्रि में देवी जी को इत्र अर्पित करें और एक  गुडहल का फूल उनके चरणों पर चढ़ाएं फिर पूजा के प्रसाद  इत्र की शीशी से थोड़ा सा इत्र स्वयं लगाएं और घर के सभी सदस्यों को थोड़ा-थोड़ा इत्र लगाने को कहें  इसके बाद  इस चित्र को आप अपनी तिजोरी में रख लें और  उसे रोज अपने कार्यस्थल पर उपयोग करें आपके व्यापार में वृद्धि होगी तथा धन  की बढ़ोतरी होगी ।
९- यदि आप चाहते हैं कि आपका पर्स हमेशा नोटों से भरा रहे आज आपके हाथों में कभी धन की कमी ना हो तो भूरे रंग के पर्स का प्रयोग करें और उसमें ₹10 के दो नोट और ₹20 के दो नोट लेकर चंदन का इत्र लगाकर अपने पर्स में रख लें आपको लाभ होगा एवं धन की कभी कमी नहीं होगी ।
१०- यदि आपको आर्थिक हानि हो रही है  उससे बचने के लिए शुक्रवार के दिन  साथ सुहागिनों को  अपनी पत्नी के साथ बैठा लकर लाल वस्तुएं ऊपर करें और उन वस्तुओं में इत्र  होना अति आवश्यक है  ऐसा करने से आपकी आर्थिक हानि  रुक जाएगी आपको धन लाभ होने लगेगा तथा घर में कभी धन धन की कमी नहीं होगी ।
मोहिनी वशीकरण इत्र प्रयोग-
मोहनी प्रयोग द्वारा किसी को भी अपने वश में इत्र के जरिए किया जाता है इसमें मंत्रो द्वारा इनको अभिमंत्रित कर इसका प्रयोग लोगों को सम्मोहित करने के लिए करते हैं और यह बहुत ही प्रभावकारी प्रयोग  है पर ध्यान रहे यदि कोई त्रुटि हुई तो प्रयोग कार्य नहीं करेगा इसका उपयोग कभी भी गलत भावनाओं के वशीभूत होकर नहीं करना चाहिए
साधना विधि –
इस साधना को करने के लिए सर्वप्रथम बाजार से कोई स्वर्ण सर्वोत्तम इत्र की शीशी ले आए और उसे पूजा स्थल पर रख दे और किसी शुक्रवार को  सुबह सूर्योदय से पहले  स्नान कर स्वच्छ हो होकर 108 बार मंत्र पढ़कर इत्र में एक बार फूंक मारे  इसी तरह आपको यह क्रिया  10 बार करनी है  अर्थात आपको 10 बार आपको  इत्र में फूंक मारनी है और उसके बाद उस इत्र को किसी स्वच्छ जगह रख दे और कुछ समय बाद आप देखेंगे कि इत्र अपनी शीशी में ऊपर नीचे हो रहा है या सिद्ध करता है की इत्र अब अभिमंत्रित हो गया है और यह सम्मोहित करने के लिए प्रयुक्त हो गया जाएगा, फिर इस इत्र को आप जिस भी स्त्री या पुरुष के कपड़े में  लगा देंगे वह आपके वशीभूत हो जाएगा यदि आप  किसी स्त्री को  इस इत्र को  सूघा देते हैं  तो वह स्त्री तुरंत आपके वश में हो जाएगी और आपके  बातों का  पालन करने लगेगी  पर ध्यान रहे की इत्र का प्रयोग गलत भावनाओं या स्वयं हित में नहीं करना चाहिए
मंत्र-
अलहम्दोगवानी  हो दीवानी जो न हो दीवानी सैयदः कादऱ अब्दुल् जलानी चुट्ट पकड़कर दिवानी
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