इन महिलाओं ने खींची हैं ये तस्वीरें, कमजोर दिल वाले नहीं कर सकते ऐसा काम…
वहां विनोद अपने दोनों बेटों व साथियों समेत मौजूद था। इसके बाद तीनों को नवंबर 2014 के दूसरे हफ्ते में डाक से नियुक्ति पत्र मिले। उसमें 24 से 28 नवंबर के बीच ईस्टर्न रेलवे हावड़ा में जॉइन करने को कहा गया था।
नियुक्ति पत्र मिलने के अगले ही दिन विनोद ने तीनों को कॉल करके जानकारी ली और शेष रकम के साथ नियुक्ति पत्र की फोटो कॉपी लेकर पहुंचने को कहा। तीनों से रकम लेने के साथ उसने साथियों से परिचय कराया।
इसके बाद ईस्टर्न रेलवे में जॉइनिंग के संबंध में मानकनगर की स्लीपर ग्राउंड कॉलोनी में तीन माह की ट्रेनिंग कराई। सेंटर पर चार सौ अन्य युवक प्रशिक्षण ले रहे थे। ट्रेनिंग के बाद मेडिकल प्रमाण पत्र डाक से उनके पते पर भेजा। इस दौरान मूल प्रपत्र जमा करा लिए गए।
युवकों का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरान ईस्टर्न रेलवे के हावड़ा डिवीजन में मंडल रेल प्रबंधक ने सियालदह भेजने की बात कही और ट्रेनिंग पूरी होने पर मंडल रेल प्रबंधक के पीए से संपर्क करने के निर्देश दिए।
वहां पहुंचने पर पता चला कि तीनों के नाम से नियुक्ति पत्र जारी ही नहीं हुआ था। फोन पर संपर्क करने पर जालसाजों ने उन्हें कुछ दिन रुककर इंतजार करने को कहा। दो हफ्ते ईस्टर्न रेलवे हावड़ा भर्ती बोर्ड के चक्कर काटने पर पता चला कि नियुक्ति पत्र से लेकर ट्रेनिंग तक फर्जी थी।
एसटीएफ ने पकड़ा था फर्जी ट्रेनिंग सेंटर
एसटीएफ ने पिछले वर्ष 13 मई को मानकनगर की स्लीपर ग्राउंड कॉलोनी में रेलवे अफसर अरविंद बहादुर सिंह को आवंटित आवास पर छापा मारकर फर्जी ट्रेनिंग सेंटर पकड़ा था।
सेंटर संचालक दिलीप सिंह, सह संचालक कुणाल श्रीवास्तव, शिक्षक मुकेश कुमार, एजेंट रवीश रावत, राजेश शर्मा, राजीव, जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू, अशोक व अमित को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि कोलकाता निवासी रजनीश सिंह कुछ दिन पहले छुट्टी लेकर भाग निकला है और मास्टर माइंड बिहार के सीवान का रहने वाला है।
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