पाकिस्तान की लाहौर हाईकोर्ट ने पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और उनके परिवार को एवनफील्ड संपत्ति भ्रष्टाचार मामले में मिली कैद की सजा के खिलाफ दायर की गई याचिका मंजूर कर ली है, साथ ही इस याचिका की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मुहम्मद यावर अली ने एक पूर्ण पीठ का गठन भी किया है. यह याचिका नवाज़ शरीफ के वकील ए.के डोगर द्वारा दायर की गई है.
डोगर ने एवनफील्ड संपत्ति भ्रष्टाचार मामले में जवाबदेही अदालत द्वारा सुनाई है सजा को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका लगाई है. इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अली ने जस्टिस शम्स महमूद मिर्जा, जस्टिस साजिद महमूद सेठी और जस्टिस मुजाहिद मुस्तकीम की तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया है. इस मामले की सुनवाई 8 अगस्त को की जाएगी.
आपको बता दें कि इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने सम्बंधित मामले में नवाज़ शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को क़ैद की सजा सुनाई है. शरीफ पर एक करोड़ पांच लाख डॉलर और उनकी बेटी मरियम पर 26 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया था. यह तीनों रावलपिंडी की अडियाला जेल में सजा काट रहे हैं. डोगर ने अपनी याचिका में कहा कि जवाबदेही अदालत ने शरीफ परिवार के सदस्यों को राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश 1999 के तहत सजा सुनाई है. जोकि अवैध है.
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