भारत और अफगानिस्तान के बीच बेंगलुरु में इकलौता टेस्ट मैच शुरू हो गया है. इसी के साथ ही अफगानिस्तान का भी टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को बधाई दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि यह भारत के लिये अफगानिस्तान के पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करना गौरव व सम्मान की बात है और उन्होंने युद्धग्रस्त इस देश की अतुलनीय भावना की प्रशंसा भी की.
मोदी का संदेश खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पढ़ा जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गर्व और बेहद खुशी का विषय है कि अफगानिस्तान ने अपने पदार्पण टेस्ट मैच के लिये भारत को चुना. अफगानिस्तान की युवा और प्रतिभाशाली राष्ट्रीय टीम ने 2001 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का एफिलिएट सदस्य बनने के बाद बहुत कम समय में लंबी दूरी पार कर ली है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसने पिछले साल टेस्ट खेलने का दर्जा हासिल किया. अपनी इस यात्रा के दौरान उसने आईसीसी के अन्य सदस्यों और टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ लगातार अच्छा प्रदर्शन किया तथा खेल के विभिन्न प्रारूपों में उनके खिलाफ जीत दर्ज की.’’
मोदी ने कहा, ‘‘ये उपलब्धियां चुनौतीपूर्ण और मुश्किल परिस्थितियों में हासिल की गई. यह हर तरह की चुनौतियों से पार पाने की अफगानिस्तान की अतुलनीय भावना को दर्शाती हैं तथा एक उद्देश्यपूर्ण, स्थिर, एकजुट और शांतिपूर्ण राष्ट्र के लिए आकांक्षाओं का अहसास कराती है.’’
प्रधानमंत्री ने दोनों क्रिकेट बोर्ड को बधाई दी और साथ ही भारत और अफगानिस्तान को ऐतिहासिक टेस्ट मैच के लिये शुभकामना दी.
उनके संदेश में कहा गया, ‘‘आज क्रिकेट अफगानिस्तान के लोगों को एकजुट कर रहा है. भारत अफगानिस्तान की इस यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर चलने में गर्व महसूस करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ग्रेटर नोएडा और देहरादून में घरेलू मैदानों पर अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम की मेजबानी करना भारत के लिये सम्मान की बात है. मैं भारतीय क्रिकेट बोर्ड और अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के आयोजन के लिये बधाई देता हूं. मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देता हूं.’’
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के प्रमुख अतीफ मशाल ने भी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का बयान पढ़ा.
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होने के नाते मैं भारत के खिलाफ उनके पदार्पण टेस्ट मैच का स्वागत करता हूं. मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने सदी के शुरू में अफगानिस्तान में क्रिकेट को बढ़ावा दिया और विश्वास रखा कि अफगानिस्तान एक दिन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खेलेगा.’’
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