अभिभावकों के पास नहीं थे पैसे तो फीस भरने आगे आए लोग, 64 बच्चों की जमा की फीस

कोरोना संकट के बीच लोगों की आर्थिक स्थिति पर सबसे ज्यादा प्रहार हुआ है। इसका असर न सिर्फ लोगों के रहन सहन पर हुआ है बल्कि कुछ ऐसे अभिभावक भी हैं जिनके पास बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं। इस कारण इलाके के स्कूलों में कुछ बच्चों की दसवीं व बारहवीं बोर्ड की फीस नहीं भरी जा रही थी। जैसे ही इस बात की जानकारी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी सेंट्रल टीम की सदस्य माधुरी वाष्र्णेय को मिली तो उन्होंने इलाके के अधिकांश स्कूलों से संपर्क किया और जिन बच्चों की दसवीं व बारहवीं बोर्ड की फीस नहीं भरी गई, उनके बारे में जानकारी हासिल की। साथ ही लोगों से मदद की अपील की। देखते ही देखते 64 बच्चों की लिस्ट उनके पास आई और सभी बच्चों की फीस भर दी गई। अब इन बच्चों की पढ़ाई पैसे के कारण नहीं रुकेगी।

माधुरी वाष्र्णेय ने बताया कि लोगों ने इस कार्य में हमारा काफी साथ दिया और यही कारण रहा कि समय से पहले स्कूल के सभी बच्चों की फीस भर दी गई। समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसे में हम चाहते हैं कि सभी बच्चे पढ़ें और अपना बेहतर भविष्य बनाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में व्यक्तिगत रूप से कई लोगों ने अपना योगदान देने की इच्छा जताई और उन्हीं की बदौलत हम इसमें सफल हो पाए। साथ ही सावित्री टेलीकॉम सेवा संस्था की ओर से दस बच्चों की फीस भरी गई।

उन्होंने कहा कि गोयला खुर्द स्थित गर्ल्स स्कूल में दसवीं के 12 व बारहवीं के 10 बच्चों की फीस भरी गई। वहीं गोयला खुर्द के ब्वाय स्कूल में दसवीं के एक बच्चे की फीस भरी गई। इसके अलावा द्वारका सेक्टर 3 स्थित गल्र्स व ब्वाय स्कूल में दो बच्चों की फीस भरी गई। बक्करवाला स्थित सरकारी स्कूल में दसवीं व बारहवीं के 11 बच्चों की फीस भरी गई। इसके अलावा सेक्टर-6 स्थित साइट 1 स्कूल में नौ बच्चों की फीस दी गई वहीं साईट-2 स्थित स्कूल में 20 बच्चों की फीस भरी गई। इस कार्य में सहायता करने वालों में मुनीष कुंद्रा, मीनाक्षी डबराल, अनुराधा शर्मा, आशीष ठाकुर, रवि राय, अमोध, गोपा कुमार, अमित कपूर व अमित सक्सेना ने भरपूर सहयोग दिया। ये सभी सरकारी स्कूल हैं और बोर्ड की परीक्षाओं के लिए सीबीएसई की ओर से फॉर्म भरवाए गए हैं।

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