नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर छह दिन से अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे की तबीयत बुधवार को बेहद नाजुक हो गई। छह दिन में उनका साढ़े पांच किलो वजन घट गया है।

बोलने में दिक्कत के चलते वह शाम को समर्थकों को संबोधित भी नहीं कर पाए। डॉक्टरों की टीम ने अन्ना को आराम कक्ष में रहने की सलाह दी है। केंद्र सरकार का कोई नुमाइंदा या संदेश रामलीला मैदान नहीं पहुंचा। बुधवार सुबह करीब 10 बजे अन्ना ने समर्थकों और प्रेस को सरकार के ड्राफ्ट की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 15 पृष्ठीय अस्पष्ट ड्राफ्ट भेजकर उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है। सरकार ने किसानों को खर्च पर डेढ़ गुना अधिक राशि देने की शर्त मानी लेकिन यह नहीं बताया कि राशि किस तरीके से दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान को निर्धारित से कम दाम मिलता है तो सरकार भरपाई सुनिश्चित करे।
मसौदे में कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में भी कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। ड्राफ्ट में लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्ति की मांग चुनाव आयोग के पास भेजने की बात कही गई है लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया है। वहीं बुधवार सुबह से ही तबीयत खराब होने के चलते अन्ना ने धीमी आवाज में ये बातें कहीं। दोपहर बाद उनकी तबीयत ज्यादा बिगडऩे लगी।
इस कारण वे अपने आराम कक्ष में रहे। डॉक्टरों की टीम ने उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी। आंदोलन के मीडिया प्रभारी जयकांत मिश्रा के मुताबिक शाम तक अन्ना की हालत इतनी बिगड़ गई कि वह बोल नहीं पा रहे थे। इससे शाम पांच बजे होने वाली प्रेसवार्ता का समय छह बजे किया गया।
छह बजे तक स्वास्थ्य में सुधार न होने की स्थिति में जन व प्रेस संबोधन रद्द कर दिया गया। बुधवार को समर्थकों को संबोधन में अन्ना ने सरकारी ड्राफ्ट पर दुख जताते हुए लिखित में मांगें न माने जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि मेरा शरीर अब कमजोर हो रहा है लेकिन मैं ठीक हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक भगवान मुझे संभालेंगे। आंदोलन के मीडिया प्रभारी जयकांत मिश्रा के मुताबिकए बुधवार को अन्ना का वजन 74.3 किलो से घटकर 68.8 किलो पहुंच गया। उनका वजन छह दिन में साढ़े पांच किलो घट गया है। शाम 4 बजे उनका बीपी 186/100 पर था। अन्ना को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी गई है। अन्ना अपने कक्ष में लेटकर आराम कर रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि बोलने से उनकी तबीयत और बिगड़ सकती है।
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