पोटा अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए तीन को मौत की सजा और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने निचली अदालत के इस फैसले पर मुहर लगाई थी लेकिन मई, 2914 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को आरोपमुक्त करते हुए बरी कर दिया। इस मामले की जांच करने वाली एजेंसी को लापरवाही बरतने के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अभियोजकों ने दावा किया था कि आरोपियों में से कुछ के जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए ताइबा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध थे, लेकिन इसे वे अदालत में प्रमाणित नहीं कर पाए।
अभी-अभी: अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमले का आरोपी 15 साल बाद गिरफ्तार
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शनिवार को गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर आतंकी हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल अजमेरी अब्दुल रशीद को गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले 15 साल से फरार चल रहा था। उसका भाई अजमेरी आदम भी इस हमले में शामिल था लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक अक्षरधाम मंदिर पर हमले की साजिश में शामिल रशीद सऊदी अरब के रियाद में रह रहा था और शनिवार की सुबह वह अहमदाबाद पहुंचा, जहां उसे क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। मालूम हो कि 24 सितंबर, 2002 को गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर परिसर में स्वचालित हथियारों और ग्रेनेड से लैस आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 32 श्रद्धालु मारे गए थे। इसके अलावा तीन कमांडो और एक कांस्टेबल शहीद हुए थे।