रिलायंस JIO दूरसंचार क्षेत्र की तरह ही पेट्रोल पंप के कारोबार में भी छूट के जरिये अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को जबरदस्त चुनौती देने की संभावना तलाश रही है।सूत्रों के अनुसार आरआईएल पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को बाजार दर से 10 से 20 रुपये प्रति लीटर की छूट की पेशकश जारी रख सकती है। मुझे हाई हील नहीं पहनने देती थी मेरी मां- हॉलीवुड एक्ट्रेस बेला हदीद
उद्योग के एक सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘कीमतों में छूट एकसमान नहीं है और अलग-अलग जगहों पर छूट की दर अलग-अलग है।’ हालांकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों को दूसरे तरीके से इस छूट को चुनौती देने को मजबूर होना पड़ रहा है।
नोटबंदी के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर कुछ समय तक पुराने नोट स्वीकार करने की अनुमति दी गई थी, इसके बावजूद बिक्री के आंकड़े अलग तस्वीर पेश कर रहे हैं। उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से फरवरी 2017 के दौरान ईंधन की खुदरा बिक्री की वृिद्घ दर 9.4 फीसदी रही जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की समेकित बिक्री 7.4 फीसदी ही बढ़ी। डीजल के मामले में जहां उद्योग की वृद्घि दर 2.3 फीसदी रही, वहीं सार्वजनिक तेल कंपनियों की बिक्री में 0.70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
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ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा, ‘वे हमारे सभी ग्राहकों को लक्षित कर रहे हैं लेकिन इसका ज्यादा असर पड़ता नहीं दिख रहा है, क्योंकि रिलायंस के पेट्रोल पंपों की संख्या काफी कम है। लेकिन जब कंपनी अपना विस्तार करेगी तो हमारे लिए चुनौती बन सकती है।’ उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियां भी विभिन्न जगहों पर कई तरह की योजनाओं की पेशकश कर रही हैं।
पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठï (पीपीएसी) के आंकड़े के मुताबिक इंडियन ऑयल के 25,,627 पेट्रोल पंप हैं, वहीं भारत पेट्रोलियम के 13,619 और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 13,978 पेट्रोल पंप हैं जबकि आरआईएल के केवल 1400 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 1,100 पेट्रोल पंपों को दोबारा चालू किया गया है। एस्सार ऑयल के 3,300 पेट्रोल पंप हैं।
तेल विपणन कंपनी के एक वरिष्ठï मार्केटिंग अधिकारी ने कहा, ‘हमने कई तरह की योजनाएं पेश की है और कड़ी टक्कर दे रहे हैं। यह खुला बाजार है। लेकिन हमें बाजार हिस्सेदारी गंवाने का कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है।’ दूसरी ओर एस्सार ऑयल मार्जिन को बनाए रखते हुए अपनी बाजार हिस्सेदारी को बरकरार रखने पर ध्यान दे रही है।
एस्सार ऑयल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी ललित गुप्ता ने कहा, ‘हमारा ध्यान गुणवत्ता और सेवाओं पर है। हम छूट के जरिये बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में यकीन नहीं रखते हैं। करीब डेढ़ साल पहले हमारी बाजार हिस्सेदारी 1 फीसदी से कम थी जो अब करीब 3 फीसदी है और हम अपने रिटेल नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।’