नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले शुंगलू समिति की रिपोर्ट ने केजरीवाल के होश उड़ा दिए थे और अब उनपर एक नई मुसीबत आ गई है। असम की स्थानीय अदालत ने आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है। पिछली सुनवाई में अदालत में केजरीवाल के हाजिर न होने के बाद कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है।
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नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले शुंगलू समिति की रिपोर्ट ने केजरीवाल के होश उड़ा दिए थे और अब उनपर एक नई मुसीबत आ गई है। असम की स्थानीय अदालत ने आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है। पिछली सुनवाई में अदालत में केजरीवाल के हाजिर न होने के बाद कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है।
क्या था मामला
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 15 दिसंबर 2016 को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मोदीजी 12वीं पास हैं, उसके बाद की डिग्री फर्जी है।’ उनके इस ट्वीट पर भाजपा नेता सूर्य रोंगफर ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस किया है। कोर्ट के समक्ष पेश ना होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है। हालांकि गुरप्रीत सिंह उप्पल की और से कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव के चलते केजरीवाल का कोर्ट के समक्ष पेश होना संभव नहीं है। इसके बाद पिछले साल ही अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) को लिखी चिट्ठी के जरिये प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाए और आयोग से पीएम की शिक्षा से जुड़ी जानकारी सावर्जनिक करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि इन दिनों अरविंद केजरीवाल दिल्ली के एमसीडी चुनावों में व्यस्त हैं। वह लगातार ईवीएम में छेड़छोड़ का मुद्दा उठा रहे हैं। उनकी मांग है कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के जरिए चुनाव हो। अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ही आरोप लगाया कि चुनाव आयोग धृतराष्ट्र बन चुका है जो किसी भी कीमत पर दुर्योधन को जितवाना चाहता है।
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