आपदा पुनर्निर्माण में 50 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की बात सामने आई है। केंद्र सरकार की ओर से विशेष आयोजनागत सहायता (पुनर्निर्माण) यानी एसपीए-आर के मद में जारी की गई तीन सौ करोड़ की रकम में यह खेल किया गया।
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एक काम के नाम पर दो से तीन बार तक पैसा निकाला गया। प्रथमदृष्ट्या इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है। अपर मुख्य सचिव ने मामले की विस्तृत जांच के निर्देश जारी किए हैं।
वर्ष 2013 में आई आपदा से चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। केंद्र सरकार ने आपदा से नष्ट हुई सड़कों और पुलों को दोबारा बनाने के लिए एसपीए-आर के रूप में तीन सौ करोड़ रुपये की राशि राज्य को वर्ष 2016-17 में जारी की। पीडब्ल्यूडी को यह पैसा इन पांचों जिलों में आवश्यकतानुसार खर्च करने के लिए दिया गया।
तमाम सड़कों के नाम पर एक से ज्यादा बार पैसा जारी किया गया
इसी तरह रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी पर होने वाले निर्माण के लिए भी कई-कई बार पैसा जारी हुआ। कुछ ऐसा ही घपला अन्य जिलों में सड़कों और पुलों के कामों में भी हुआ। इस बाबत गोपनीय शिकायत अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को मिली।
इस पर उन्होंने प्राथमिक जांच कराई तो बात सही साबित हुई। यह स्थिति देख उन्होंने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो सही से जांच हुई तो घपले की राशि पचास करोड़ से कहीं ज्यादा हो सकती है।
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