अभी-अभी: दिल्‍ली सरकार को झटका, स्‍थायी करने पर HC ने लगाई रोक

दिल्‍ली HC ने गेस्‍ट टीचर्स को स्‍थायी करने के केजरीवाल सरकार के फैसले पर स्‍टे लगा दिया है. अब दिल्‍ली सरकार कोर्ट के अगले आदेश तक इस आशय का कोई बिल सरकार नहीं ला सकती.

गौरतलब है कि इसी सप्‍ताह मनीष‍ सिसोदिया ने कहा था कि वे अगले सप्‍ताह विधानसभा में बिल लाकर गेस्‍ट टीचर्स को स्‍थायी पद देंगे. इससे दिल्‍ली में गेस्‍ट टीचर्स के तौर पर काम कर रहे करीब 15 हजार टीचर्स को फायदा होगा.

क्‍या कहा कोर्ट ने

जस्टिस ए के चावला ने कहा कि दिल्‍ली सरकार वैकेंसीज से संबंधित पूरा स्‍टेटस बताए. चाहे वह फ्रेश भर्तियां हों या फिर गेस्‍ट टीचर्स का प्रमोशन. कोर्ट ने कहा, ‘सभी तथ्‍यों और स्थितियों को ध्‍यान में रखते हुए, ये निर्देश दिया जाता है कि अगले आदेश तक दिल्‍ली सरकार ना तो किसी को अपाइंट कर सकती है और ना ही गेस्‍ट टीचर्स को प्रमोट कर सकती है.’

क्‍या बोले थे सिसोदिया

बता दें कि बुधवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर दिल्‍ली के उप-मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि सरकार जल्‍द ही दिल्‍ली के गेस्ट टीचर्स को परमानेंट करेगी. इस बाबत दिल्ली कैबिनेट ने बिल तैयार किया है. जल्‍द ही इस बिल को विधानसभा में पास कराया जाएगा. इसके लिए अगले सप्‍ताह 4 अक्टूबर को विशेष सत्र बुलाने की भी योजना है.

कौन हैं गेस्ट टीचर्स

दिल्ली में गेस्ट टीचर्स को रखने का सिलसिला 2009 मे उस वक्त शुरू हुआ जब कोर्ट ने राइट टू एजुकेशन लागू कर दिया और उसके बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे टीचर्स की भर्ती करना सरकार के लिए अनिवार्य हो गया. सरकार अगर परमानेंट टीचर रखती तो करीब एक टीचर को 35 से 40 हजार रूपए देने पड़ते. लेकिन 2009 में इन टीचर्स को 7 से 12 हजार रुपए देकर रख लिया गया. फिलहाल प्रतिदिन इन गेस्ट टीचर्स को करीब 700 से 900 रूपए दिए जाते है. लेकिन सिर्फ उतने दिन का, जितने दिन वो पढ़ाने आते हैं, हफ्ते की छुट्टी का भी कोई पैसा नहीं दिया जाता.

 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com