पाकिस्तान के संदर्भ में भारत के रुख में अचानक बड़ा बदलाव आया है। अब तक आतंकवाद और बातचीत साथ- साथ नहीं चलने की नीति पर चल रहे भारत ने आतंकवाद के सवाल पर बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने की बात कही है। भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दोनों देशों में आतंक पर बातचीत निश्चित रूप से आगे बढ़ सकती है। इसके साथ ही भारत ने पहली बार थाइलैंड में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की मुलाकात को भी स्वीकार किया है।
गौरतलब है कि इस मुलाकात से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान में आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा पाए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात कराई गई थी। विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा हालांकि हम यह कहते रहे हैं कि बातचीत और आतंक साथ साथ नहीं चल सकते। इसके बावजूद कई ऐसी व्यवस्थाएं हैं जिसके तहत दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है।
दोनों देशों के डीजीएमओ आपसी बातचीत करते हैं। बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजरों के बीच बातचीत होती है। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों देशों की एनएसए की मुलाकात हुई थी। हम आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकने की बात करते हैं, मगर आतंक पर बातचीत निश्चित रूप से आगे बढ़ सकती है। कुमार ने एनएसए स्तर की बातचीत के संदर्भ में बताया कि इस दौरान भी बातचीत आतंकवाद पर केंद्रित रही। भारत ने इस बैठक में भी सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया। इसके जरिए हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आतंक पूरे क्षेत्र को प्रभावित न करे।