देश में पहली बार गांव, कस्बों और तहसील मुख्यालयों पर बने रेलवे स्टेशनों और हाल्ट स्टेशनों तक यात्रियों को सुविधाएं पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय ने कमर कसी है। बड़ा बम धमाका: अमेरिका के न्यूयॉर्क में आतंकियों ने किया हमला, लोगों की मौत पर ट्रंप ने दिया ये बड़ा बयान…
बड़ा बम धमाका: अमेरिका के न्यूयॉर्क में आतंकियों ने किया हमला, लोगों की मौत पर ट्रंप ने दिया ये बड़ा बयान…
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक एक्सक्लूसिव मुलाकात में कहा कि देश में जहां कहीं भी बुजुर्गों और दिव्यांगों को रेल के डिब्बों के भीतर आने के लिए डिब्बों की सीढ़ियों चढ़नी होती है, वहां कम से कम दो बोगियों के सामने छोटा प्लेटफॉर्म बनाने पर उनकी सहमति है।
रेल मंत्री ने इसी बातचीत में ये भी ऐलान किया कि देश के तीन बड़े शहरों दिल्ली, बंगलुरू और मुंबई में यात्रियों की भीड़ का दबाव कम करने के लिए मौजूदा रेलवे लाइनों के ऊपर ही एलिवेटेड ट्रैक बनाने का काम 2019 से पहले शुरू हो जाएगा।
हमारा लक्ष्य देश के गरीब और वंचित लोगों के घरों तक पहुंचाने का रहा है। इसीलिए हमने एलईडी योजना शुरू की। हमने ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ ऊर्जा का खर्च घटाया भी है। एलईडी के इस्तेमाल से लोगों के सिर्फ बिजली बिल ही कम नहीं हुए बल्कि बिजली बची भी है।
जिन राज्यों के पास बिजली का टोटा रहता था, वहां अब बिजली सरप्लस है। लोगों को खुश देखना ही सरकार का लक्ष्य रहा है और अब तो दुनिया के तमाम दूसरे देश हमारे एलईडी कार्यक्रम को अपना रहे हैं और इसकी प्रशंसा कर रहे हैं।
इससे एक बात ये साफ जाहिर हुई कि इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कभी गंभीरता से सोचा ही नहीं गया। पीपीपी मॉडल के तहत बने इस प्रोजेक्ट की लागत बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से भी ज्यादा मिली।
गोयल ने कहा, “ये बात मैं पहली बार के साथ साझा कर रहा हूं कि इस पूरे प्रोजेक्ट के सरलीकरण का काम शुरू हो चुका है। हम मौजूदा ट्रैक के ऊपर ही नया ट्रैक बनाकर मुंबई में अतिरिक्त लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू करने जा रहे हैं। और, इसके साथ ही दिल्ली और बंगलुरू में भी 2019 से पहले एलिवेटेड रेलवे ट्रैक का काम शुरू कर दिया जाएगा। केंद्र की अगली बीजेपी सरकार ही इसका उद्घाटन भी कर देगी।”
हर हाल्ट पर बनेगा प्लेटफॉर्म
रेलमंत्री का ध्यान जब इस तरफ दिलाया गया कि देश के गांवों, कस्बों और तहसीलों को जोड़ने वाले रेल मार्ग पर अब भी तमाम स्टेशन और हाल्ट ऐसे हैं, जहां प्लेटफॉर्म तक नहीं बने हैं जिससे बुजुर्गों और दिव्यांगों को ट्रेन में चढ़ने में तमाम दिक्कतें होती हैं।
पहले तो रेलमंत्री को इस जानकारी पर अचरज हुआ, लेकिन मामले की गंभीरता के समझ आते ही उन्होंने कहा कि ऐसे हर स्टेशन पर जहां 50-60 लोग भी ट्रेन में चढ़ते हैं, कम से कम दो बोगियों में चढ़ने भर लंबाई का प्लेटफॉर्म बनाने पर उनकी सहमति है और इस दिशा में रेल मंत्रालय जरूर काम शुरू करेगा। उ
न्होंने की इस बात की भी प्रशंसा की कि यह संवेदनशील जानकारी उनको इस अखबार के माध्यम से मिली। उन्होंने कहा कि इन दिनों वह रेलवे से भी यात्राएं करते हैं और देश के लोगों की रेल यात्रा को बेहतर और सुखद करने के प्रयास में लगे हैं।
कोयला खदानों से प्रदूषण कम करने पर जोर
ये पूछे जाने पर कि ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता के लिए कोयले पर निर्भरता और उसमें भी खुली खदानों को बढ़ावा देना कहां तक उचित है, कोलया मंत्री ने कहा कि खुली खदानों (ओपन कास्ट माइनिंग) का भी अपना महत्व है। लेकिन, यह बात सरकार भी मानती है कि खुली खदानों से कोयला निकालने और उसके परिवहन के दौरान कम से कम प्रदूषण हो, इस पर भी ध्यान देना हमारी ही जिम्मेदारी है। कोयले की वैगनों पर पानी का छिड़काव हो और धूल रोकने के लिए भी बराबर काम करने की जरूरत है।
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