बिहार के बहुचर्चित 871 करोड़ के सृजन घोटाले के मुद्दे पर बुधवार को तीसरे दिन भी बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आरजेडी के विधायकों ने सदन के अंदर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद स्पीकर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी के सभी विधायक विधानसभा परिसर में जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए. आधे घंटे तक तेजस्वी यादव, उनके भाई तेज प्रताप यादव और सभी आरजेडी के विधायक धरने पर बैठे रहे. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि यह दोनों नेता सृजन घोटाले में शामिल हैं.
तेजस्वी यादव ने आज तक से बातचीत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने सृजन घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपकर लीपापोती का काम किया है और असली गुनहगारों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि सृजन घोटाला केवल भागलपुर, बांका और सहरसा तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य जिलों में भी इस घोटाले के तार जुड़े हैं.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार अन्य जिलों में इस घोटाले को छिपाने के लिए वहां के जिला अधिकारियों को लीपापोती के काम में लगा दिया है. तेजस्वी ने मांग की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी दोनों को इस घोटाले के मुद्दे पर इस्तीफा देना चाहिए और जब तक ऐसा नहीं होता है सदन को चलने नहीं देंगे.
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