उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता ख्वाजा हलीम की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनकी मौत के बाद नेताओं में शोक की लहर दौड़ गई। वह अखिलेश सरकार में पर्यटन विभाग में सलाहकार थे। 75 वर्षीय ख्वाजा हलीम ने दिल्ली के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। 75 वर्षीय ख्वाजा हलीम ने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, दो बेटी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक उनकी मौत बीती रात हुई। पूर्व राज्य मंत्री ख्वाजा हलीम को शुक्रवार की रात अटैक पड़ा था। इसके बाद उन्हें आनन फानन में अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। आराम नहीं मिलने पर उन्हें सोमवार को नई दिल्ली रेफर कर दिया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था।
75 वर्षीय ख्वाजा हलीम ने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, दो बेटी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक उनकी मौत बीती रात हुई। पूर्व राज्य मंत्री ख्वाजा हलीम को शुक्रवार की रात अटैक पड़ा था। इसके बाद उन्हें आनन फानन में अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। आराम नहीं मिलने पर उन्हें सोमवार को नई दिल्ली रेफर कर दिया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था।
बता दें कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूर्निवर्सिटी से 1969 में मास्टर्स की डिग्री ली। इसके बाद वह राजनीति में आ गए और 1970 में यूथ कांग्रेस के साथ जुड़ गए। इसके बाद वह लोक दल में चले गए और 1980 में अलीगढ़ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद वह मुलायम सिंह के संपर्क में आ गए। वह दो बार विधानपरिषद के लिए भी चुने गए।
1990 में वह उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन बनाए गए। वह पिछले दो दशकों से समाजवादी पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य थे। उन्हें 2014 में अखिलेश यादव ने पर्यटन विभाग में सलाहकार बनाया था।
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