गुजरात में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कटौती करने से जहां लोगों को राहत मिलेगी, वहीं विपक्षी दल इसे एक तरह का चुनावी स्टंट मान रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ईंधन पर टैक्स घटाने को लेकर एक पत्र लिखा था। गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल पर राज्य सरकारें 25 से 49 फीसदी तक वैट वसूलती हैं।वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि वह केंद्र सरकार की इस अपील पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री लोगों को दिवाली के मौके पर ये गिफ्ट दे सकते हैं।
शिवराज ये कह चुके हैं कि वे पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली वैट दर का 5 फीसदी कम करने पर गंभीर विचार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के राज्य वित्तमंत्री जयंत मलाइया ने कहा कि वे जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होंगे और वेट दर की कटौती का वहां जिक्र भी करेंगे।
हालांकि, दर कम करने पर विचार कर रहे सभी बीजेपी शासित प्रदेश हैं, लेकिन हरियाणा इसके पक्ष में नहीं दिख रहा है। हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने कहा कि राज्य ने पहले वैट दर को कम किया हुआ है। साथ ही सरकार जीएसटी को ध्यान में रखकर ही कदम उठाएगी।
केरल का कहना है कि कटौती नहीं की जा सकती, वहीं ओडिशा का मानना है कि ये फैसला कारगर नहीं है। केरल के वित्तमंत्री थॉमस इसाक का कहना है कि राज्य पर पहले ही जीएसटी की मार पड़ रही है, ऐसे में वे वैट दर में कटौती नहीं कर सकते।