बिहार की तर्ज पर अब उत्तराखंड की नवगठित भाजपा सरकार ने भी शराब कारोबारियों पर चाबुक चला दिया है। दरअसल, त्रिवेन्द्र सिंह सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए तीन जिलों उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग और चमोली में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू कर दी है। इसको लेकर बीते दिन सरकार ने शासनादेश भी जारी कर दिया था। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमे इस फैसले पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया है।  उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में एक अप्रैल से नहीं मिलेगी शराब
उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में एक अप्रैल से नहीं मिलेगी शराब
दरअसल, बीते वर्ष 8 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चार धाम यात्रा के चलते तीन जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में अगले वर्ष से शराबबंदी लगा दी जाए। हालांकि आबकारी विभाग ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। वैसे अभी तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है लेकिन त्रिवेन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत न मिलने की उम्मीद है इसी के चलते सरकार ने बीते दिन एक शासनादेश भी जारी कर दिया था। इस शासनादेश में में सरकार ने आदेश दिया है कि अगर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू कर दी जायेगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अधीन होगा।
वैसे अभी तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है लेकिन त्रिवेन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत न मिलने की उम्मीद है इसी के चलते सरकार ने बीते दिन एक शासनादेश भी जारी कर दिया था। इस शासनादेश में में सरकार ने आदेश दिया है कि अगर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में पूर्ण रूप से शराबबंदी लागू कर दी जायेगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अधीन होगा।
बताते चलें कि तीनों जिलों में सशर्त शराबबंदी के साथ-साथ सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर भी शराब पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा सरकार ने शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों और अस्पतालों के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकान को लाइसेंस नहीं दिए जाने के फैसले का भी सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।
आपको यह भी बता दें कि इस फैसले से राज्य सरकार को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। केवल उत्तरकाशी जिले में ही 18 शराब की दुकानें है जिससे सरकार को लगभग 25.16 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में 9 शराब की दुकानों से 22.41 करोड़ और चमोली जिले में 15 शराब ठेकों से राज्य सरकार को 36.63 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। ऐसे में तीनों जिलों में शराबबंदी होने से राज्य सरकार को लगभग 84.2 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।
हाई कोर्ट ने सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब और रीठा साहिब के पांच किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री और तंबाकू पर भी प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। आबकारी सचिव सीएस नपलच्याल ने इस बारे में कहा कि एक अप्रैल से उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में शराबबंदी हो जाएगी।
puridunia.com से साभार…
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