राम मंदिर के मुद्दे पर जिस तरह से लंबे समय से राजनीति हो रही है और तमाम राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे के आमने-सामने आते हैं, उसपर दूरसंचार क्षेत्र के बड़े उद्दमी सैम पित्रोदा ने बड़ा बयान दिया है। पित्रोदा ने कहा कि राम मंदिर या इतिहास के मुद्दों से अब हमें आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मैं भारत में हो रही बहस को देखता दूं तो यहां हमेशा से ही राम मंदिर और इतिहास को लेकर बहस होती है, हमे अतीत से चिपके रहना पसंद है, जबकि समय की जरूरत है कि हम इन मुद्दों से आगे बढ़े।
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वहीं राष्ट्रीय नवप्रतवर्तन परिषद को बंद किए जाने के फैसले की सैम पित्रोदा ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के लिए सरकार में मेधा का अभाव है। मैं सरकार के इनोवेशन परिषद को बंद किए जाने के फैसले से निराश हूं। पित्रोंदा ने यह सारी बातें गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल में इनोवेशन पर भाषण देते वक्त कही। उन्होंने कहा कि नवप्रवर्तन एक मंच है, जो रोगजार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता था। इसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुरू किया था जोकि एक बहुत बड़ा कदम था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे बंद कर दिया। सरकार के इस फैसले से मुझे बहुत निराशा हुई क्योंकि इस परिषद से रोजगार सृजन में इनोवेशन का काम बंद हो जाएगा।
हर क्षेत्र में इनोवेशन की आवश्यकता
इनोवेशन के विषय पर बोलते हुए पित्रोदा ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां आपको हर क्षेत्र में इनोवेशन की आवश्यकता होती है फिर चाहे वह सरकार हो, न्यायपालिका, शिक्षा या स्वास्थ्य। लेकिन मैं जब भी भारत में बहस को देखता हूं तो यहां लोग अतीत के ही विषय से चिपके रहते हैं, जबकि हमें जरूरत है कि अतीत से आगे बढ़ा जाए। गौरतलब है कि सैम पित्रोदा को भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है, यूपीए सरकार में वह भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन थे, 1984 में राजीव गाँधी की सरकार में उन्होंने सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमैट्रिक्स की स्थापना की थी।
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