लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस न करने की सीख दी तो हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी भी जोश में आ गए। बुधवार की रात में ही उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में प्राइवेट प्रैक्टिस रोकने का अभियान छेड़ा तो गुरुवार की सुबह छह डॉक्टरों के इस्तीफे की खबर आ गई। हालांकि नियमों का हवाला देकर सीएमएस ने इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। अब शुक्रवार से डॉक्टर ओपीडी में बैठेंगे या नहीं, इस पर संशय बरकरार है।

गुरुवार सुबह जिला अस्पताल में रोज की तरह ही ओपीडी में मरीज जुटने लगे थे। उसी वक्त कुछ डॉक्टरों के बैठक कर इस्तीफा देने की खबर आई। पहले चार और फिर शाम तक यह संख्या छह हो गई। इस्तीफा देने वालों में फिजीशियन डॉ. समीर गुप्त, डॉ. आलोक शुक्ल, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम गुप्त, सर्जन शादाब जमा खां के अलावा ईएमओ डॉ. अजीत सिंह, आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. डीके राव शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इन डॉक्टरों ने सीएमएस को भेजे पत्र में निजी कारणों का हवाला दिया है। यही नहीं, शुक्रवार से ओपीडी में न बैठने की भी जानकारी दी है।
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