अमेरिका की ओर से एच1-बी वीजा में एक बार फिर बदलाव के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। ये नया बदलाव कई भारतीय इंजीनियरों के विदेश में काम करने पर मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप प्रशासन 2011 के उस नियम में बदलाव करने जा रहा है जिसमें एच1-बी वीजा के तहत आने वाले विदेशी कर्मियों का पहले प्री रजिस्ट्रेशन किया जाता था।

इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर होने वाला है, क्योंकि करीब 70 फीसदी भारतीय एच1 बी वीजा पर निर्भर होकर अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं। हालांकि ये अभी साफ नहीं है कि ये कर्मियों पर क्या असर डालेगा, लेकिन इंफोसिस, टीएस और वीपरो में काम करने वालों पर इस बदलाव का प्रभाव जरूर दिखेगा।
इससे पहले एच1 बी वीजा में ट्रंप प्रशासन की ओर से बड़ा बदलाव किया गया था, जिसके मुताबिक वीजा धारकों के जीवन साथियों का काम करने का मौका मिल जाता था। इसे ग्रीन कार्ड की तरह देखा जाता है, लेकिन इस पर ट्रंप प्रशासन ने पैनी नजर बनाई हुई है।