इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि केवल मात्र विपासना इंसां ही है जो 25 अगस्त रात साढ़े 11 बजे तक हनीप्रीत के संपर्क में रहते हुए उससे मोबाइल पर बातचीत करती रही। विपसना ने ही हनीप्रीत को रोहतक से लाने के लिए इनोवो गाड़ी भेजी। विपसना से बात करने के बाद ही हनीप्रीत इनोवा गाड़ी में उसे लेने आए तीन लोगों के साथ जाने को राजी हुई।
इसका खुलासा सुनारिया जेल से हनीप्रीत को लेकर अपने घर ले जाने वाला रोहतक निवासी डेरा अनुयायी संजय चावला कर चुका है। संजय चावला को भी डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसां ने शाम छह बजे फोन करके हनीप्रीत को सुनारिया जेल से लाने के लिए बोला था। संजय चावला और उसके साथी जितेंद्र और वेदप्रकाश हनीप्रीत को सुनारिया जेल से लेकर आए। हनीप्रीत रात नौ बजे से लेकर दस बजे तक संजय चावला के घर पर रही। वो काफी परेशानी थी और उसने किसी से भी कोई बात नहीं की।