कार्तिक अमावस्या पर गंगानगरी में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते रोक होने के बाद भी शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। वहीं, भीड़ को देखते हुए हापड़ पुलिस लापरवाह बनी रही। जिसके चलते वाहनों का दबाव बढ़ने से हाईवे पर सुबह से जाम की स्थिति बनी रही, जिससे राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ी।

पुलिस-प्रशासन द्वारा हर बार गंगा में स्नान पर रोक के दावे किए जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। रविवार को कार्तिक अमावस्या पर भी गंगानगरी ब्रजघाट के गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह ब्रह्मकाल मे शुरू हुआ स्नान निरंतर चलता रहा।
शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट समेत खादर में लठीरा और पुष्पावती पूठ के कच्चे घाटों पर गंगास्नान करने के साथ ही पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कर्मकांड भी किए। श्रद्धालुओं की भीड़ उमडने से मुख्य स्नानघाट समेत अन्य घाटों पर शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं हो सका। गंगा सभा आरती समिति से जुड़े पदाधिकारी लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार श्रद्धालुओं को नियमों का पालन करने के लिए सचेत करते रहे, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील पर भी कोई ध्यान नहीं दिया।
जाम ने रोकी रफ्तार, परेशान हुए राहगीर
हाईवे पर वाहनों का दबाव बढ़ने और श्रद्धालुओं के आगमन के चलते अल्लाबख्शपुर टोल से गंगा पुल तक करीब दो घंटों तक जाम की स्थिति बनी रही। जाम के झाम ने वाहनों की रफ्तार रोक दी। पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम की स्थिति पर काबू पाया।
वहीं, एसडीएम विजयवर्धन तोमर का कहना है कि गंगा स्नान न होने देने के लिए सख्त निर्देश दिए गए थे। कुछ स्थानीय लोग स्नान करने पहुच गए जिनको वापस किया जा रहा है।
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