अमेरिका पर परमाणु हमला हुआ तो यहां छिपेंगे डोनाल्ड ट्रंप....

अमेरिका पर परमाणु हमला हुआ तो यहां छिपेंगे डोनाल्ड ट्रंप….

अगर अमेरिका पर परमाणु हमले का खतरा पैदा होता है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कहां ले जाया जाएगा? पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमेन से लेकर ट्रंप तक सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों के लिए ऐसी स्थिति में बंकर में रहने की सुविधा रही है। अमेरिका पर परमाणु हमला हुआ तो यहां छिपेंगे डोनाल्ड ट्रंप....राष्ट्रपति ट्रंप के लिए हैं कितने बंकर?
परमाणु हमले का खतरा पैदा होते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया जाएगा। इनमें से एक बंकर व्हाइट हाउस के नीचे स्थित है जिसे 1950 में बनाया गया था। 

वहीं, दूसरा बंकर वर्जिनिया के ब्लू रिज माउंटेन में माउंट वेदर नाम की चोटी में बना है । अमेरिका की नेवी ने ‘पीनट आइलैंड’ नाम का एक बंकर अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के लिए बनाया था। ये बंकर फ्लोरिडा में पाम बीच हाउस के करीब स्थित है जहां कैनेडी अक्सर जाया करते थे। 

पाम बीच हाउस और बंकर के बीच की दूरी सिर्फ दस मिनट की है। इस बंकर को ‘डिटेचमेंट होटल’ भी कहा जाता था जिसे बनाने में 97 हजार अमरीकी डॉलर का खर्च आया था। ट्रंप के पास उनका अपना भी एक बंकर है जो फ्लोरिडा में ‘मार-ए-लागो’ नाम की उनकी निजी प्रॉपर्टी में स्थित है। 

बंकर में कौन-कौन जा सकता है?

अगर राष्ट्रपति के लिए बनाए गए बंकर की बात करें तो उनके पास तीन बंकर हैं जिनमें पीनट आइलैंड, व्हाइट हाउस और माउंट वेदर शामिल हैं। ‘पीनट आइलैंड’ में राष्ट्रपति के साथ-साथ उनके दर्जन भर सहयोगी और सचिव जा सकते हैं। इस बंकर में कुल 30 लोगों के लिए जगह है। 9/11 हमले के दौरान व्हाइट हाउस बंकर में तैनात रहने वाले मरीन रॉबर्ट डार्लिंग के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने राष्ट्रपति समेत उन लोगों के लिए व्यवस्था की हुई है जो शीर्ष पदों पर हैं। 

डार्लिंग कहते हैं, “अमेरिका पर 11 सितंबर के हमले के दौरान उप राष्ट्रपति डिक चेनी ने बंकर से काम कर रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोंडोलीजा राइस, रक्षा सचिव डोनल्ड रम्सफील्ड समेत कुछ अन्य लोग थे। वहीं, तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश एयर फोर्स वन में मौजूद थे।”

कांग्रेस सदस्यों के लिए पश्चिमी वर्जिनिया में व्हाइट सल्फर स्प्रिंग्स के नजदीक स्थित ग्रीनब्रायर रिसॉर्ट में एक बंकर है। इस बंकर का नाम प्रोजेक्ट ग्रीक आइलैंड था और दशकों तक इसे इस्तेमाल किया जाता रहा। लेकिन इसका नाम, साल 1992 में इस बंकर का प्रयोग बंद होने के बाद सामने आया। 

क्या परमाणु हमले से बचा सकता है बंकर?

सीआईए और एफ़बीआई के शीर्ष अधिकारी व्हाइट हाउस के नीचे बंकर जैसी संरचना में बैठकर जॉर्ज बुश की स्पीच सुनते हुए – फोटो : US NATIONAL ARCHIVES
वर्जीनिया में माउंट वेदर के आसपास रहने वाले लोग इसे ‘डूम्सडे सिटी यानी प्रलय के दिन वाला शहर कहते हैं। ब्लूमाउंट, वर्जीनिया के पास स्थित 1754 फीट की माउंट वेदर चोटी को राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों के लिए एक बंकर में बदल दिया गया। 

माउंट वेदर की देखरेख अमरीकी ‘फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी’ यानी फेमा करती है। इसे सितंबर 2001 में अल-कायदा के हमले के बाद शुरू किया गया था। फेमा निदेशक ने अक्तूबर, 2001 में कांग्रेस के सामने दिए एक बयान में कही भी थी। हालांकि, उन्होंने इससे आगे की जानकारी नहीं दी। 

माउंट वेदर से लेकर पीनट आइलैंड और मार-ए-लागो बंकरों को शीत युद्ध के दौरान बनाया गया था। ‘मार ए लागो’ बंकर को 1950 की शुरुआत में रईस महिला, मर्जरी मेरीवेदर पोस्ट ने बनवाया गया था। पोस्ट को कोरिया के साथ युद्ध होने की आशंका थी। ट्रंप ने इस प्रॉपर्टी को साल 1985 में खरीदा। उनके साथ इस बंकर में जाने वाले 6.5 फीट के प्रोजेक्ट मैनेजर वेस ब्लेकमैन ने बताया था कि इस बंकर में जाना किसी पुरातात्विक खोज जैसा था।

ब्लेकमैन कहते हैं, “उन्हें ये समझ नहीं आया कि बंकर की मजबूती को लेकर क्यों लगातार काम किया जा रहा है, क्योंकि जब महायुद्ध जैसा कुछ होगा तो बचने के लिए कोई जगह नहीं होगी।” वहीं वन नेशन अंडरग्राउंड किताब की लेखिका कैनेथ रोज कहती हैं कि अगर बंकर पर सीधे हमला किया जाए तो किसी भी तरह का बचाव काम नहीं आएगा क्योंकि ऊर्जा और तापमान बेहद ज्यादा होगा।”

 
 
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