असम सरकार ने चार जिलों में छह माह के लिए सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 (अफस्पा) बढ़ा दिया है। राज्य सरकार के राजनीतिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर कहा कि अशांत क्षेत्र तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव और शिवसागर में अफस्पा आगामी एक अप्रैल से छह माह के लिए प्रभावी रहेगा।
सशस्त्र बलों को कहीं भी आपरेशन चलाने का अधिकार
यह अधिनियम सशस्त्र बलों को कहीं भी आपरेशन चलाने और बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। यह गलत संचालन पर सुरक्षा बलों को निश्चित स्तर की प्रतिरक्षा भी प्रदान करता है। एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में असम पुलिस ने इन चार जिलों में एक उग्रवादी संगठन के सक्रिय होने की रिपोर्ट दी थी। इस पर राज्य सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को सौंपा था।
इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद अशांत क्षेत्रों में छह माह के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया गया। केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार ने अफस्पा को 30 सितंबर 2024 तक बढ़ा दिया। पिछली बार यह अधिनियम गत एक अक्टूबर को छह माह के लिए बढ़ाया गया था। हालांकि पिछली बार जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और डिमा हसाओ अफस्पा हटा लिया गया था।
असम में AFSPA अधिनियम को आखिरी बार 1 अक्टूबर 2023 को 31 मार्च को समाप्त होने वाले छह महीने के लिए बढ़ाया गया था।
अरुणाचल प्रदेश में भी बढ़ा था AFSPA
इससे पहले गुरुवार को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और एक अन्य जिले के तीन पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में AFSPA को छह महीने की अवधि के लिए बढ़ा दिया था। 1 अप्रैल 2024 से इन्हें ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाएगा।
इसके अलावा, भारत सरकार ने असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में भी AFSPA बढ़ा दिया है।
केंद्र सरकार ने इस साल 1 अप्रैल से नागालैंड के पांच जिलों के आठ जिलों और 21 पुलिस स्टेशनों को छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया था।
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