अधिक मात्रा में कोल्ड ड्रिंक के सेवन से हो सकती है ये बड़ी बीमारियाँ
कच्चा दूध
कच्चा दूध अनपाश्चराइज्ड होता है, जिसका परीक्षण नहीं किया जाता है। भारत में यह दूध ऑर्गेनिक ऑर अनऑर्गेनिक दोनों रूपों में मिलता है। स्थानीय डेयरी भी इसे घरों तक पहुंचाती हैं। ऑर्गेनिक का मतलब होता है, जानवरों को दी जाने वाली खाद्य पदार्थों में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद्य पदार्थ की मिलावट का न होना। इन डेयरियों में गाय और भैसों से अधिक दूध निकालने के लिए किसी भी तरह की दवा नहीं दी जाती।
पैकेट का दूध
पैकेट का दूध अच्छी तरह से पाश्चराइज्ड होता है। पाश्चराइज्ड का मतलब होता है कि दूध से बैक्टीरिया और अशुद्धता दूर करने के लिए पहले उसे गर्म करना और उसके तुरंत बाद ही एक मानक तापमान पर उसे ठंडा किया जाना। पैकेट का दूध बाजार में तीन प्रकार से मिलता है, टोन्ड, डबल टोन्ड और फुल क्रीम।
पैकेट का दूध अच्छी तरह से पाश्चराइज्ड होता है। पाश्चराइज्ड का मतलब होता है कि दूध से बैक्टीरिया और अशुद्धता दूर करने के लिए पहले उसे गर्म करना और उसके तुरंत बाद ही एक मानक तापमान पर उसे ठंडा किया जाना। पैकेट का दूध बाजार में तीन प्रकार से मिलता है, टोन्ड, डबल टोन्ड और फुल क्रीम।
टेट्रा पैक दूध
अल्ट्रा हाई टेम्प्रेचर (यूएचटी) या हाई टेम्प्रेचर शॉर्ट टाइम (एचटीएसटी) का उपयोग करके दूध को कुछ सेकंड के लिए निर्धारित तापमान पर गर्म किया किया जाता है, फिर ठंडा किया जाता है। और फिर से टेट्रा पैक्स में गर्म किया जाता है। टेट्रा पैक्स में दूध की सुरक्षा के लिए आमतौर पर छह लेयर्स होती हैं। टेट्रा पैक में उपलब्ध दूध की समय अवधि अन्य दूध की अपेक्षा ज्यादा होती है।
अल्ट्रा हाई टेम्प्रेचर (यूएचटी) या हाई टेम्प्रेचर शॉर्ट टाइम (एचटीएसटी) का उपयोग करके दूध को कुछ सेकंड के लिए निर्धारित तापमान पर गर्म किया किया जाता है, फिर ठंडा किया जाता है। और फिर से टेट्रा पैक्स में गर्म किया जाता है। टेट्रा पैक्स में दूध की सुरक्षा के लिए आमतौर पर छह लेयर्स होती हैं। टेट्रा पैक में उपलब्ध दूध की समय अवधि अन्य दूध की अपेक्षा ज्यादा होती है।
कौन सा है बेहतर
जब बात आती है कच्चे या पैक्ड दूध में से किसी एक को चुनने की, तब अध्ययनों में टेट्रा पैक्ड दूध को ज्यादा सुरक्षित माना गया है। भारत में कच्चे दूध की गुणवत्ता पर कई बार सवाल उठते रहते हैं। अध्ययन बताते हैं कि जिन पैकेट्स में यह दूध आता है, उसमें रासायनिक बिस्फेनोल ए पाया जाता है। यह हमारे हार्मोन्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
जब बात आती है कच्चे या पैक्ड दूध में से किसी एक को चुनने की, तब अध्ययनों में टेट्रा पैक्ड दूध को ज्यादा सुरक्षित माना गया है। भारत में कच्चे दूध की गुणवत्ता पर कई बार सवाल उठते रहते हैं। अध्ययन बताते हैं कि जिन पैकेट्स में यह दूध आता है, उसमें रासायनिक बिस्फेनोल ए पाया जाता है। यह हमारे हार्मोन्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।
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