शनि देव को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास है। ऐसे में आप सभी को यह भी बता दें कि इस दिन किए गए उपाय विशेष फलदायी साबित होते हैं। जी दरअसल शनिवार के दिन शनि की कुदृष्टि से गुजर लोगों को पूजा-पाठ और उपासना आदि करने की सलाह दी जाती है। इसी के साथ ही अगर इस दिन राशि के अनुसार दान किया जाए, तो विशेष लाभ होता है। आज हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
शमी के पत्ते- कहा जाता है शनि जयंती के दिन शनिदेव को शमी के पत्ते अर्पित करने चाहिए। शनि जयंती के दिन शमी वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाया जाना चाहिए।
अपराजिता के फूल- शनि जयंती के दिन शनिदेव को अपराजिता के फूल अर्पित करने चाहिए। शनिदेव को नीला रंग विशेष प्रिय है। अगर आपको शनि पीड़ा से मुक्ति पानी है तो उन्हें अपराजिता का पुष्प जरूर अर्पित करें।
सरसों का तेल- शनि जयंती पर शनि भगवान का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए। जो लोग शनिदेव को तेल चढ़ाते हैं, उनकी कुंडली के सभी शनि दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
काले तिल- शनि जयंती पर काले तिल और काले तिल से बने व्यंजन शनिदेव को जरूर चढ़ाना चाहिए। जी दरअसल काले तिल का कारक शनि ग्रह ही है। इस कारण शनि के लिए काले तिल का दान भी करना चाहिए।
नारियल- शनि जयंती पर शनि देव को नारियल चढ़ाएं। इससे शनि दोष से शांति प्राप्त होती है।