तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी की मौत को 5 साल हो चुके हैं। 42 सालों तक लीबिया की जनता पर राज करने वाले कर्नल गद्दाफी को खौफ और आतंक का पर्याय माना जाता था।
अक्टूबर 2011 में हुई गद्दाफी की मौत के बाद माना गया था कि अब लीबिया अमन-चैन की शुरुआत हो गई है, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। आज भी लीबिया हिंसा के दौर से गुजर रहा है।
गद्दाफी की मौत के बाद अमेरिकन सेना ने उसके कई सीक्रेट तहखानों की खोज की थी।गद्दाफी के कुछ वफादार गुर्गे थे, जिनका काम लीबिया के स्कूलों, कॉलेजों में टैलेंट हंट के बहाने कमसिन लड़कियों को चुनना था।
अधिकतर लड़कियां स्टूडेंट्स थीं, जिन्हें स्कूल और कॉलेज से किडनैप किया गया था। लड़कियों का किडनैप करने के बाद उनका मेडिकल चेकअप भी कराया जाता था कि वे किसी बीमारी का शिकार तो नहीं।
गद्दाफी ने सैकड़ों बच्चियों का बलात्कार किया, जिनमें कईयों की उम्र 14 साल से भी कम थी। सीक्रेट तहखानों में स्कूल और कॉलेजों से किडनैप की गई वर्जिन लड़कियों को रखा जाता था।
गद्दाफी को अगर लड़की पसंद आती तो वह उसे लाने वाले गुर्गे को इनाम भी दिया करता था। तहखानों से सैकड़ों की संख्या में लड़कियां निकाली गई थीं।