सस्ते मकान की खरीदारी को सरकार बजट में प्रोत्साहित कर सकती है। अभी सरकार 35 लाख तक के मूल्य के मकान की खरीदारी को लेकर लिए जाने वाले लोन की ब्याज दरों पर सब्सिडी देती है। आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में 35 लाख तक की सीमा को बढ़ाकर 50 लाख तक किया जा सकता है। इससे सस्ते मकान की बिक्री बढ़ सकती है और निर्माण सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा।
आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार निर्माण सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रकार का फैसला ले सकती है। सर्विस सेक्टर में सबसे अधिक रोजगार का सृजन निर्माण सेक्टर में होता है। लेकिन गत चार तिमाही से निर्माण सेक्टर की बढ़ोतरी दर कम हो रही है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में निर्माण सेक्टर में 7.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही जबकि पहली तिमाही में यह बढ़ोतरी 10.5 प्रतिशत तो पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में यह बढ़ोतरी दर 13.6 प्रतिशत की थी। उससे पहले की तिमाही में निर्माण सेक्टर में 8.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
जानकारों का कहना है कि सस्ते मकान की बिक्री लगातार कम हो रही है। हाउसिंगडॉटकॉम और प्रोपटाइगरडॉटकॉम के सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने बताया कि सब्सिडी की योग्यता सीमा में बढ़ोतरी के साथ होम लोन के ब्याज पर टैक्स सब्सिडी की सीमा को बढ़ाने से रियल एस्टेट सेक्टर को चुनौतियों से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से टैक्स में छूट के लिए दो लाख तक के ब्याज की सीमा चल आ रही है। इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था के तहत होम लोन धारक इनकम टैक्स में छूट के लिए अधिकतम अपनी आय में दो लाख तक का ब्याज का फायदा ले सकते हैं।
पीएम किसान के लिए तहत मिल सकती है राहत
बजट में पीएम किसान स्कीम के तहत किसानों को भी राहत दी जा सकती है। पीएम किसान के तहत पंजीकृत किसानों को सालाना छह हजार रुपए सरकार की तरफ दिए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण खपत को बढ़ाने के लिए सरकार पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि पीएम किसान की राशि में एक हजार रुपए का इजाफा किया जा सकता है। इससे देश के लगभग 11 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। जानकारों का कहना है कि आगामी बजट में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती खपत बढ़ाने की है क्योंकि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था की विकास दर धीमी होती दिख रही है।
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