दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत में ईडी की ओर से फाइल चार्जशीट के मुताबिक, 7 अगस्त 2009 तक कुल 200 करोड़ रुपये कलैगनार टीवी को ट्रांसफर हो गए, वह भी ‘किसी के बीच कोई वैध समझौता हुए बिना।’ ईडी ने चार्जशीट में कहा, ‘एक ही दिन में डायनैमिक्स रीयल्टी से कलैगनार टीवी में पैसे कई बार आए और वापस हुए।’
मजेदार बात यह है कि 2जी स्कैम में ए राजा की भूमिका को लेकर पूछताछ के लिए उन्हें सीबीआई से 23 दिसंबर 2010 को बुलावा आया और एक दिन बाद ही कलैगनार टीवी ने 200 करोड़ रुपये लौटाने शुरू कर दिए थे। मूलधन के रूप में 10 करोड़ रुपये की पहली खेप 24 दिसंबर 2010 को पहली किस्त दी गई और 3 फरवरी 2011 तक कलैगनार टीवी ने कंपनी को सूद सहित 230.31 करोड़ रुपये लौटा दिए।
कैश और बैंक ट्रांजैक्शन के जरिए फंड्स की व्यवस्था आसानी से हो गई थी। ईडी ने इन सारे ट्रांजैक्शन का जिक्र अपनी चार्जशीट में किया है। इंडिया सीमेंट्स लि. ने 60 करोड़ रुपये और (विजय माल्या के) यूनाइटेड स्पिरिट्स लि. ने 65 करोड़ रुपये कलैगनार टीवी को तुरंत दिए थे। कलैगनार टीवी को 83 करोड़ रुपये की पहली खेप अंजुगम फिल्म्स प्राइवेट लि. से 24 दिसंबर 2010 को प्राप्त हुई थी। उसके एक दिन बाद दिल्ली के सीबीआई हेडक्वॉर्टर से ए राजा को पूछताछ के लिए बुलावा आ गया था। ईडी की रिपोर्ट कहती है कि सफायर मीडिया ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. नाम की एक कंपनी ने कलैगनर टीवी तक पहुंचाने के लिए 83 करोड़ रुपये अंजुगम फिल्म्स को दिए थे।
राजा को सीबीआई से आए बुलावे के दो हफ्तों के अंदर इंडिया सीमेंट्स लि. ने 12 जनवरी 2011 को कलैगनर टीवी से अगले पांच साल तक कंपनी का ऐड दिखाने का समझौता कर लिया। कलैगनार टीवी के लोकल नेटवर्क पर ये ऐड दिखाने के लिए 18 जनवरी 2011 की तारीख वाले दो चेकों के जरिए 60 करोड़ रुपये का अडवांस पेमेंट कर दिया गया।
इंडिया सीमेंट्स के 60 रुपये देने के एक हफ्ते के बाद यूनाइटेड स्पिरिट्स ने कलगैनार टीवी के साथ अग्रीमेंट साइन किया जिसके तहत अगले 8 सालों तक उसके प्रॉडक्ट्स को कलैगनार टीवी के जरिए प्रमोट करने का समझौता हुआ। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा, ‘कलैगनार टीवी ने इन कंपनियों के पैसे वापस सिर्फ इसलिए नहीं किए कि इन्हें बिजनस ट्रांजैक्शन दिखाया जा सके, बल्कि इसका मकसद प्राप्त पैसों को वैध बिजनस डील का हिस्सा बताने का प्रयास भी था ताकि ऐसा न लगे कि मामला रिश्वतखोरी का है।’